लखनऊ: कानपुर और लखनऊ के बीच 67 किलोमीटर के एक्सप्रेस-वे का निर्माण बहुत जल्द शुरू होने वाला है. इसके लिए कंपनियां भी तय हो चुकी हैं. गौरतलब है कि इसी फेस में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. जिससे केवल 45 मिनट में वाहन चालक लखनऊ से कानपुर पहुंच जाएगा. बाद में यह एक्सप्रेस वे कानपुर-गाजियाबाद एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा. जिससे दिल्ली के लिए एक और रास्ता लखनऊ से मिल जाएगा. मगर इस बार रूट आगरा एक्सप्रेस वे से अलग हो जाएगा.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे में लखनऊ से उन्नाव तक कानपुर की सीमा पर जहां ट्रांस गंगा सिटी शुरू होती है. कुल 63 गांवों की भूमि अर्जित की गई. इसकी लंबाई भी लगभग 64 किलोमीटर है. जिस पर सिक्स लेन निर्माण का यह एक्सप्रेसवे बनेगा. इस एक्सप्रेस वे लखनऊ-कानपुर की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो जाएगी. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का या ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसको लेकर पिछले दिनों केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बजट की घोषणा की थी. इसकी शुरुआत में 2 हजार करोड़ रुपए दे दिए गए हैं. एनएचएआई ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दिया है. कंपनियां लगभग फाइनल हो चुकी है. अक्टूबर से यह काम शुरू हो जाएगा.
केंद्रीय रक्षा मंत्री के लखनऊ में प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि सितंबर से अक्टूबर में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो जाएगा और 2 साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि कानपुर से गाजियाबाद के बीच बनने वाला एक और एक्सप्रेसवे जो कि लगभग 350 किलोमीटर का होगा. उसका निर्माण भी इस एक्सप्रेस वे के साथ शुरू होगा. 3 साल में वह पूरा हो जाएगा. लगभग 20,000 करोड़ रुपए का खर्च का अनुमान कानपुर गाजियाबाद एक्सप्रेस वे पर होगा. यह एक्सप्रेसवे कानपुर के लिए खास होगा. क्योंकि अभी तक आगरा एक्सप्रेस वे का लाभ कानपुर को नहीं मिल पा रहा है. आगरा एक्सप्रेसवे कानपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है. इस वजह से कानपुर के लोगों को दिल्ली जाने के लिए पुराने रास्ते का ही इस्तेमाल करना पड़ता है. जिसमें उनको काफी वक्त लगता है.
कानपुर से गाजियाबाद के बीच तैयार होने वाले 380 किमी लंबे ग्रीनफील्ड इकोनामिक कॉरिडोर को तैयार करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया तेज हो गई है. एनएचएआई ने इसके लिए पिछले महीने टेंडर जारी किए थे. जिसमें 9 कंपनियां शामिल हुई हैं. एक्सेस कंट्रोल्ड इस एक्सप्रेसवे कॉरिडोर का निर्माण 2025 में पूरा होने की उम्मीद है. कंसल्टेंट नियुक्ति की प्रक्रिया में आगे आई कंपनियों के लिए एनएचएआई ने 300 दिनों में इस प्रोजेक्ट की डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार करने की डेडलाइन दी है. 380 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के लिए सटीक अलाइनमेंट को कंसल्टेंट की तय करेगा. यह एक्सप्रेसवे फर्रूखाबाद होकर गुजरेगा और यहां से वह गंगा एक्सप्रेस वे से भी लिंक किया जा सकता है. जबकि कानपुर में यह उन्नाव के पास लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे पर ही खत्म होगा. कंसलटेंट के टेंडर में अभी तक सीई टेस्टिंग कंपनी प्रा लि., चैतन्य प्रोजेक्ट्स कंसल्टेंसी प्रा.लि., के एंड जे प्रोजेक्ट प्रा.लि., एलईए एसोसिएट साउथ एशिया प्रा.लि., लॉयन इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स प्रा.लि., एमएसवी इंटरनेशनल, राइट्स, एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंट प्रा.लि., थीम इंजीनियरिंग सर्विसेस कंपनी आगे आई हैं.
इन शहरों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
गाजियाबाद, हापुड़, बुलंद शहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रूखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, कानपुर
मुख्य बातें-
- 380 किमी लंबा होगा एक्सप्रेस वे
- 6 लेन का होगा एक्सप्रेसवे
- 8 लेन तक एक्सपेंड किया जा सकेगा
- 9 शहरों से कनेक्ट होगा एक्सप्रेसवे
- 3 घंटे कम हो जाएगी गाजियाबाद पहुंचने का समय