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NOC और विभागों के झगड़े में दो महीने से फंसा लखनऊ के चौक फ्लाईओवर का निर्माण

लखनऊ में सेतु निगम और एएसआई के अधिकारियों के बीच झगड़े के चलते ये निर्माण काम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. एएसआई की ओर से निर्माण के लिए एनओसी नहीं दी जा रही है.

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Published : Feb 21, 2021, 4:18 PM IST

NOC और विभागों के झगड़े में दो महीने से फंसा लखनऊ के चौक फ्लाईओवर का निर्माण
NOC और विभागों के झगड़े में दो महीने से फंसा लखनऊ के चौक फ्लाईओवर का निर्माण

लखनऊः राजधानी की 10 लाख की आबादी को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह नींबू पार्क से चौक फ्लाईओवर का निर्माण 2 महीने से फंसा पड़ा है. सेतु निगम और एएसआई के अधिकारियों के बीच झगड़े के चलते ये निर्माण आगे नहीं बढ़ पा रहा है. एएसआई की ओर से निर्माण के लिए एनओसी नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से फ्लाईओवर का काम बंद है. कमिश्नर रंजन कुमार के हस्तक्षेप के बाद भी 2 महीने बाद निर्माण आगे नहीं बढ़ पाया है.

130 करोड़ रुपये की लागत से बनना है फ्लाईओवर

करीब 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन चौक फ्लाईओवर का काम पुरातत्व विभाग की एनओसी की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. सेतु निगम के अधिकारियों का कहना है कि फ्लाईओवर का काम 90 फीसदी हो चुका है. पुरातत्व विभाग की एनओसी का इंतजार है. एक साल से आवेदन किया गया है. लेकिन एनओसी नहीं दी जा रही है.

पुरातत्व विभाग करा चुका है FIR

पुरातत्व विभाग के अधिकारी लगातार आपत्ति लगा रहे हैं. यही नहीं सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक पर पुरातत्व विभाग की ओर से पिछले महीने एफआईआर भी करायी गयी. सेतु निगम की ओर से जो कुछ निर्माण काम हुसैनाबाद ट्रस्ट के पास कराया जाना है, जो संरक्षित इमारत है. उसे तोड़ने की विधि विभाग के अधिकारी दे चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है. निगम मौके पर निर्माण शुरू कर चुका था. जिसे रुकवाने के लिए एफआईआर करायी थी.

कमिश्नर रंजन कुमार ने बनायी है समिति

लखनऊ कमिश्नर रंजन कुमार ने देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह इस ड्रीम प्रोजेक्ट में दो विभागों के झगड़े को दूर करने और एनओसी जारी करने को लेकर एक समिति बनाई है. 25 फरवरी को ये समिति निरीक्षण करेगी. इसके बाद एनओसी के लिए कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद एनओसी पुरातत्व विभाग की ओर से जारी करने का काम किया जायेगा. सेतु निगम के एमडी अरविंद कुमार का कहना है कि हमारी ओर से कोई दिक्कत नहीं है. पुरातत्व विभाग की ओर से एनओसी मिलते ही ये काम 102 महीने में पूरा हो जायेगा. हुसैनाबाद इलाके की ओर से एप्रोच रोड बनाने के काम को पुरातत्व विभाग की ओर से रोक दिया गया था. जिसकी वजह से काम फंसा है, वो लोग जनहित से जुडे़ काम में एफआईआर कराकर रुकावट डालने की कोशिश भी कर रहे हैं. जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी है.

लखनऊः राजधानी की 10 लाख की आबादी को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह नींबू पार्क से चौक फ्लाईओवर का निर्माण 2 महीने से फंसा पड़ा है. सेतु निगम और एएसआई के अधिकारियों के बीच झगड़े के चलते ये निर्माण आगे नहीं बढ़ पा रहा है. एएसआई की ओर से निर्माण के लिए एनओसी नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से फ्लाईओवर का काम बंद है. कमिश्नर रंजन कुमार के हस्तक्षेप के बाद भी 2 महीने बाद निर्माण आगे नहीं बढ़ पाया है.

130 करोड़ रुपये की लागत से बनना है फ्लाईओवर

करीब 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन चौक फ्लाईओवर का काम पुरातत्व विभाग की एनओसी की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. सेतु निगम के अधिकारियों का कहना है कि फ्लाईओवर का काम 90 फीसदी हो चुका है. पुरातत्व विभाग की एनओसी का इंतजार है. एक साल से आवेदन किया गया है. लेकिन एनओसी नहीं दी जा रही है.

पुरातत्व विभाग करा चुका है FIR

पुरातत्व विभाग के अधिकारी लगातार आपत्ति लगा रहे हैं. यही नहीं सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक पर पुरातत्व विभाग की ओर से पिछले महीने एफआईआर भी करायी गयी. सेतु निगम की ओर से जो कुछ निर्माण काम हुसैनाबाद ट्रस्ट के पास कराया जाना है, जो संरक्षित इमारत है. उसे तोड़ने की विधि विभाग के अधिकारी दे चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है. निगम मौके पर निर्माण शुरू कर चुका था. जिसे रुकवाने के लिए एफआईआर करायी थी.

कमिश्नर रंजन कुमार ने बनायी है समिति

लखनऊ कमिश्नर रंजन कुमार ने देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह इस ड्रीम प्रोजेक्ट में दो विभागों के झगड़े को दूर करने और एनओसी जारी करने को लेकर एक समिति बनाई है. 25 फरवरी को ये समिति निरीक्षण करेगी. इसके बाद एनओसी के लिए कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद एनओसी पुरातत्व विभाग की ओर से जारी करने का काम किया जायेगा. सेतु निगम के एमडी अरविंद कुमार का कहना है कि हमारी ओर से कोई दिक्कत नहीं है. पुरातत्व विभाग की ओर से एनओसी मिलते ही ये काम 102 महीने में पूरा हो जायेगा. हुसैनाबाद इलाके की ओर से एप्रोच रोड बनाने के काम को पुरातत्व विभाग की ओर से रोक दिया गया था. जिसकी वजह से काम फंसा है, वो लोग जनहित से जुडे़ काम में एफआईआर कराकर रुकावट डालने की कोशिश भी कर रहे हैं. जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी है.

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