लखनऊ: महानगर में यूपी पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत रहा एक कांस्टेबल ठग निकला. कांंस्टेबल ने पत्नी और बेटे के साथ मिलकर एक व्यक्ति को बाल विकास और पुष्टाहार विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देकर 9 लाख रुपये ठगे लिए. महानगर कोतवाली में कांस्टेबल, उसकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. विवादों में घिरे कांस्टेबल ने तेजी से खुद को मिर्जापुर जिले के प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) में स्थानांतरित करा लिया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस के मुताबिक, लखनऊ के आईआईएम रोड कॉलोनी के अमित राय ने एक परिचित के माध्यम से यूपी पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत रहे कांस्टेबल प्रमोद कुमार मिश्रा से मुलाकात की थी. कांस्टेबल ने उन्हें बाल विकास और पुष्टाहार में परियोजना अधिकारी की नौकरी दिलाने का वादा किया. प्रमोद ने अमित राय से 12 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा, जो अमित राय ने चार चेकों के माध्यम से किया. प्रमोद के बेटे दिव्यांश और घनश्याम श्रीवास्तव के नाम पर चेक से पैसे निकाले गए हैं.
कांस्टेबल ने दिया फर्जी नियुक्ति पत्र
अमित का कहना है कि कुछ हफ्तों के बाद प्रमोद ने मुझे एक नियुक्ति पत्र और भर्ती चार्ट दिया, जिसमें मुझे 21 जुलाई से 30 अगस्त, 2020 के बीच कौशाम्बी में बाल विकास और पुष्टाहार विभाग में ज्वॉइन करने के लिए कहा. जब मुझे पता चला कि नियुक्ति पत्र और भर्ती चार्ट नकली है तो मैंने अपने पैसे वापस मांगे. इस पर कांस्टेबल ने 9 लाख रुपये में से केवल 3 लाख रुपये लौटाए. बाकी का पैसा प्रमोद ने नहीं लौटाया. मांगने पर वह जान से मारने की धमकी देता है. अमित की तहरीर पर महानगर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया. मामले की जांच की जा रही है.
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गोशाला परियोजना में धोखाधड़ी में जा चुका जेल
अमित का आरोप है कि कांस्टेबल प्रमोद, उनकी पत्नी मीनाक्षी और उनके बेटे दिव्यांश को बाराबंकी में एक गोशाला परियोजना में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. अमित राय ने दावा किया कि कई लोगों ने धोखाधड़ी के लिए मड़ियांव थाने में भी प्रमोद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. महानगर के एसएचओ प्रदीप सिंह ने कहा, कांस्टेबल और उसकी पत्नी और बेटे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. छानबीन की जा रही है.