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हाईकोर्ट की फटकार के बाद दुराचारी सिपाही गिरफ्तार, आरोपी दारोगा अब भी फरार, जानें क्या है मामला

हरदोई जनपद में दो नाबालिग बहनों के साथ दुराचार के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा एसपी राकेश द्विवेदी को मिली कड़ी फटकार के बाद पुलिस हरकत में आई और दो अभियुक्त सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया है. शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी न्यायालय को दी गई. हालांकि यह भी बात सामने आई कि घटना का एक अन्य अभियुक्त सब इंस्पेक्टर संजय सिंह (Accused Sub Inspector Sanjay Singh) अब भी पुलिस की पकड़ के बाहर है.

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Published : Nov 18, 2022, 6:44 PM IST

लखनऊ : हरदोई जनपद में दो नाबालिग दलित बहनों के साथ दुराचार के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of the High Court) द्वारा एसपी राकेश द्विवेदी को मिली कड़ी फटकार (Damnation) के बाद पुलिस हरकत में आई और दो अभियुक्त सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया है. शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी न्यायालय को दी गई. हालांकि यह भी बात सामने आई कि घटना का एक अन्य अभियुक्त सब इंस्पेक्टर संजय सिंह (Accused Sub Inspector Sanjay Singh) अब भी पुलिस की पकड़ के बाहर है. उसके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट भी जारी किया जा चुका है.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह (Justice Rajesh Singh Chauhan and Justice Vivek Kumar Singh) की खंडपीठ ने पीडिताओं की मां की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याची की ओर से कहा गया था कि घटना 14 अप्रैल 2022 की है. आरोप है कि वादी का पति हरदोई के पिहानी थाना क्षेत्र में चौकी जहानीखेड़ा अंतर्गत किराए की जमीन पर एक ढाबा चलाता है.

एफआईआर में कहा गया है कि संजय सिंह जहानीखेड़ा का चौकी इंचार्ज (Sanjay Singh Jahanikheda Chowki Incharge) है जबकि मनोज सिंह और प्रियांशु वहीं सिपाही (Constable Manoj Singh and Priyanshu) हैं. वे ढाबे पर आते थे और वादी तथा उसकी बेटियों के साथ गंदी हरकत करते थे. आरोप है कि घटना वाले दिन तीनों अभियुक्तों ने ढाबे पर शराब परोसने के लिए नाबालिग बहनों (Minor sisters) को बुलाया जिसका विरोध करने पर वादी को मारा-पीटा तथा दोनों नाबालिग बहनों को ढाबे के पीछे उठाकर ले गए व दुराचार किया. डीम व एसपी से शिकायत करने के बाद भी घटना की एफआईआर नहीं दर्ज की गई. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई.


याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त को हरदोई पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन पॉक्सो की धारा नहीं लगाई और काफी दिन बीत जाने के बावजूद अभियुक्त पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी नहीं हुई. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने एसपी और सीओ को तलब कर लिया. 15 नवंबर को कोर्ट में हाजिर हुए एसपी व सीओ को न्यायालय ने जमकर फटकार लगाई. साथ ही एसपी को पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की अहमियत भी समझाई. शुक्रवार को पुनः सुनवाई के दौरान बताया गया कि दो अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर ली गई है.


यह भी पढ़ें : यूपी के चार अस्पतालों को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दी बधाई

लखनऊ : हरदोई जनपद में दो नाबालिग दलित बहनों के साथ दुराचार के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of the High Court) द्वारा एसपी राकेश द्विवेदी को मिली कड़ी फटकार (Damnation) के बाद पुलिस हरकत में आई और दो अभियुक्त सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया है. शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी न्यायालय को दी गई. हालांकि यह भी बात सामने आई कि घटना का एक अन्य अभियुक्त सब इंस्पेक्टर संजय सिंह (Accused Sub Inspector Sanjay Singh) अब भी पुलिस की पकड़ के बाहर है. उसके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट भी जारी किया जा चुका है.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान व न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह (Justice Rajesh Singh Chauhan and Justice Vivek Kumar Singh) की खंडपीठ ने पीडिताओं की मां की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याची की ओर से कहा गया था कि घटना 14 अप्रैल 2022 की है. आरोप है कि वादी का पति हरदोई के पिहानी थाना क्षेत्र में चौकी जहानीखेड़ा अंतर्गत किराए की जमीन पर एक ढाबा चलाता है.

एफआईआर में कहा गया है कि संजय सिंह जहानीखेड़ा का चौकी इंचार्ज (Sanjay Singh Jahanikheda Chowki Incharge) है जबकि मनोज सिंह और प्रियांशु वहीं सिपाही (Constable Manoj Singh and Priyanshu) हैं. वे ढाबे पर आते थे और वादी तथा उसकी बेटियों के साथ गंदी हरकत करते थे. आरोप है कि घटना वाले दिन तीनों अभियुक्तों ने ढाबे पर शराब परोसने के लिए नाबालिग बहनों (Minor sisters) को बुलाया जिसका विरोध करने पर वादी को मारा-पीटा तथा दोनों नाबालिग बहनों को ढाबे के पीछे उठाकर ले गए व दुराचार किया. डीम व एसपी से शिकायत करने के बाद भी घटना की एफआईआर नहीं दर्ज की गई. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई.


याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बाद 21 अगस्त को हरदोई पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन पॉक्सो की धारा नहीं लगाई और काफी दिन बीत जाने के बावजूद अभियुक्त पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी नहीं हुई. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने एसपी और सीओ को तलब कर लिया. 15 नवंबर को कोर्ट में हाजिर हुए एसपी व सीओ को न्यायालय ने जमकर फटकार लगाई. साथ ही एसपी को पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की अहमियत भी समझाई. शुक्रवार को पुनः सुनवाई के दौरान बताया गया कि दो अभियुक्तों की गिरफ़्तारी कर ली गई है.


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