लखनऊ: हमारे देश में बब्बर शेर, बाघ, तेंदुआ और वर्तमान में चीता जैसी बड़ी बिल्लियों का संरक्षण (conservation of big cats) करने के उद्देश्य से 'बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने के लिए अभियान' (Unite for Big Cats Campaign) चलाया जा रहा है. आप आए हुए विशेषज्ञों से बड़ी बिल्लियों को बारे सवाल पूंछ सकते हैं. कार्यशाला में आये दोनों विशेषज्ञ दुधवा नेशनल पार्क और विभिन्न सेन्चुरी में कार्यरत रहे हैं. यह बातें बुधवार को लखनऊ चिड़ियाघर (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden) की निदेशक अदिति शर्मा ने 'बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने के लिए अभियान' कार्यक्रम के दौरान कहीं.
उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है. यह सबसे बड़ी बिल्लियों के रूप में देखा जाता है. बीते 29 जुलाई 2023 की गणना के अनुसार वर्तमान में हमारे पास कुल 3682 बाघ उपलब्ध हैं. पहली अप्रैल, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर अस्तित्व में आया था और कुल 09 टाइगर रिजर्व थे, जो कि आज बढ़कर 53 हो गये हैं, जो इस वर्ष के अन्त तक बढ़कर 56 होने की पूर्ण सम्भावना है. प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत जिम कार्बेट पार्क से हुई थी. भारत में कुल 18 टाइगर स्टेट हैं. विश्व में सबसे बड़ा टाइगर आमूर टाइगर होता है, जिसे साइबेरियन टाइगर भी कहते हैं.
केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशों के तहत "बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने हेतु अभियान" (Unite for Big Cats Campaign) के तहत नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ में बुधवार को टिकट घर के दर्शक दीर्घा में दर्शकों की रूचि एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए फोटो प्रदर्शनी लगी. इस फोटो प्रदर्शनी को दर्शकों ने बहुत पसंद की है. यह फोटो प्रदर्शनी 17 सितम्बर, 2023 तक दर्शकों के लिए लगी रहेगी.
इसके तहत नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ स्थित सारस प्रेक्षागृह में बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने के लिए अभियान पर आधारित जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में संजय सिंह, पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उत्तर प्रदेश (सेवानिवृत्त), संजय पाठक, निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, अदिति शर्मा, निदेशक, प्राणि उद्यान, लखनऊ, डॉ. उत्कर्ष शुक्ला, उप निदेशक, प्राणि उद्यान, लखनऊ, आरके नेगी, क्षेत्रीय वनाधिकारी, प्राणि उद्यान, लखनऊ, अमिता कनौजिया, विभागाध्यक्ष, जीव विज्ञान, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के बीएससी एमएससी और पीएचडी कर रहे छात्र व छात्राऐं मौजूद रहें.
बड़ी बिल्लियों का संरक्षण ज़रूरी, दिन-ब-दिन काम हो रही संख्या: अदिति शर्मा - नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन
नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden) की निदेशक अदिति शर्मा ने कहा कि बड़ी बिल्लियों का संरक्षण भी होना चाहिए. इनकी संख्या दिन-ब-दिन काम हो रही है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 14, 2023, 11:17 AM IST
लखनऊ: हमारे देश में बब्बर शेर, बाघ, तेंदुआ और वर्तमान में चीता जैसी बड़ी बिल्लियों का संरक्षण (conservation of big cats) करने के उद्देश्य से 'बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने के लिए अभियान' (Unite for Big Cats Campaign) चलाया जा रहा है. आप आए हुए विशेषज्ञों से बड़ी बिल्लियों को बारे सवाल पूंछ सकते हैं. कार्यशाला में आये दोनों विशेषज्ञ दुधवा नेशनल पार्क और विभिन्न सेन्चुरी में कार्यरत रहे हैं. यह बातें बुधवार को लखनऊ चिड़ियाघर (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden) की निदेशक अदिति शर्मा ने 'बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने के लिए अभियान' कार्यक्रम के दौरान कहीं.
उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है. यह सबसे बड़ी बिल्लियों के रूप में देखा जाता है. बीते 29 जुलाई 2023 की गणना के अनुसार वर्तमान में हमारे पास कुल 3682 बाघ उपलब्ध हैं. पहली अप्रैल, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर अस्तित्व में आया था और कुल 09 टाइगर रिजर्व थे, जो कि आज बढ़कर 53 हो गये हैं, जो इस वर्ष के अन्त तक बढ़कर 56 होने की पूर्ण सम्भावना है. प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत जिम कार्बेट पार्क से हुई थी. भारत में कुल 18 टाइगर स्टेट हैं. विश्व में सबसे बड़ा टाइगर आमूर टाइगर होता है, जिसे साइबेरियन टाइगर भी कहते हैं.
केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशों के तहत "बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने हेतु अभियान" (Unite for Big Cats Campaign) के तहत नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ में बुधवार को टिकट घर के दर्शक दीर्घा में दर्शकों की रूचि एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए फोटो प्रदर्शनी लगी. इस फोटो प्रदर्शनी को दर्शकों ने बहुत पसंद की है. यह फोटो प्रदर्शनी 17 सितम्बर, 2023 तक दर्शकों के लिए लगी रहेगी.
इसके तहत नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ स्थित सारस प्रेक्षागृह में बड़ी बिल्लियों को एकजुट करने के लिए अभियान पर आधारित जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में संजय सिंह, पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उत्तर प्रदेश (सेवानिवृत्त), संजय पाठक, निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, अदिति शर्मा, निदेशक, प्राणि उद्यान, लखनऊ, डॉ. उत्कर्ष शुक्ला, उप निदेशक, प्राणि उद्यान, लखनऊ, आरके नेगी, क्षेत्रीय वनाधिकारी, प्राणि उद्यान, लखनऊ, अमिता कनौजिया, विभागाध्यक्ष, जीव विज्ञान, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के बीएससी एमएससी और पीएचडी कर रहे छात्र व छात्राऐं मौजूद रहें.