लखनऊ: कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता सुधांशु बाजपेई और एनएसयूआई के कार्यकर्ता लालू कनौजिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत करीब 6 भाजपा नेताओं की फोटो सहित पोस्टर लगाई है. हालांकि भाजपा कार्यालय समेत शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पोस्टर कुछ ही देर में हटा दिए गए.
इस तरह के फोटो लगाए जाने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता सुधांशु बाजपेई ने कहा कि हमारा कानून कहता है कि जब तक कोई आरोपी नहीं होता है तब तक उसकी फोटो नहीं लगाई जा सकती. लेकिन सरकार ने दंगे के आरोपियों की फोटो लगाकर उनकी निजता का हनन किया है. अगर वह सब दंगाई हैं तो सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर भी दंगे भड़काने के आरोप हैं, इसीलिए मैंने उनके पोस्टर लगाए हैं.
कांग्रेस कार्यकर्ता सुधांशु बाजपेई ने जो पोस्टर लगाए हैं उसमें 'जनता मांगे जवाब इन दंगाइयों से वसूली कब' यह स्लोगन लिखा है. इसके साथ ही 'अजय सिंह बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव हलफनामे के अनुसार उन पर गोरखपुर दंगे का मुख्य आरोपी सहित पांच गंभीर मुकदमे दर्ज' और 'केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम लोकसभा चुनाव हलफनामे के अनुसार दंगा सहित 11 मुकदमे कौशांबी में दर्ज' पोस्टर पर प्रकाशित करवाया गया है.
इसके अलावा धारा 147 उपद्रव करना, धारा 148 घातक हथियार से सुसज्जित होकर उपद्रव करना, धारा 295 किसी धर्म का अपमान और धर्म स्थल की क्षति करना, धारा 153 दंगा भड़काना, धारा 302 हत्या करना जैसी धाराओं का जिक्र किया गया है. सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा भाजपा नेता राधा मोहन दास अग्रवाल, संगीत सोम, संजीव बालियान, उमेश मलिक, सुरेश राणा और साध्वी प्राची की फोटो भी लगाए गए हैं.
सुधांशु बाजपेई ने कहा कि सरकार ने पूरी तरह संविधान और कानून को परे रख दिया है. हमारे संविधान में जो विशेषाधिकार दिया गया जिसके आधार पर ऑर्डिनेंस लाया गया वह दुर्लभतम परिस्थितियों के लिए किया गया, लेकिन योगी ने अपने अहंकार की तुष्टि के लिए उस विशेषाधिकार का उपयोग किया. हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की अवमानना की और उससे भी भयानक है कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना की.
उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया यह कहती है कि जब तक आरोप साबित न हो जाए कोई दोषी नहीं होता और कम से कम उसकी निजता का हनन तो बिल्कुल नहीं किया जा सकता. जिस आधार पर वह लोग दंगाई हैं उस आधार पर स्वयं हमारे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी दंगाई हैं. वह अपने चुनावी हलफनामे में कहते हैं धारा 153 दोनों पर लगी हुई है यह दंगा भड़काने की धारा है. तो अगर वह दंगाई हैं तो यह भी दंगाई हुए. हमारे कानून का आर्टिकल 14 कहता है कि कानून के समक्ष समता. यानी जब आरोपियों से वसूली होगी तो उधर वाले क्यों इधर वालों से भी वसूली होनी चाहिए.