लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फेसबुक लाइव आकर योगी सरकार के खिलाफ विचार व्यक्त किए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि योगी सरकार से 1000 बस देने के एवज में कांग्रेस कोई मूल्य नहीं ले रही थी. ऐसे में धोखाधड़ी का कोई सवाल ही नहीं उठता.
उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से पैदल चलकर आ रहे श्रमिकों को घर तक सुरक्षित पहुंचाने का मुद्दा बृहस्पतिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फेसबुक के माध्यम से उठाया. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में ही कई पदाधिकारी और नेता मोबाइल हाथ में लेकर लोगों से सीधा संपर्क करते देखे गए.
कांग्रेस कमेटी ने दोपहर एक बजे हुए इस आयोजन के बाद अपने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से 1000 बसों की जो पेशकश थी, उससे 3 दिन में 92000 श्रमिकों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया जा सकता था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की गरीब और श्रमिक विरोधी राजनीति ने मानवता को कुचल दिया.
कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के नेता राजीव गांधी ने देश के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए खुद को बलिदान किया. आज जिस संचार क्रांति के दम पर हम एक दूसरे से सोशल मीडिया पर सक्रिय संबंध बनाए हुए हैं, उसका श्रेय राजीव गांधी को जाता है. उन्होंने भारत में संचार क्रांति का सूत्रपात किया. कांग्रेस ने हमेशा गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों की मदद के लिए प्रयास किया.
उत्तर प्रदेश सरकार को 1000 बसों का सहयोग दिए जाने का मामला भी इसी कड़ी का हिस्सा है. हमने सरकार से बसों का किराया नहीं मांगा. कोई लेन-देन नहीं हुआ, कोई एग्रीमेंट नहीं था तो धोखाधड़ी की बात करना पूरी तरह आधारहीन है.
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कांग्रेस ने सहयोग और मदद की भावना से बस देने की बात की थी. इससे गरीबों के जीवन की सुरक्षा हो सकती थी. सरकार ने गरीबों की मदद करने के बजाय खुलकर राजनीति और कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की है, लेकिन प्रदेश के आम नागरिक बेहद समझदार हैं. वह योगी सरकार की नीयत और ईमानदारी को समझ रहे हैं.
बृजेंद्र सिंह, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता