लखनऊ : कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें बचकानी हरकत नहीं करने की नसीहत तक दे डाली. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने डिप्टी सीएम द्वारा टिप्पणी पर सख्त प्रक्रिया देते हुए उन्हें राजनीतिक मर्यादा का पालन करने की नसीहत दी है. कांग्रेस की ओर से जारी बयान में प्रदेश अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री के राजनीतिक हैसियत पर भी सवाल उठाया है.
अजय राय ने मौर्य के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया में कहा है कि 'राजनीति में केशव प्रसाद मौर्य से बहुत वरिष्ठ व उनसे ज्यादा बड़ा स्थापित सनातनी हूं, हम दोनों की पैदाइश एक ही सन् 1969 की है, पर उनसे 16 वर्ष पहले से लगातार पांच बार जनता द्वारा चुना हुआ विधायक रहा हूं. आज भी सत्ता के शीर्ष दुर्गों से लोकतांत्रिक संघर्ष की राजनीतिक पहचान जीता हूं. हमें उन लोगों से प्रमाण पत्र की जरुरत नहीं जिन्हें जनता ने ठुकरा दिया है. केशव प्रसाद मौर्य कृपा और दया के पात्र हैं. उप मुख्यमंत्री अकारण बचकानी टिप्पणी कर रहे हैं, जो उनके ही राजनीतिक संस्कार का स्तर दर्शाती है. उनके दल की आज अंहकारी खासियत बन गई है कि वहां "सूप तो सूप, चलनियां और ज्यादा बोलती हैं". जनता द्वारा नकारने के बाद भी भाग्य ने उन्हें जिस पद पर आसीन कर दिया है, कम से कम उसकी मर्यादा का ध्यान तो मुंह खोलते वक्त रखा करें.' ज्ञात हो कि इससे पहले शुक्रवार को वाराणसी में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मीडिया ने अजय राय के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने पर सवाल पूछा था. जिसका जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 'यह सब अभी नए मुल्ला हैं, प्याज ज्यादा खा रहे हैं, इसलिए ऐसी बातें बोल रहे हैं.'
'पद की मर्यादा का ध्यान रखें उप मुख्यमंत्री' : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि 'सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिये सनातन धर्म की बात करने वाले भाजपा के नेताओं से हमें प्रमाण पत्र की जरुरत नहीं. उप मुख्यमंत्री को याद रखना चाहिए कि सनातन धर्म के संतों के आंदोलन में मुझे जेल भेजा गया. भाजपा केंद्र सरकार ने रासुका लगवाया, जिससे अदालत ने मुझे बाइज्जत बरी किया. साथ ही संत समाज के आन्दोलन से जुड़े उस मुकदमें में केशव प्रसाद मौर्य की भाजपा की प्रदेश सरकार ने आंदोलन में शामिल संतों व राजनीतिक व अन्य लोगों के विरुद्ध केस वापस लिया है, सिर्फ एक को छोड़कर वह अजय राय हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की राजनीतिक विद्वेष की रीति-नीति के बावजूद मैंने कभी अन्याय के सामने झुकना नहीं सीखा. सनातन समाज हो या सर्व समाज, उनके जायज मुद्दों की लड़ाई लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे.'