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चुनाव जीते तो अपनी बहन प्रियंका के नाम राहुल कर सकते हैं अमेठी सीट !

केरल के वायनाड से नामांकन करने के बाद बुधवार को राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से भी अपना नामांकन कर दिया. अब यह चर्चाएं शुरू हो गई है कि अगर राहुल गांधी वायनाड और अमेठी दोनों सीटों पर चुनाव जीतते हैं तो क्या वह इस बार अमेठी की सीट अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ेंगे.

राहुल गांधी ने अमेठी से किया नामांकन
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Published : Apr 11, 2019, 12:02 AM IST

लखनऊ: केरल के वायनाड से नामांकन करने के बाद बुधवार राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से भी अपना नामांकन कर दिया. नामांकन के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगर राहुल गांधी वायनाड और अमेठी दोनों सीटों पर चुनाव जीतते हैं तो क्या वह इस बार अमेठी की सीट अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ेंगे.


उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अब तक 80 लोकसभा सीटों में से 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, वहीं 15 सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में हैं. अभी दस और सीटों पर प्रत्याशी उतरने बाकी हैं. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी अभी प्रदेश की किसी भी सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं, लेकिन इससे ज्यादा अब चर्चाएं ये शुरू हो गई हैं कि चुनाव में प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने के बजाय प्रियंका गांधी चुनावी परिणाम आने के बाद अगर अमेठी सीट उनके भाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जीतते हैं तो अपनी बहन के लिए राहुल यह सीट छोड़ वायनाड की तरफ पूरी तरह से केंद्रित हो सकते हैं.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने मीडिया से की बातचीत.


ऐसे में उप चुनाव में अमेठी सीट पर प्रियंका को पार्टी की तरफ से उतारा जा सकता है. इससे लोगों को यह भी नहीं लगेगा कि कांग्रेस पारंपरिक सीट छोड़ रही है, क्योंकि राहुल के जाने के बाद यहां पर प्रियंका लोगों को यह बता सकेंगी कि भाई नहीं तो बहन सही आपके बीच में हमेशा है.

वहीं जब इस मामले पर जब प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमेठी की जनता के लिए पुत्र और पुत्री की भांति हैं. दोनों अमेठी की गोद में खेल कर बड़े हुए हैं नौ बार अमेठी की जनता ने गांधी परिवार को प्यार दिया है. चाहे वह संजय गांधी रहे हों, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी, सोनिया गांधी और अब तीन बार से राहुल गांधी को जिताया है.


उन्होंने कहा अब जिस प्रकार से विशाल जनसमूह राहुल गांधी के साथ नामांकन के समय खड़ा था वह चौथी बार भारी मतों से जीतने जा रहे हैं. राहुल गांधी ने जो वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला लिया यह कांग्रेस के कई बड़े नेताओं द्वारा लिया गया था. पूर्व में सोनिया गांधी बेल्लारी से लड़ीं, इंदिरा गांधी चिकमंगलूर और मेंडक से चुनाव लड़ीं. दक्षिण से भी जीतने के बाद भी उन्होंने उत्तर की सीट को नहीं छोड़ा.


कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है जो उत्तर और दक्षिण की जनता के बीच बराबर लोकप्रियता रखती है. यह परिणाम आने के बाद तय होगा और जनता से राय मशविरा के बाद राहुल गांधी यह फैसला करेंगे कि वह दक्षिण में रहेंगे या उत्तर में.

लखनऊ: केरल के वायनाड से नामांकन करने के बाद बुधवार राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से भी अपना नामांकन कर दिया. नामांकन के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगर राहुल गांधी वायनाड और अमेठी दोनों सीटों पर चुनाव जीतते हैं तो क्या वह इस बार अमेठी की सीट अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ेंगे.


उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अब तक 80 लोकसभा सीटों में से 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, वहीं 15 सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में हैं. अभी दस और सीटों पर प्रत्याशी उतरने बाकी हैं. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी अभी प्रदेश की किसी भी सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं, लेकिन इससे ज्यादा अब चर्चाएं ये शुरू हो गई हैं कि चुनाव में प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने के बजाय प्रियंका गांधी चुनावी परिणाम आने के बाद अगर अमेठी सीट उनके भाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जीतते हैं तो अपनी बहन के लिए राहुल यह सीट छोड़ वायनाड की तरफ पूरी तरह से केंद्रित हो सकते हैं.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने मीडिया से की बातचीत.


ऐसे में उप चुनाव में अमेठी सीट पर प्रियंका को पार्टी की तरफ से उतारा जा सकता है. इससे लोगों को यह भी नहीं लगेगा कि कांग्रेस पारंपरिक सीट छोड़ रही है, क्योंकि राहुल के जाने के बाद यहां पर प्रियंका लोगों को यह बता सकेंगी कि भाई नहीं तो बहन सही आपके बीच में हमेशा है.

वहीं जब इस मामले पर जब प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने कहा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमेठी की जनता के लिए पुत्र और पुत्री की भांति हैं. दोनों अमेठी की गोद में खेल कर बड़े हुए हैं नौ बार अमेठी की जनता ने गांधी परिवार को प्यार दिया है. चाहे वह संजय गांधी रहे हों, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी, सोनिया गांधी और अब तीन बार से राहुल गांधी को जिताया है.


उन्होंने कहा अब जिस प्रकार से विशाल जनसमूह राहुल गांधी के साथ नामांकन के समय खड़ा था वह चौथी बार भारी मतों से जीतने जा रहे हैं. राहुल गांधी ने जो वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला लिया यह कांग्रेस के कई बड़े नेताओं द्वारा लिया गया था. पूर्व में सोनिया गांधी बेल्लारी से लड़ीं, इंदिरा गांधी चिकमंगलूर और मेंडक से चुनाव लड़ीं. दक्षिण से भी जीतने के बाद भी उन्होंने उत्तर की सीट को नहीं छोड़ा.


कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कांग्रेस पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है जो उत्तर और दक्षिण की जनता के बीच बराबर लोकप्रियता रखती है. यह परिणाम आने के बाद तय होगा और जनता से राय मशविरा के बाद राहुल गांधी यह फैसला करेंगे कि वह दक्षिण में रहेंगे या उत्तर में.

Intro:चुनाव जीते तो अपनी बहन प्रियंका के नाम राहुल कर सकते हैं अमेठी सीट!

लखनऊ। केरल के वायनाड से नामांकन करने के बाद आज राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से भी अपना नामांकन कर दिया है। नामांकन के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगर राहुल गांधी वायनाड और अमेठी दोनों सीटों पर चुनाव जीतते हैं तो वह इस बार अमेठी की सीट अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ सकते हैं। दक्षिण में कांग्रेस को और मजबूती देने के लिए वे वायनाड को अपना कार्यक्षेत्र बना सकते हैं। चूंकि प्रियंका सक्रिय राजनीति में उतर आई हैं और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी हैं, ऐसे में यह जिम्मेदारी वे बखूबी संभाल भी लेंगी। हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता नहीं मानते कि राहुल उत्तर छोड़ दक्षिण जाएंगे, क्योंकि अभी तक इतिहास रहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी उत्तर को नहीं छोड़ा।


Body:उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अब तक 80 लोकसभा सीटों में से 55 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, वहीं 15 सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में हैं। अभी 10 सीटों पर प्रत्याशी उतरने बाकी हैं।कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी अभी प्रदेश की किसी भी सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं, लेकिन इससे ज्यादा अब चर्चाएं ये शुरू हो गई हैं कि चुनाव में प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने के बजाय प्रियंका गांधी चुनावी परिणाम आने के बाद अगर अमेठी सीट उनके भाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जीतते हैं तो अपनी बहन के लिए राहुल यह सीट छोड़ वायनाड की तरफ पूरी तरह से केंद्रित हो सकते हैं। ऐसे में उप चुनाव में अमेठी सीट पर प्रियंका को पार्टी की तरफ से उतारा जा सकता है। इससे लोगों को यह भी नहीं लगेगा कि कांग्रेस पारंपरिक सीट छोड़ रही है, क्योंकि राहुल के जाने के बाद यहां पर प्रियंका लोगों को यह बता सकेंगी कि भाई नहीं तो बहन सही आपके बीच में हमेशा है।

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राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमेठी की जनता के लिए पुत्र और पुत्री की भांति हैं। दोनों अमेठी की गोद में खेल कर बड़े हुए हैं। 9 बार अमेठी की जनता ने गांधी परिवार को प्यार दिया है। चाहे वह संजय गांधी रहे हों, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी या फिर यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और तीन बार से राहुल गांधी। अब जिस प्रकार से विशाल जनसमूह राहुल गांधी के साथ आज खड़ा था वह चौथी बार भारी मतों से जीतने जा रहे हैं। राहुल गांधी ने जो वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला लिया यह कांग्रेस के कई बड़े नेताओं द्वारा लिया गया था। पूर्व में सोनिया गांधी बेल्लारी से लड़ीं, इंदिरा गांधी चिकमंगलूर और मेंडक से चुनाव लड़ीं। दक्षिण से भी जीतने के बाद भी उन्होंने उत्तर की सीट नहीं छोड़ी। कांग्रेस पार्टी अकेली पार्टी है जो उत्तर और दक्षिण की जनता के बीच बराबर लोकप्रियता रखती है। यह परिणाम आने के बाद तय होगा जनता से राय मशविरा के बाद राहुल गांधी यह फैसला करेंगे कि वह दक्षिण में रहें या उत्तर में।

बृजेंद्र सिंह: प्रवक्ता, कांग्रेस



Conclusion:अमेठी और वायनाड दोनों सीटों पर अगर परिणाम राहुल के फेवर में आते हैं तो अमेठी या फिर वायनाड में से किस सीट को राहुल गांधी तवज्जो देंगे यह तो भविष्य की बात है। चर्चाएं तेज हो गई हैं कि इस बार राहुल अमेठी छोड़ेंगे। वजह है कि ककाफी समय से वे अमेठी से सांसद बनते रहे हैं और अब प्रियंका को यहां से कमान सौंप वे नार्थ से साउथ की तरफ मूव हो जाएंगे, इससे कांग्रेस को उत्तर और दक्षिण दोनों में फायदा मिल सकता है।
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