लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार को प्रांतीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आम भारतीय नागरिकों की कीमत पर अपने करीबी दोस्त और चुनिन्दा अरबपतियों को लाभ पहुंचाने की मोदी सरकार की नीतियों से जहां पूरा देश विशेषकर मध्यम वर्ग परेशान और चिन्तित है. केन्द्र सरकार द्वारा अडानी समूह में एलआईसी एवं एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश ने भारत के निवेशकों, जिसमें एलआईसी के लगभग 29 करोड़ पॉलिसी धारक और एसबीआई के लगभग 45 करोड़ खाताधारकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
उन्होंने कहा कि अडानी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से विस्तार से जांच कराने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी सदन में लगातार संघर्ष कर रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सदी के सबसे बड़े घोटाले अडानी घोटाले पर चुप्पी साधे हुए है. कुछ दिन पहले अडानी मुद्रा पोर्ट पर हजारों करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई. सरकार के मुंह नहीं खुले, पूरे देश में आर्थिक अव्यवस्था को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है.
लाखों करोड़ रुपए के ऋण का एक बड़ा हिस्सा बिना किसी संपत्ति के आधार पर अडानी समूह को देना क्या सरकार की नीयत पर सवाल नहीं खड़ा करता है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है, सरकार को इससे क्या दिक्कत है? जाहिर है कि कहीं न कहीं सरकार अडानी के साथ मिली हुई है. इसलिए इस घोटाले की जांच से घबरा रही है.
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि पीएम और बीजेपी जिस तरह से अदाणी को बचा रहे हैं. उसे देख कर लग रहा हैं कही कुछ गड़बड़ है. उन्होंने कहा कि अडाणी भी कहीं विजय माल्या की तरह देश छोड़ कर भाग ना जाए. हम पीएम की निंदा करते है, हम जनता के हितों के लिए रक्षा करने से पीछे हट रहे है.