लखनऊ : प्रदेश में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी बढ़ गया है. इस बीच हुए जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख चुनावों और उसके नतीजों को लेकर भी आरोपों का दौर जारी है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने पंचायत चुनाव के नतीजों पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि जिस प्रकार योगी आदित्यनाथ और भाजपा चुनाव जीत रही है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक ललन कुमार ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बम-बन्दूक के दम पर विपक्षियों को डराया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अभी भारी चुनावी हिंसा का गवाह बन रहा है. जगह-जगह पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा अराजकता फैलाई जा रही है. महिलाओं के साथ अभद्रता की जा रही है. बम-बन्दूक, गोली-डंडों से लैस भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख बनाए जा रहे हैं. आश्चर्य की बात है कि पूरा का पूरा प्रशासन लोकतंत्र के कत्ल में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.
ललन कुमार ने कहा कि आपको क्या लगता है कि इस अराजकता से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनभिज्ञ हैं? नहीं. यह पूरा का पूरा खेल योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व की निगरानी में हो रहा है. जनता ने पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को नकार दिया था. यह वही जनता है जिन्होंने कोरोना के मुश्किल समय में सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण अपने प्रियजनों को खोया. महंगाई से त्रस्त जनता ने भाजपा के झूठे दावों और वादों को ठेंगा दिखाते हुए उन्हें वोट नहीं दिया.
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सवाल खड़े करते हुए आगे उन्होंने कहा- तीन काले कृषि कानूनों की वजह से किसानों ने पूर्णतः भाजपाइयों का बायकाट किया. योगी आदित्यनाथ सहित सभी भाजपाई इस बात को पचा नहीं पाए और जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद अपनाने लगे. इसी के चलते प्रशासन के दम पर कई विपक्षियों को पर्चा नहीं भरने दिया गया, प्रस्तावकों को प्रताड़ित किया, कार्यकर्ताओं को पुलिस व अपने गुंडों से पिटवाया. लखीमपुर खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, कन्नौज, बुलंदशहर, झांसी, अमरोहा इत्यादि में जमकर गुण्डागर्दी हुई. यहां मारपीट हुई, पथराव हुआ यहां तक कि भाजपाई गुंडे गोली चलाने से भी नहीं चूके.
'सांसद स्मृति इरानी महिलाओं के लिए सहानुभूति नहीं रखतीं'
उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में महिला के साथ की गई अभद्रता ने तो सारी हदें पार कर दीं. भाजपा चुनाव जीतने के लिए महिलाओं की इज्जत से खेलने से भी नहीं चूक रही, जबकि मोदी के मंत्रिमंडल में दर्जन भर महिलाएं हैं. वह ये सब देखकर अब तक चुप क्यों हैं ? अमेठी सांसद स्मृति इरानी क्या महिलाओं के लिए सहानुभूति नहीं रखतीं ? यह सब जनता के सामने घटित हो रहा है. वह सब कुछ बखूबी देख रही हैं. जनादेश के विपरीत अपने प्रत्याशियों को जिताने की कीमत भाजपा को चुकानी ही होगी. यह तो पंचायत चुनाव है, इनकी जो मर्जी है कर लें, लेकिन अगले विधानसभा चुनावों में जनता इन्हें धूल चटा देगी.