लखनऊ: कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने हाथरस कांड को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि "हाथरस कांड में सीबीआई की चार्जशीट ने उत्तर प्रदेश सरकार के कथन को झूठा साबित कर दिया है और उत्तर प्रदेश सरकार की सच छिपाने की साजिश को नाकाम कर दिया है. कहा है कि अब यह साबित हो गया है कि हाथरस की बिटिया के साथ बलात्कार किया गया, उसे यातनायें दी गईं और उसे मारा गया. हर स्तर पर हर मुमकिन कोशिश की गई कि हत्यारे बच जाएं, लेकिन न्याय के लिए राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी के संघर्ष ने सच सामने ला दिया."
सच्चाई की हुई है जीत
उन्होंने कहा कि हाथरस में "जिस प्रकार राहुल गांधी पर बल प्रयोग किया गया और प्रियंका गांधी पर भी पुलिस ने प्रहार किया, लेकिन आखिरकार जीत सच्चाई की ही हुई. यह भी याद दिलाने का समय है कि किस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुये उस जिलाधिकारी को रोके रखा, जिसने सच्चाई को दफन करने में अहम भूमिका निभाई थी." उन्होंने मांग की है कि जब हत्या और बलात्कार की सच्चाई सामने आ गई है तो रात के अंधेरे में हिन्दू संस्कारों के खिलाफ मां, भाई और परिजनों के बिना, जिसने चिता जलाई और साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की जानी चाहिए."
आराधना मिश्रा ने ने सवाल उठाते हुए कहा कि "क्या उत्तर प्रदेश सरकार अपनी जवाबदेही मानते हुए नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देगी ? उन्होंने कहा कि इस घटना की सच्चाई कभी सामने नहीं आ पाती अगर उच्च न्यायालय, मीडिया,राहुल और प्रियंका गांधी सहित तमाम कांग्रेसियों ने सच्चाई सामने लाने के लिये संघर्ष नहीं किया होता." कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि आज स्वर्ग में उस बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी और निश्चित रूप से उस बेटी की आत्मा उन सभी को आशीर्वाद दे रही होगी, जिन्होंने उसे न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया."
क्या है मामला
हाथरस में कथित गैंगरेप और हत्याकांड में सीबीआई ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी. सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की है और निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ा है. हाथरस कांड की पीड़िता 14 सितंबर को अपने गांव के ही खेत में गंभीर हालत में मिली थी. पीड़िता ने अपने ही गांव के 4 लड़कों पर गैंग रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद लोकल पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था. लड़की की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुआ था. इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी, जिसने जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इस मामले में योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच संभाली.