लखनऊ: कल तक जो कांग्रेस पार्टी के वफादार थे और पार्टी ने उन पर यकीन करते हुए विधानसभा चुनाव में सबसे पहली सूची में ही मैदान में उतार दिया था. कांग्रेस के तीन नेताओं ने अलग-अलग समय पर टिकट पाने के बावजूद पार्टी ही छोड़ दी. इनमें सबसे पहले युसूफ अली युसूफ, उसके बाद हैदर अली और अब तीसरा नाम बरेली से सुप्रिया ऐरन हैं. नेताओं के इस बर्ताव से कांग्रेस की खासी किरकिरी हो रही है. आलाकमान भी इस तरह की हरकत से हैरान है.
इसके बाद दूसरा नंबर था हैदर अली का. हैदर अली ने टिकट पाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर अपना दल (एस) की सदस्यता ले ली. अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने रविवार को उन्हें स्वार विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया. सबसे चौंकाने वाला फैसला कांग्रेस पार्टी के लिए बरेली से दूसरी सूची में घोषित प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन का रहा. उन्होंने शनिवार को समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. अखिलेश के साथ मंच साझा की सुप्रिया को अखिलेश ने मंच से ही बरेली कैंट से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया. इन दो प्रत्याशियों को यह अंदाजा था कि कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने के बाद भी जीत नहीं पाएंगे जबकि समाजवादी पार्टी की लहर है उसमें उनकी किस्मत चमक सकती है.
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कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव कहते हैं कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में बेहतरीन तरीके से चुनाव लड़ रही है. इस बार कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करेगी और सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि जहां तक टिकट पाने के बाद पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जाने वाले नेताओं को जनता से कोई मतलब नहीं है. इन्हें संघर्ष करना नहीं आता, सिर्फ राजनीति को एक व्यवसाय समझते हैं. अपने लिए जहां समीकरण बनते देखते हैं वहां निकल लेते हैं. जनता ऐसे नेताओं को जवाब देगी. वे कांग्रेस पार्टी को कमजोर समझ रहे होंगे लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. इसी चुनाव में कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सरकार बनाएगी.