लखनऊः कोरोना के प्रकोप के चलते इस बार नेता मैदान पर उतरकर जनता को लुभा नहीं पाएंगे. इसके लिए इस बार उन्हें खुद को स्मार्ट बनाते हुए डिजिटल तरीके से जनता को लुभाना होगा. सभी पार्टियों ने वर्चुअल तरीके से जनता से जुड़ने की तैयारी की है. कांग्रेस पार्टी ने भी इस बार भारी भरकम बजट सोशल मीडिया और आईटी सेल पर खर्च किया है. इसे लेकर प्रदेश भर में पार्टी की तरफ से डिजिटल फोर्स यानी टीम गठित की गई है. कांग्रेस मुख्यालय पर सोशल मीडिया सेल के साथ ही एक डिजिटल वार रूम भी बनाया गया है. इसके अलावा एक बड़ी कंपनी भी हायर की जा रही है जो कांग्रेस पार्टी के प्रचार-प्रसार को सुचारू रूप से चला सके.
चुनाव आयोग के वर्चुअल तरीके से चुनाव को संपन्न कराने की घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी अपने आईटी सेल और सोशल मीडिया टीम को सशक्त करने में जुट गई है.
सोशल मीडिया की पूरी टीम लगातार अपनी पार्टी की नीतियों को कांग्रेस के पेज और सैकड़ों व्हाट्सएप ग्रुपों पर प्रसारित कर रही है. डिजिटल वार रूम से लगातार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से संपर्क स्थापित किया जा रहा है. पार्टी की तरफ से जो भी प्रचार किया जा रहा है उसको जनता के सामने डिजिटल टीम के प्रतिनिधि प्रस्तुत कर रहे हैं. कई दर्जन लोग सोशल मीडिया पर दिन-रात कांग्रेस की मजबूती के लिए मेहनत कर रहे हैं.
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पार्टी के नेता बताते हैं कि कांग्रेस ने 1.5 लाख व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से तीन करोड़ लोगों को जोड़ने का काम किया है. सदस्यता अभियान चलाकर हर एक विधानसभा में 40,000 से 50,000 नए लोगों को जोड़ा गया है. कांग्रेस के डिजिटल मीडिया संयोजक अंशू अवस्थी बताते हैं कि कांग्रेस ने 1800 से ज्यादा कैंप लगाए थे. इसमें दो लाख प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की फौज तैयार कर सोशल मीडिया का भी प्रशिक्षण दिया. बूथ स्तर के संगठन को प्रशिक्षित किया गया है.
उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभाओं में कांग्रेस सोशल मीडिया के पदाधिकारियों की तैनाती की गई है. हर विधानसभा पर सोशल मीडिया का वाररूम स्थापित किया गया है. यहां से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने और विपक्षी दलों को घेरने का काम किया जा रहा है.
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