लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. प्रदेश के सभी सीटों पर प्रत्याशियों के लिहाज से सबसे अमीर प्रत्याशी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के अरुण द्विवेदी हैं. कांग्रेस प्रत्याशी दिलप्रीत सिंह ने अरुण द्विवेदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता जनप्रतिनिधि चुनेगी, ठेकेदार नहीं.
नफरत हारेगी, मोहब्बत जीतेगी
कांग्रेस पार्टी के कैंट विधानसभा सीट से प्रत्याशी दिलप्रीत सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस ने उन्होने कहा कि कैंट विधानसभा में तमाम ऐसी समस्याएं हैं, जिनका आज तक समाधान नहीं हुआ है. इसमें पेयजल और जलभराव की समस्या सबसे ज्यादा गंभीर है. मैं अगर जीतता हूं तो इन दोनों समस्याओं का निराकरण कराने का पूरा प्रयास करूंगा.
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कांग्रेस प्रत्याशी दिलप्रीत सिंह का कहना है कि मुझे लगता है कि चुनाव में पैसे का किसी तरह का रोल नहीं रहता. जनप्रतिनिधि का मतलब है लोगों तक जाना उनकी समस्याओं का समाधान करना, अरुण द्विवेदी को चाहिए कि जनप्रतिनिधित्व न करें बल्कि पैसा खर्च कर सीधे जनता की समस्याओं का समाधान करें. जब तक हम इन चीजों से बाहर नहीं निकलेंगे और आम जनता ठेकेदारी प्रथा चालू करने वालों को बाहर नहीं करेगी, तब तक मेरे ख्याल से कुछ बदलाव होने की उम्मीद नहीं है. हम जनप्रतिनिधि चुनने जा रहे हैं जो काम कराएगा.
विकास कराया होता तो यह नौबत नहीं आती
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेश तिवारी का यह कहना कि उन्होंने 15 साल विधायक रहते खूब विकास कराया है ऐसे में उनकी जीत पहले से ही पक्की है. इस पर दिलप्रीत सिंह ने कहा अगर वे 15 साल विधायक रहे हैं तो उनको मुझे चुनौती नहीं मानना चाहिए था. उनको इस पर यकीन होना चाहिए कि इतना विकास किया है तो घर में बैठकर चुनाव जीत सकते हैं. आज मुख्यमंत्री से लेकर सारे मंत्री तक कैंट विधानसभा रोड पर घूम रहे हैं. अगर उन्होंने विकास कराया होता तो यह नौबत नहीं आती.