लखनऊ: आजादी के आंदोलन की चर्चा हो और लखनऊ का जिक्र ना हो, ऐसा संमव नहीं है. लखनऊ के अमीनाबाद स्थित अमीरुद्दौला झंडेवाला पार्क में पहली बार राष्ट्रीय तिरंगा फहराया गया था. यही वह शहर है जहां जवाहर लाल नेहरू की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई थी और फिर उनके बीच ऐसी जोड़ी जमी, जिसकी मिसाल दी जाती है. जिसने देश के इतिहास को बदल दिया.
1928 में इसी पार्क में तिरंगा लहराया गया था. मोतीलाल नेहरू और गोविंद वल्लभ भाई पटेल उस सभा में मौजूद थे. 1935 में इसी पार्क में गांधी कांग्रेस की शताब्दी मनाने आए थे. इस पार्क के ठीक पीछे गंगा प्रसाद वर्मा स्मारक भवन है. गांधी से प्रेरित होकर गंगा प्रसाद वर्मा ने तीन बीघा जमीन उस समय 15 हजार रु में खरीदी थी.
अमीनाबाद का जनाना पार्क भी अनूठा है. गांधी यहां पर 1920 में आए थे. गांधी ने इस पार्क में लखनऊ की महिलाओं को संबोधित किया था. उन्हें आजादी के आंदोलन में भागीदारी करने को कहा था. तब से इस पार्क का महत्व कुछ अलग ही हो गया. बाद में आजादी के समय तक यहां कई बैठकें होती रहीं.
गांधी जब भी लखनऊ आते थे, वह फिरंगी महल जरूर जाया करते थे.
गांधी ने खिलाफत आंदोलन के दौरान लोगों को एकट्ठा किया था. मौलाना आजाद और गांधी के बीच यहीं पर नजदीकी बढ़ी थी. जानकार बताते हैं कि गांधी के निधन की खबर सुनकर मौलान आजाद नंगे पैर चल दिए थे.
यहां के लोग बताते हैं कि लोग आजादी के आंदोलन के समय पहले वंदे मातरम बोला करते थे, बाद में अल्लाहु अकबर बोला करते थे.