ETV Bharat / state

इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा भेजने के फैसले पर कांग्रेस में नाराजगी, सांप्रदायिक चेहरे को लेकर उठे ये सवाल

इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा भेजने को लेकर कांग्रेस के बड़े नेताओं ने नाराजगी जताई है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता नगमा समेत पवन खेरा ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जताई है.

etv bharat
इमरान प्रतापगढ़ी और ट्वीट
author img

By

Published : May 30, 2022, 2:36 PM IST

लखनऊ: इमरान प्रतापगढ़ी (Imraan Pratapgarhi) को राज्यसभा भेजने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह फैसला पार्टी की सेकुलर छवि पर एक बड़ा आघात होगा. इमरान प्रतापगढ़ी अपनी सांप्रदायिक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं. बीते दिनों कुछ उनके कुछ ऐसे भाषण भी सामने आए, जहां उन्हें एक वर्ग विशेष को यह कहते हुए सुना गया कि अगर मरना पड़े तो 4-6 को मारकर मरना. 2019 में उन्होंने मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था.

ऐसे छलकी नगमा की नाराजगी: इमरान प्रतापगढ़ी का नाम घोषित होने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता नगमा की नाराजगी सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आई. उन्होंने लिखा कि हमारी 16 साल की तपस्या कम पड़ गई, इमरान भाई के आगे. 2003-04 में उनके पार्टी में शामिल होते समय कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया जी ने राज्यसभा भेजने का आश्वासन दिया था. तब से 18 साल हो चुके हैं. लेकिन मुझे वह मौका नहीं मिल पाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेरा का दर्द भी सोशल मीडिया पर उभर कर सामने आया. उन्होंने लिखा, शायद मेरी तपस्या में कोई कमी रह गई.

etv bharat
नगमा का ट्वीट

सोशल मीडिया पर यह सवाल उठे: सिर्फ कांग्रेस के नेता ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इमरान प्रतापगढ़ी को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं. आलोक सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि एक तरफ कांग्रेस धर्म निरपेक्ष होने का ढोंग कर रही है और दूसरी तरफ इमरान प्रतापगढ़ी जैसे सांप्रदायिक चेहरे को राज्यसभा में भेजने का काम कर रही है. यही इनका सच है जो सबके सामने खुलकर बाहर आ रहा है.

कांग्रेस नेतृत्व पर विश्वास नहीं: सुजाता पांडे लिखती हैं कि कांग्रेस नेतृत्व पर किसी को विश्वास नहीं. ना जनता को ना उनके पार्टी के सदस्यों को. कपिल सिब्बल हो, पवन खेड़ा हो या नगमा सब मान रहे हैं कि काबिलियत कुछ नहीं है. परिवार की मर्जी सब कुछ है.

कांग्रेस को है समझने की जरूरत: उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश में कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर संजय गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस में इस समय बड़े बदलाव और सुधार की जरूरत है. राजनीतिक दल कभी अपने कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं देता. कार्यकर्ता तो विचारधारा और नेतृत्व के चलते जुड़ा होता है. अब अगर कार्यकर्ता और नेता के बीच दूरी होगी, तो जाहिर सी बात है कि ऐसी पार्टी कभी खड़ी नहीं हो सकती. कार्यकर्ता और नेता अपने आलाकमान से कुछ उम्मीदें भी रखते हैं. यह उम्मीद अपने नेता से अच्छे बर्ताव की भी हो सकती है और यह उम्मीद पार्टी में अपनी सेवा के हिसाब से पद भी हो सकता है.

etv bharat
सुजाता का ट्वीट

प्रोफेसर संजय गुप्ता की सलाह है कि भविष्य में अगर कांग्रेस पार्टी को दोबारा खड़ा करना है और उसे जीवित रखना है तो कार्यकर्ताओं को जोड़ कर चलना होगा. राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं को साथ लेना होगा. यह काम अभी नहीं हो रहा है. यही कारण है कि बड़े-बड़े नाम सालों साल सेवा करने के बाद पार्टी का साथ छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं.

etv bharat
अजीत दत्ता का ट्वीट

यह भी पढ़ें: राज्यसभा सीट नहीं मिलने से कांग्रेस की नगमा समेत कई नेता नाराज

जानिए कौन है इमरान प्रतापगढ़ी: मोहम्मद इमरान प्रतापगढ़ी का जन्म 1987 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ. वह अपनी शेरो शायरी के लिए जाने जाते हैं. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की 2016 में तत्कालीन सपा सरकार में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोत्तम पुरस्कार यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2019 में वे कांग्रेस के टिकट पर मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और बड़े अंतर के साथ हार का सामना करना पड़ा. उन्हें भारतीय कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग का चेयरमैन बनाया गया.



ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: इमरान प्रतापगढ़ी (Imraan Pratapgarhi) को राज्यसभा भेजने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह फैसला पार्टी की सेकुलर छवि पर एक बड़ा आघात होगा. इमरान प्रतापगढ़ी अपनी सांप्रदायिक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं. बीते दिनों कुछ उनके कुछ ऐसे भाषण भी सामने आए, जहां उन्हें एक वर्ग विशेष को यह कहते हुए सुना गया कि अगर मरना पड़े तो 4-6 को मारकर मरना. 2019 में उन्होंने मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था.

ऐसे छलकी नगमा की नाराजगी: इमरान प्रतापगढ़ी का नाम घोषित होने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता नगमा की नाराजगी सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आई. उन्होंने लिखा कि हमारी 16 साल की तपस्या कम पड़ गई, इमरान भाई के आगे. 2003-04 में उनके पार्टी में शामिल होते समय कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया जी ने राज्यसभा भेजने का आश्वासन दिया था. तब से 18 साल हो चुके हैं. लेकिन मुझे वह मौका नहीं मिल पाया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेरा का दर्द भी सोशल मीडिया पर उभर कर सामने आया. उन्होंने लिखा, शायद मेरी तपस्या में कोई कमी रह गई.

etv bharat
नगमा का ट्वीट

सोशल मीडिया पर यह सवाल उठे: सिर्फ कांग्रेस के नेता ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इमरान प्रतापगढ़ी को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं. आलोक सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि एक तरफ कांग्रेस धर्म निरपेक्ष होने का ढोंग कर रही है और दूसरी तरफ इमरान प्रतापगढ़ी जैसे सांप्रदायिक चेहरे को राज्यसभा में भेजने का काम कर रही है. यही इनका सच है जो सबके सामने खुलकर बाहर आ रहा है.

कांग्रेस नेतृत्व पर विश्वास नहीं: सुजाता पांडे लिखती हैं कि कांग्रेस नेतृत्व पर किसी को विश्वास नहीं. ना जनता को ना उनके पार्टी के सदस्यों को. कपिल सिब्बल हो, पवन खेड़ा हो या नगमा सब मान रहे हैं कि काबिलियत कुछ नहीं है. परिवार की मर्जी सब कुछ है.

कांग्रेस को है समझने की जरूरत: उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश में कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर संजय गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस में इस समय बड़े बदलाव और सुधार की जरूरत है. राजनीतिक दल कभी अपने कार्यकर्ताओं को वेतन नहीं देता. कार्यकर्ता तो विचारधारा और नेतृत्व के चलते जुड़ा होता है. अब अगर कार्यकर्ता और नेता के बीच दूरी होगी, तो जाहिर सी बात है कि ऐसी पार्टी कभी खड़ी नहीं हो सकती. कार्यकर्ता और नेता अपने आलाकमान से कुछ उम्मीदें भी रखते हैं. यह उम्मीद अपने नेता से अच्छे बर्ताव की भी हो सकती है और यह उम्मीद पार्टी में अपनी सेवा के हिसाब से पद भी हो सकता है.

etv bharat
सुजाता का ट्वीट

प्रोफेसर संजय गुप्ता की सलाह है कि भविष्य में अगर कांग्रेस पार्टी को दोबारा खड़ा करना है और उसे जीवित रखना है तो कार्यकर्ताओं को जोड़ कर चलना होगा. राष्ट्रीय स्तर के बड़े नेताओं को साथ लेना होगा. यह काम अभी नहीं हो रहा है. यही कारण है कि बड़े-बड़े नाम सालों साल सेवा करने के बाद पार्टी का साथ छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं.

etv bharat
अजीत दत्ता का ट्वीट

यह भी पढ़ें: राज्यसभा सीट नहीं मिलने से कांग्रेस की नगमा समेत कई नेता नाराज

जानिए कौन है इमरान प्रतापगढ़ी: मोहम्मद इमरान प्रतापगढ़ी का जन्म 1987 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ. वह अपनी शेरो शायरी के लिए जाने जाते हैं. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की 2016 में तत्कालीन सपा सरकार में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वोत्तम पुरस्कार यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2019 में वे कांग्रेस के टिकट पर मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और बड़े अंतर के साथ हार का सामना करना पड़ा. उन्हें भारतीय कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग का चेयरमैन बनाया गया.



ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.