लखनऊ: पीएचडी चेंबर के वर्चुअल कार्यक्रम में यूपी रेरा चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि रेरा कानून की वजह से स्टेट कारोबारी और खरीदारों के बीच विश्वास फिर से कामय करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले बिल्डर ही बाजार में टिकेंगे. बदनाम बिल्डरों का कारोबार जल्द ही बंद होगा.
रियल एस्टेट सेक्टर में जीडीपी दोगुना करने की क्षमता
यूपी रेरा चेयरमैन ने कहा कि करीब 20 फीसदी बिल्डर ही इस तीसरी श्रेणी में आते हैं, जिनके कारोबार करने के तरीके कानून के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि रेरा कानून की सफलता सही मायने में तब समझ आएगी, जब रेरा अदालत में शिकायते आना बंद हो जाएगी. चेयरमैन ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में देश की जीडीपी को दोगुना करने की क्षमता है.
रेरा कानून लागू करने वाला यूपी पहला राज्य
प्रतिष्ठित उद्योगपति व पीएचडी चेंबर के यूपी चेयरमैन ललित खेतान ने कहा कि केंद्रीय रेरा कानून को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है. पूरे देश में रेरा का पहला कॉनक्लेव भी उत्तर प्रदेश में ही आयोजित किया गया था. समस्याओं को सुलझाने के लिए यूपी रेरा अथॉरिटी प्रभावी भूमिका निभा रही है.
खरीदारों की समस्याओं को दूर करना प्राथमिकता
पीएचडी चेंबर यूपी चैप्टर के को-चेयरमैन मनीष खेमका ने कहा कि भारत में रेरा कानून लागू होने के बाद जनवरी 2021 तक साठ हजार से ज्यादा मामले निपटाए जा चुके हैं. जिनमें से 40 प्रतिशत से ज्यादा मामलों का निपटारा अकेले उत्तर प्रदेश में किया गया है. बीते साल मई और दिसंबर में यूपी रेरा अथॉरिटी ने पहली बार स्थानीय स्तर पर होम बायर्स की समस्याओं को सुलझाने के लिए ऑनलाइन रेरा संवाद का आयोजन किया था. उन्होंने बताया कि जनवरी 2021 की शुरुआत तक पूरे भारत में रेरा के तहत करीब 60 हजार रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स और करीब 46 हजार रियल इस्टेट एजेंट्स का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.
ये लोग भी जुड़े
पीएचडी चेंबर की इस वेबिनार में हलवासिया एंड संस के मुकुंद हलवासिया, को- चेयरमैन व नीलांश ग्रुप के सतीश श्रीवास्तव, चेंबर के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर रंजीत मेहता, अतुल श्रीवास्तव, जुबिलेंट लाइफ साइंसेज के अनिल मलिक, रिशिता डेवलपर्स के सुधीर अग्रवाल, इमामी रियल्टी के रातुल गुप्ता समेत अनेक उद्यमी, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद और मेरठ विकास प्राधिकरणों के प्रतिनिधि व अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.