लखनऊ : राजधानी के लोहिया अस्पताल (Lohia Hospital in Lucknow) में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में बहुत सारे मरीजों को भर्ती होने के लिए घंटों इंतजार भी करना पड़ता है. सोमवार को अस्पताल की इमरजेंसी में बेड खाली नहीं होने के चलते प्रदेश के अन्य जिलों से आए मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अस्पताल की इमरजेंसी में शाम 4:30 बजे तक 310 मरीज भर्ती हुए, वहीं सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 1200 व हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में 1600 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराने के लिए मरीजों को जहां थोड़ा इंतजार करना पड़ा, वहीं ओपीडी में लंबी लाइन देखने को मिली. शाम 5:00 बजे तक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में डॉक्टरों ने मरीजों को देखा.
गोरखपुर से मरीज को लेकर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी (emergency of Lohia Hospital) में पहुंचीं अंजलि शर्मा ने बताया कि यहां पर आए हुए एक घंटा हुआ है, लेकिन अभी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है. इमरजेंसी में प्राथमिक इलाज एंबुलेंस में ही दिया जा रहा है. अभी तक एक बार भी अस्पताल का कोई कर्मचारी नर्स व डॉक्टर देखने के लिए नहीं आया है. अंजलि ने बताया कि इमरजेंसी में बेड खाली नहीं होने के चलते इंतजार करना पड़ रहा है.
मरीज को दिखाने पहुंचे मनोज ने बताया कि अस्पताल में आए हुए अभी कुछ समय हुआ है. इमरजेंसी में बेड नहीं खाली होने के कारण थोड़ा इंतजार करना पड़ रहा है. हालांकि मरीज की फाइल हमने इमरजेंसी में लगा दी है. बेड खाली होने के बाद ही मरीज को अंदर शिफ्ट किया जाएगा. इलाज कराने पहुंचे शशिकांत यादव ने बताया कि बस्ती में एक्सीडेंट हुआ, जिसके कारण मरीज जिला अस्पताल में भर्ती था. मरीज को लोहिया अस्पताल लाया गया है. मरीज की फाइल अंदर भेज दी गई है. डॉक्टरों का कहना है कि बेड खाली होने पर मरीज को भर्ती कर लिया जाएगा.
आशियाना निवासी प्रकाश तिवारी ने बताया कि उनकी माताजी लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यहां पर इलाज अच्छा मिलता है, इसीलिए मरीज दूरदराज से आते हैं. कुछ चीजें यहां पर और बेहतर की जानी चाहिए. दवा के काउंटर पर चार लाइनें लगती हैं. ऐसे में घंटों यहां पर समय बर्बाद होता है. अस्पताल प्रशासन को इसके लिए कुछ पहल करनी चाहिए, ताकि ये दिक्कत दूर हो सके. कई बार यहां पर सारी दवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं. प्रदेश के अन्य जिलों से इलाज के लिए आए मरीजों को काफी भागदौड़ करना पड़ जाता है, क्योंकि यहां कहीं हेल्पडेस्क नहीं है. अगर हेल्पडेस्क हो जाए तो मरीज व तीमारदारों को काफी सहूलियत हो जाएगी.
लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता एपी जैन (AP Jain, spokesperson of Lohia Hospital) ने बताया कि प्रदेशभर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. अस्पताल के डॉक्टरों की पूरी कोशिश होती है कि सभी मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके. अस्पताल की इमरजेंसी फुल होने के कारण मरीज को भर्ती नहीं किया जा सका. डॉक्टर भर्ती मरीजों को देखने में व्यस्त होते हैं, इसलिए एंबुलेंस में नहीं देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से दिए गए सुझाव को हम गंभीरता से लेंगे. हेल्पडेस्क यहां पर बनी हुई है.