लखनऊ : राजधानी स्थित बलरामपुर अस्पताल ने एक महिला के दाएं कंधे की जटिल सर्जरी को दूरबीन विधि से कर अपनी सफलता के इतिहास की किताब में एक और अध्याय लिख दिया. न सिर्फ बलरामपुर अस्पताल बल्कि यूपी के किसी भी प्रांतीय चिकित्सालय में ऐसी सर्जरी पहली बार की गयी है. यह सर्जरी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ जीपी गुप्ता के नेतृत्व में बनी टीम ने की.
इस सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए डॉ जीपी गुप्ता ने बताया कि 'सीतापुर की रहने वाली 42 वर्षीय महिला उनके पास दाहिने कंधे में तकलीफ की शिकायत लेकर आयी थीं, जांच में पता चला उनके दाएं कंधे का रोटेटर कफ (सुप्रास्पिनैटस मसल supraspinatus muscle) टूट गया है. इसी कारण उनका दाहिना हाथ कंधे से उठ नहीं रहा था.' डॉ गुप्ता ने बताया कि 'इसका इलाज सर्जरी होती है.' उन्होंने बताया कि 'दूरबीन विधि से होने वाली यह सर्जरी बहुत जटिल होती है और सभी डॉक्टर इसे नहीं कर पाते हैं. इस सर्जरी में दूरबीन विधि से गांठ रहित सूचर एंकर की सहायता से फाइवर के धागे से मांसपेशियों और हड्डी को जोड़ा जाता है.' मालूम हो कि यह इंजरी बढ़ती उम्र के साथ हाथ में झटका आदि लगने से हो जाती है. इस ऑपरेशन में डॉ जीपी गुप्ता, डॉ सचिन यादव, रेजीडेंट डॉ संचित अग्रवाल के साथ एनेस्थीसिया विभाग के डॉ नूरुल एवं नर्सिंग स्टाफ दया शामिल रहीं.
साझा की गईं जानकारियां : 18 फरवरी को जनरल सर्जरी विभाग के 111वें स्थापना दिवस के अवसर पर 14 से 17 फरवरी तक आयोजित सर्जिकल शिक्षा कार्यक्रम के साथ सीएमई का उद्घाटन केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी द्वारा किया गया. कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रो-वाइस चांसलर डॉ विनीत शर्मा, विभागाध्यक्ष व आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. अभिनव अरुण सोनकर, वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष डॉ केके सिंह, आयोजन सचिव डॉ. अजय कुमार पाल, संयुक्त आयोजन सचिव डॉ. अमित कार्णिक की उपस्थिति रही. स्वागत भाषण जनरल सर्जरी के प्रमुख, प्रो. अभिनव अरुण सोनकर द्वारा दिया गया. कुलपति ने नवीन शल्य चिकित्सा भवन के निर्माण के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की घोषणा की. डॉ. केके सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया.
सीएमई की शुरुआत प्लास्टिक सर्जरी और एंडोक्राइन सर्जरी सत्र से हुई, जिसके दौरान केजीएमयू के संबंधित विभागों के फैकल्टी द्वारा अतिथि व्याख्यान दिए गए. प्रोफेसर विजय कुमार और प्रोफेसर बृजेश मिश्रा ने फटे होंठ प्रबंधन और जलन के प्रबंधन के बारे में चर्चा की. प्रो. अभिनव अरुण सोनकर, डॉ. कुल रंजन सिंह और डॉ. कुशाग्र गौरव द्वारा थायराइड रोगों पर व्याख्यान दिया गया. प्रो गौरव अग्रवाल, प्रो आनंद मिश्रा, प्रो सुरेंद्र कुमार, डॉ. गीतिका नंदा सिंह और डॉ. प्रियंका यादव ने स्तन कैंसर निदान और प्रबंधन पर व्याख्यान दिया.
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