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महिलाओं की शिकायत दूर करने में राज्य महिला आयोग पिछड़ा, बीते साल के 31% मामले पेंडिंग

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Published : Oct 31, 2020, 9:02 AM IST

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग भी महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में पीछे होता नजर आ रहा है. इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा रहा है कि साल 2019 में महिला आयोग के पास पहुंचे मामलों में अभी तक 31 प्रतिशत मामले पेंडिंग हैं.

राज्य महिला आयोग
राज्य महिला आयोग

लखनऊ: महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग भी पीछे है. वर्ष 2019 के आंकड़ों की बात करें तो इस साल महिलाओं को लेकर हुए विभिन्न अपराधों के 40,998 मामले महिला आयोग के पास पहुंचे, जिनमें से सिर्फ 28,200 मामलों का निस्तारण किया गया है. वर्तमान में 12,799 मामले पेंडिंग हैं.

जानकारी देतीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम.

महिलाओं के साथ अपराध होने पर जब सिस्टम उनकी मदद नहीं करता है तो महिलाएं न्याय की आस में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग पहुंचती हैं. महिलाओं को उम्मीद होती है कि महिला आयोग की ओर से उन्हें मदद मिलेगी, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग भी महिलाओं को न्याय दिलाने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो रहा है. वर्ष 2019 में 31% महिलाओं से संबंधित मामलों में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है.

राज्य महिला आयोग तक पहुंचे मामले और उनका निस्तारण (वर्ष 2019)

  • एसिड अटैक- 35 मामले दर्ज, एक का भी निस्तारण नहीं.
  • यौन उत्पीड़न- 760 मामले दर्ज, सिर्फ 299 का निस्तारण.
  • घरेलू हिंसा- 3290 मामले दर्ज, सिर्फ 1246 का निस्तारण.
  • बाल विवाह- 11 मामले दर्ज, सिर्फ 7 का निस्तारण.
  • बलात्कार- 1917 मामले दर्ज, सिर्फ 913 का निस्तारण.
  • बाल विवाह- 1056 मामले दर्ज, सिर्फ 474 का निस्तारण.
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न- 27 मामले दर्ज, सिर्फ 17 का निस्तारण.
  • कार्यस्थल पर उत्पीड़न- 58 मामले दर्ज, सिर्फ 49 का निस्तारण.
  • हत्या- 449 मामले दर्ज, सिर्फ 189 का निस्तारण.
  • हत्या का प्रयास- 455 मामले दर्ज, सिर्फ 227 का निस्तारण.
  • पुलिस उत्पीड़न- 663 मामले दर्ज, सिर्फ 407 का निस्तारण.
  • साइबर क्राइम- 114 मामले दर्ज, सिर्फ 74 का निस्तारण.
  • दहेज उत्पीड़न- 6288 मामले दर्ज, सिर्फ 2199 का निस्तारण.
  • अपहरण- 1658 मामले दर्ज, सिर्फ 782 का निस्तारण.
  • अश्लील हरकत व छेड़छाड़- 3261 मामले दर्ज, सिर्फ 1872 का निस्तारण.

इस आंकड़ों को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि वर्ष 2019 में महिला आयोग के पास 40,998 मामले आए, जिनमें से 28,200 मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं 12,798 मामले पेंडिंग हैं. इस दौरान विमला बाथम ने कहा कि महिलाओं की सहायता करने के लिए महिला आयोग लगातार प्रयास कर रहा है. हम मामले को गंभीरता से देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं के साथ किसी तरह का अपराध हो रहा है, वह उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के फोन नंबर 05252 306 403, फैक्स नंबर 05252 728 671, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के टोल फ्री नंबर 1800 180 5220, राज्य महिला आयोग की वेबसाइट mahilaayog.up.gov.in, राज्य महिला आयोग की ईमेल आईडी- up.mahilaayog@yahoo.com और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के व्हाट्सएप नंबर 6306 511 708 पर संपर्क कर अपनी शिकायत कर सकते हैं.

विमला बाथम ने कहा कि शिकायत रजिस्टर्ड होने के बाद महिला आयोग की ओर से पीड़ित महिला के फोन नंबर पर मैसेज कर इसकी सूचना दी जाती है. वहीं मामले की प्रगति की जानकारी भी समय-समय पर पीड़ित महिला को उपलब्ध कराई जाती है.

लखनऊ: महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग भी पीछे है. वर्ष 2019 के आंकड़ों की बात करें तो इस साल महिलाओं को लेकर हुए विभिन्न अपराधों के 40,998 मामले महिला आयोग के पास पहुंचे, जिनमें से सिर्फ 28,200 मामलों का निस्तारण किया गया है. वर्तमान में 12,799 मामले पेंडिंग हैं.

जानकारी देतीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम.

महिलाओं के साथ अपराध होने पर जब सिस्टम उनकी मदद नहीं करता है तो महिलाएं न्याय की आस में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग पहुंचती हैं. महिलाओं को उम्मीद होती है कि महिला आयोग की ओर से उन्हें मदद मिलेगी, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग भी महिलाओं को न्याय दिलाने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो रहा है. वर्ष 2019 में 31% महिलाओं से संबंधित मामलों में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है.

राज्य महिला आयोग तक पहुंचे मामले और उनका निस्तारण (वर्ष 2019)

  • एसिड अटैक- 35 मामले दर्ज, एक का भी निस्तारण नहीं.
  • यौन उत्पीड़न- 760 मामले दर्ज, सिर्फ 299 का निस्तारण.
  • घरेलू हिंसा- 3290 मामले दर्ज, सिर्फ 1246 का निस्तारण.
  • बाल विवाह- 11 मामले दर्ज, सिर्फ 7 का निस्तारण.
  • बलात्कार- 1917 मामले दर्ज, सिर्फ 913 का निस्तारण.
  • बाल विवाह- 1056 मामले दर्ज, सिर्फ 474 का निस्तारण.
  • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न- 27 मामले दर्ज, सिर्फ 17 का निस्तारण.
  • कार्यस्थल पर उत्पीड़न- 58 मामले दर्ज, सिर्फ 49 का निस्तारण.
  • हत्या- 449 मामले दर्ज, सिर्फ 189 का निस्तारण.
  • हत्या का प्रयास- 455 मामले दर्ज, सिर्फ 227 का निस्तारण.
  • पुलिस उत्पीड़न- 663 मामले दर्ज, सिर्फ 407 का निस्तारण.
  • साइबर क्राइम- 114 मामले दर्ज, सिर्फ 74 का निस्तारण.
  • दहेज उत्पीड़न- 6288 मामले दर्ज, सिर्फ 2199 का निस्तारण.
  • अपहरण- 1658 मामले दर्ज, सिर्फ 782 का निस्तारण.
  • अश्लील हरकत व छेड़छाड़- 3261 मामले दर्ज, सिर्फ 1872 का निस्तारण.

इस आंकड़ों को लेकर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि वर्ष 2019 में महिला आयोग के पास 40,998 मामले आए, जिनमें से 28,200 मामलों का निस्तारण किया गया. वहीं 12,798 मामले पेंडिंग हैं. इस दौरान विमला बाथम ने कहा कि महिलाओं की सहायता करने के लिए महिला आयोग लगातार प्रयास कर रहा है. हम मामले को गंभीरता से देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं के साथ किसी तरह का अपराध हो रहा है, वह उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के फोन नंबर 05252 306 403, फैक्स नंबर 05252 728 671, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के टोल फ्री नंबर 1800 180 5220, राज्य महिला आयोग की वेबसाइट mahilaayog.up.gov.in, राज्य महिला आयोग की ईमेल आईडी- up.mahilaayog@yahoo.com और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के व्हाट्सएप नंबर 6306 511 708 पर संपर्क कर अपनी शिकायत कर सकते हैं.

विमला बाथम ने कहा कि शिकायत रजिस्टर्ड होने के बाद महिला आयोग की ओर से पीड़ित महिला के फोन नंबर पर मैसेज कर इसकी सूचना दी जाती है. वहीं मामले की प्रगति की जानकारी भी समय-समय पर पीड़ित महिला को उपलब्ध कराई जाती है.

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