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कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों को किया जाएगा बाहर - लखनऊ खबर

उत्तर प्रदेश में कौशल विकास का प्रशिक्षण देने उन कंपनियों को बाहर किया जाएगा, जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. इन कंपनियों के खिलाफ प्लेसमेंट कराने के मानक को पूरा न करने की शिकायत मिली है.

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Published : Apr 23, 2021, 3:39 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के कई जिलों में युवकों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली कंपनियां हैं. ऐसी कंपनियों को बाहर किया जाएगा, जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. दरअसल, इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिली है कि युवकों को प्लेसमेंट कराने के मानक को पूरा करने में यह रूचि नहीं दिखा रही है. अब ऐसी कंपनियों को पैनल से बाहर किया जाएगा.

व्यवसायिक शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मिशन ने युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए कई एजेंसियों का एक पैनल बनाया था. साथ ही अनुबंध भी किया गया था. वहीं, पैनल में शामिल सभी कंपनियों को प्रशिक्षण के बाद कम से कम 50 फीसदी युवाओं को प्लेसमेंट करवाना अनिवार्य था. शर्त का पालन न करने वाली एजेंसियों का पूरा भुगतान नहीं किया जाएगा.

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प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों की होगी समीक्षा

शासन से मिली शिकायत के अनुसार, ऐसी एजेंसियों की समीक्षा की जाएगी. वहीं सभी एजेंसियों की पिछले 3 साल के परफॉर्मेंस की गहनता से समीक्षा करने के उपरांत जो एजेंसियां अनुबंध की शर्त के मुताबिक प्रशिक्षित युवकों को प्लेसमेंट नहीं करा रही है. उसकी सूची शासन को उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे में कई एजेंसियों से प्रशिक्षण का काम भी छीन सकता है.

लखनऊ : प्रदेश के कई जिलों में युवकों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली कंपनियां हैं. ऐसी कंपनियों को बाहर किया जाएगा, जिनकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं है. दरअसल, इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत मिली है कि युवकों को प्लेसमेंट कराने के मानक को पूरा करने में यह रूचि नहीं दिखा रही है. अब ऐसी कंपनियों को पैनल से बाहर किया जाएगा.

व्यवसायिक शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास मिशन ने युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए कई एजेंसियों का एक पैनल बनाया था. साथ ही अनुबंध भी किया गया था. वहीं, पैनल में शामिल सभी कंपनियों को प्रशिक्षण के बाद कम से कम 50 फीसदी युवाओं को प्लेसमेंट करवाना अनिवार्य था. शर्त का पालन न करने वाली एजेंसियों का पूरा भुगतान नहीं किया जाएगा.

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प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों की होगी समीक्षा

शासन से मिली शिकायत के अनुसार, ऐसी एजेंसियों की समीक्षा की जाएगी. वहीं सभी एजेंसियों की पिछले 3 साल के परफॉर्मेंस की गहनता से समीक्षा करने के उपरांत जो एजेंसियां अनुबंध की शर्त के मुताबिक प्रशिक्षित युवकों को प्लेसमेंट नहीं करा रही है. उसकी सूची शासन को उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे में कई एजेंसियों से प्रशिक्षण का काम भी छीन सकता है.

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