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छात्रों के आइडिया को कंपनियों ने दिया उत्पाद का रूप

लॉकडाउन के बाद पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की अपील का असर दिखना शुरू हो गया है. अब विभिन्न संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के द्वारा दिए गए आइडिया को अपनाकर कंपनियों ने उत्पाद बनाने भी शुरू कर दिए हैं.

एकेटीयू
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Published : Dec 17, 2020, 3:47 AM IST

लखनऊ: आत्मनिर्भर अभियान के तहत तकनीकी संस्थानों से जुड़े छात्रों के नवाचारों को कंपनियों ने उत्पाद का रूप देना शुरू कर दिया है. बता दें कि अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के कई छात्रों के नवाचार को उत्पाद की शक्ल में कंपनियां बाजार में उतारने जा रही हैं. बाजार में आने के बाद कंपनियों की ओर से छात्रों को भी इसका शेयर दिया जाएगा.

प्रदेश सरकार द्वारा आत्मनिर्भर अभियान के तहत अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय काफी अहम साबित हो रहा है. आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत यहां पर छात्रों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जा रहा है. इसमें छात्र अपने सुझाव व उससे जुड़े प्रोटोटाइप प्रस्तुत करते हैं. अब तक 1 दर्जन से अधिक छात्रों के बनाए गए प्रोटोटाइप बिजनेस मॉडल का आकार ले चुके हैं. आत्मनिर्भर अभियान को और सशक्त बनाने के लिए शासन ने प्रदेश के साथ तकनीकी संस्थानों में इनक्यूबेटर खोले जाने के निर्देश दिए हैं. इसमें लखनऊ का महाराणा प्रताप प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भी शामिल है.

छात्रों को नवाचार के प्रति जागरूक किया जा रहा है. नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एकेटीयू की ओर से कलाम इन्नोवेशन एंड स्टार्टअप सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर के जरिए छात्रों से इनोवेशन से जुड़े हुए आइडिया मांगे जाते हैं. 3 साल में 2700 से अधिक आइडिया सेंटर को मिल चुके हैं. इसमें छात्रों के 68 आइडियाज को चुना गया है. जिनको अपने नवाचार का प्रोटोटाइप बनाने के लिए एकेटीयू की ओर से 12000 की धनराशि दी गई है.

बिजनौर के वीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के छात्र शुभम कुमार ने किसानों को राहत देने के लिए व्हील स्प्रे पंप मशीन बनाई है. गतिज ऊर्जा पर आधारित इस मशीन के जरिए किसान समय व मेहनत की बचत करते हुए खेत में फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड छिड़क सकते हैं. छात्र के इस आइडिया को एक कंपनी ने लिया है, जो इस मशीन को डिजाइन देकर बाजार में उतारेगी.

ग्रेटर नोएडा के द्रोणाचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के छात्र शिवम यादव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से स्मार्ट हेलमेट का निर्माण किया है, जिसमें सेंसर लगे हुए हैं. जीपीएस युक्त इस हेलमेट की विशेषता यह है कि किसी भी तरह का हादसा होने से पहले यह हेलमेट फॉरेन नजदीक के पुलिस स्टेशन, अस्पताल और परिवार के सदस्यों को मैसेज भेज देगा. छात्र के आईडिया पर एक कंपनी उसका उत्पादन करने जा रही है.

लखनऊ: आत्मनिर्भर अभियान के तहत तकनीकी संस्थानों से जुड़े छात्रों के नवाचारों को कंपनियों ने उत्पाद का रूप देना शुरू कर दिया है. बता दें कि अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के कई छात्रों के नवाचार को उत्पाद की शक्ल में कंपनियां बाजार में उतारने जा रही हैं. बाजार में आने के बाद कंपनियों की ओर से छात्रों को भी इसका शेयर दिया जाएगा.

प्रदेश सरकार द्वारा आत्मनिर्भर अभियान के तहत अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय काफी अहम साबित हो रहा है. आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत यहां पर छात्रों के बीच प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जा रहा है. इसमें छात्र अपने सुझाव व उससे जुड़े प्रोटोटाइप प्रस्तुत करते हैं. अब तक 1 दर्जन से अधिक छात्रों के बनाए गए प्रोटोटाइप बिजनेस मॉडल का आकार ले चुके हैं. आत्मनिर्भर अभियान को और सशक्त बनाने के लिए शासन ने प्रदेश के साथ तकनीकी संस्थानों में इनक्यूबेटर खोले जाने के निर्देश दिए हैं. इसमें लखनऊ का महाराणा प्रताप प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भी शामिल है.

छात्रों को नवाचार के प्रति जागरूक किया जा रहा है. नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एकेटीयू की ओर से कलाम इन्नोवेशन एंड स्टार्टअप सेंटर की स्थापना की गई है. इस सेंटर के जरिए छात्रों से इनोवेशन से जुड़े हुए आइडिया मांगे जाते हैं. 3 साल में 2700 से अधिक आइडिया सेंटर को मिल चुके हैं. इसमें छात्रों के 68 आइडियाज को चुना गया है. जिनको अपने नवाचार का प्रोटोटाइप बनाने के लिए एकेटीयू की ओर से 12000 की धनराशि दी गई है.

बिजनौर के वीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के छात्र शुभम कुमार ने किसानों को राहत देने के लिए व्हील स्प्रे पंप मशीन बनाई है. गतिज ऊर्जा पर आधारित इस मशीन के जरिए किसान समय व मेहनत की बचत करते हुए खेत में फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड छिड़क सकते हैं. छात्र के इस आइडिया को एक कंपनी ने लिया है, जो इस मशीन को डिजाइन देकर बाजार में उतारेगी.

ग्रेटर नोएडा के द्रोणाचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के छात्र शिवम यादव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से स्मार्ट हेलमेट का निर्माण किया है, जिसमें सेंसर लगे हुए हैं. जीपीएस युक्त इस हेलमेट की विशेषता यह है कि किसी भी तरह का हादसा होने से पहले यह हेलमेट फॉरेन नजदीक के पुलिस स्टेशन, अस्पताल और परिवार के सदस्यों को मैसेज भेज देगा. छात्र के आईडिया पर एक कंपनी उसका उत्पादन करने जा रही है.

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