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लखनऊ: कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के कार्यकारिणी की बैठक, लोकसभा अध्यक्ष होंगे शामिल

राजधानी में बुधवार को शाम पांच बजे होटल ताज में पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक होगी. इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित मौजूद रहेंगे. गुरुवार को सम्मेलन का उद्घाटन होगा.

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हृदय नारायण दीक्षित
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Published : Jan 15, 2020, 4:25 PM IST

लखनऊ: कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन इंडिया रीजन कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे. बुधवार को शाम पांच बजे होटल ताज में पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के कार्यकारिणी की बैठक होगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित मौजूद रहेंगे. लोकसभा अध्यक्ष समेत इस कार्यकारिणी की बैठक में नौ सदस्य शामिल होंगे. कार्यकारिणी की बैठक में होने वाले कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा होगी और बिंदुवार कार्यक्रम तय किए जाएंगे.

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन कार्यकारिणी की बैठक.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे अध्यक्षताकॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन भारतक्षेत्र के सम्मेलन के दौरान 16 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं की उपस्थिति में सम्मेलन का उद्घाटन होगा. इसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी बुलाए गए हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद रितेश पाण्डेय को भी आमंत्रित किया गया है. उद्घाटन सत्र के बाद एक दूसरा सत्र होगा. जिसमें विधायिका की गुणवत्ता पर सुझाव सत्र होगा, विचार विमर्श होगा, गंभीर चर्चा होगी. इसी तरह से इसी प्रकार दूसरे दिन 17 जनवरी को प्रातः काल एक नया सत्र चलेगा.

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कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का आयोजन उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का अवसर है कि इस प्रतिष्ठापूर्ण और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन के आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. इसमें संसद एवं राज्य विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारियों, महासचिव, प्रमुख सचिव व सचिव एवं देशों के प्रतिनिधिगण की भी सहभागिता रहेगी. भारत क्षेत्र का छठवां सम्मेलन फरवरी 2018 में बिहार में आयोजित किया गया था. इसके पूर्व यह सम्मेलन गोवा, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली तथा हैदराबाद में भी आयोजित किया जा चुका है.

लंदन में स्थित है मुख्यालय
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना 1911 में एंपायर पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के रूप में की गई थी. इसका उद्देश्य राष्ट्रमंडल संसदों के सदस्यों के बीच संसदीय विचारों और सूचनाओं के नियमित परामर्श और उनका आदान प्रदान करना तथा लोकतंत्र की उन्नति में बढ़ावा देना है. वर्ष 1948 में इस संघ का नाम बदलकर कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन अंगीकार किया तथा संघ के प्रबंधन में समस्त सदस्य शाखाओं को सक्षम बनाने के लिए इसकी नियमावली में परिवर्तन किया गया. इसके लोक कार्यों के प्रबंधन और निष्पादन के लिए एक पृथक सचिवालय स्थापित किया गया जो राष्ट्रमंडल सचिवालय के नाम से जाना जाता है. इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है.

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राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की उत्तर प्रदेश शाखा द्वारा भी नियमावली बनाई गई है, जिसे पहली बार संघ की साधारण बैठक में 31 दिसंबर 1974 में स्वीकार किया गया, जो उसी दिनांक से प्रवृत्त हुई. यह संघ राष्ट्रमंडल देशों में संसदों और विधानमंडलों का एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय है. विधाई निकायों के पीठासीन अधिकारी सामान्यतया शाखा के अध्यक्ष होते हैं. सदन के नेता प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं. वर्तमान में राष्ट्रमंडल संघ में 53 सदस्य देश हैं. जिनमें 180 से अधिक संसदों एवं विधायिकाओं की शाखाएं हैं.

लखनऊ: कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन इंडिया रीजन कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे. बुधवार को शाम पांच बजे होटल ताज में पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के कार्यकारिणी की बैठक होगी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित मौजूद रहेंगे. लोकसभा अध्यक्ष समेत इस कार्यकारिणी की बैठक में नौ सदस्य शामिल होंगे. कार्यकारिणी की बैठक में होने वाले कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा होगी और बिंदुवार कार्यक्रम तय किए जाएंगे.

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन कार्यकारिणी की बैठक.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे अध्यक्षताकॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन भारतक्षेत्र के सम्मेलन के दौरान 16 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं की उपस्थिति में सम्मेलन का उद्घाटन होगा. इसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी बुलाए गए हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद रितेश पाण्डेय को भी आमंत्रित किया गया है. उद्घाटन सत्र के बाद एक दूसरा सत्र होगा. जिसमें विधायिका की गुणवत्ता पर सुझाव सत्र होगा, विचार विमर्श होगा, गंभीर चर्चा होगी. इसी तरह से इसी प्रकार दूसरे दिन 17 जनवरी को प्रातः काल एक नया सत्र चलेगा.

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कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का आयोजन उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का अवसर है कि इस प्रतिष्ठापूर्ण और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन के आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. इसमें संसद एवं राज्य विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारियों, महासचिव, प्रमुख सचिव व सचिव एवं देशों के प्रतिनिधिगण की भी सहभागिता रहेगी. भारत क्षेत्र का छठवां सम्मेलन फरवरी 2018 में बिहार में आयोजित किया गया था. इसके पूर्व यह सम्मेलन गोवा, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली तथा हैदराबाद में भी आयोजित किया जा चुका है.

लंदन में स्थित है मुख्यालय
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना 1911 में एंपायर पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के रूप में की गई थी. इसका उद्देश्य राष्ट्रमंडल संसदों के सदस्यों के बीच संसदीय विचारों और सूचनाओं के नियमित परामर्श और उनका आदान प्रदान करना तथा लोकतंत्र की उन्नति में बढ़ावा देना है. वर्ष 1948 में इस संघ का नाम बदलकर कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन अंगीकार किया तथा संघ के प्रबंधन में समस्त सदस्य शाखाओं को सक्षम बनाने के लिए इसकी नियमावली में परिवर्तन किया गया. इसके लोक कार्यों के प्रबंधन और निष्पादन के लिए एक पृथक सचिवालय स्थापित किया गया जो राष्ट्रमंडल सचिवालय के नाम से जाना जाता है. इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है.

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राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की उत्तर प्रदेश शाखा द्वारा भी नियमावली बनाई गई है, जिसे पहली बार संघ की साधारण बैठक में 31 दिसंबर 1974 में स्वीकार किया गया, जो उसी दिनांक से प्रवृत्त हुई. यह संघ राष्ट्रमंडल देशों में संसदों और विधानमंडलों का एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय है. विधाई निकायों के पीठासीन अधिकारी सामान्यतया शाखा के अध्यक्ष होते हैं. सदन के नेता प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं. वर्तमान में राष्ट्रमंडल संघ में 53 सदस्य देश हैं. जिनमें 180 से अधिक संसदों एवं विधायिकाओं की शाखाएं हैं.

Intro:लखनऊ: कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक आज, लोकसभा अध्यक्ष होंगे शामिल

लखनऊ। कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन इंडिया रीजन कान्फ्रेंस का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम विरला करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित मौजूद रहेंगे। उद्घाटन से पहले आज बुधवार को शाम पांच बजे होटल ताज में पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक होगी इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष समेत इस कार्यकारिणी की बैठक में नौ सदस्य शामिल होंगे। कार्यकारिणी की बैठक में होने वाले कार्यक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा होगी और बिंदुवार कार्यक्रम तय किए जाएंगे।




Body:कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन भारतक्षेत्र के सम्मेलन के दौरान 16 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं की उपस्थिति में सम्मेलन का उद्घाटन होगा। इसमें उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी बुलाए गए हैं। बीजेपी के राज सभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद रितेश पांडे को आमंत्रित किया गया है। उद्घाटन सत्र के बाद एक दूसरा सत्र होगा। जिसमें विधायिका की गुणवत्ता पर सुझाव सत्र होगा। विचार विमर्श होगा। गंभीर चर्चा होगी। इसी तरह से इसी प्रकार दूसरे दिन 17 जनवरी को प्रातः काल एक नया सत्र चलेगा। शाम को इसका समापन शाम को होगा। समापन के उपरांत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मीडिया से मुखातिब होंगे।

कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का आयोजन उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का अवसर है कि इस प्रतिष्ठापूर्ण और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन के आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसमे संसद एवं राज्य विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारियों, महासचिव, प्रमुख सचिव व सचिव एवं देशों के प्रतिनिधि गण की भी सहभागिता रहेगी। भारत क्षेत्र का छठवां सम्मेलन फरवरी 2018 में बिहार में आयोजित किया गया था। इसके पूर्व यह सम्मेलन गोवा, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली तथा हैदराबाद में भी आयोजित किया जा चुका है।

भारतीय लोकतंत्र एवं संसदीय इतिहास में उत्तर प्रदेश का अपना एक विशिष्ट स्थान है। इस प्रदेश की राजनीतिक सामाजिक एवं संसदीय घटनाओं ने संपूर्ण देश को समय-समय पर नई दिशा दी है। तथा जनहित में ऐसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव एवं अधिनियम पारित किए हैं। जिनसे सामाजिक न्याय एवं आर्थिक विकास संभव हो सका।

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना 1911 में एंपायर पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य राष्ट्रमंडल संसदों के सदस्यों के बीच संसदीय विचारों और सूचनाओं के नियमित परामर्श और उनका आदान प्रदान करना तथा लोकतंत्र की उन्नति में बढ़ावा देना है।

वर्ष 1948 में इस संघ का नाम बदलकर कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन अंगीकार किया तथा संघ के प्रबंधन में समस्त सदस्य शाखाओं को सक्षम बनाने के लिए इसकी नियमावली में परिवर्तन किया गया। इसके लोक कार्यों के प्रबंधन और निष्पादन के लिए एक पृथक सचिवालय स्थापित किया जो राष्ट्रमंडल सचिवालय के नाम से जाना जाता है। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है।

राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की उत्तर प्रदेश शाखा द्वारा भी नियमावली बनाई गई है जिसे प्रथम बार संघ की साधारण बैठक में 31 दिसंबर 1974 में स्वीकार किया गया। जो उसी दिनांक से प्रवृति हुई। यह संघ राष्ट्रमंडल देशों में संसदों और विधान मंडलों का एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय है। विधाई निकायों के पीठासीन अधिकारी सामान्यता शाखा के अध्यक्ष होते हैं। सदन के नेता प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं। वर्तमान में राष्ट्रमंडल संघ में 53 सदस्य देश हैं। जिनमें 180 से अधिक संसदों एवं विधायिकाओं की शाखाएं हैं।

दिलीप शुक्ला, 9450663213




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