ETV Bharat / state

43 साल पहले कानपुर में लागू हुआ था कमिश्नरेट

कांग्रेस राज में 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने पहली बार 43 साल पहले पुलिस आयुक्त प्रणाली प्रदेश में लागू की गई थी. कानपुर को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था. 1978 में बासुदेव पंजानी को बतौर पुलिस कमिश्नर तैनाती देकर उन्हें मद्रास और मुम्बई कमिश्नरेट की स्टडी के लिए भेज दिया गया. बाद में मायावती की सरकार में भी सहमति बनी थी मगर निर्णय नहीं हो सका.

43 साल पहले कानपुर में लागू हुआ था कमिश्नरेट
43 साल पहले कानपुर में लागू हुआ था कमिश्नरेट
author img

By

Published : Mar 26, 2021, 2:32 PM IST

Updated : Mar 26, 2021, 3:11 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस राज में 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने पहली बार 43 साल पहले पुलिस आयुक्त प्रणाली प्रदेश में लागू की गई थी. कानपुर को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था. 1978 में बासुदेव पंजानी को बतौर पुलिस कमिश्नर तैनाती देकर उन्हें मद्रास और मुम्बई कमिश्नरेट की स्टडी के लिए भेज दिया गया. पूर्व डीजीपी एके जैन बताते हैं कि 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत कानपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की. बासुदेव पंजानी को पुलिस कमिश्नर कानपुर नियुक्त करने के बाद उन्हें मद्रास पुलिस कमिश्नरेट की स्टडी करने के लिए भेज दिया गया. पंजानी वापस आते इससे पहले ही आईएएस लॉबी ने सक्रिय होकर इस फैसले को निरस्त करा दिया.

मायावती ने सहमति दी, मगर निर्णय नहीं हो सका

पूर्व डीजी बताते हैं कि 2009 में भी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए मायावती ने सहमति दे दी थी. जिलों के चयन और प्रस्ताव में हुए विलंब के कारण निर्णय नहीं हो सका था. 2014 में डीजीपी रिजवान अहमद ने भी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रस्ताव सौंपा लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चला गया.

2017 में भाजपा सरकार में भी प्रस्ताव रुक गया

2017 में जब प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन डीजीपी जावीद अहमद से पुलिस कमिश्नर प्रणाली के बारे में जानकारी हासिल की थी, लेकिन कुछ ही दिन बाद जावीद अहमद का स्थानांतरण हो गया और प्रस्ताव पर काम फिर रुक गया. डीजीपी सुलखान सिंह बने लेकिन पुलिस कमिश्नरेट पर फैसला नहीं हो पाया. जनवरी 2018 में डीजीपी बने ओम प्रकाश सिंह ने पुलिस कमिश्नरेट के लिए कवायद शुरू की और उन्हें अपने कार्यकाल के अंतिम महीने में इसमें कामयाबी भी मिल गई. 13 जनवरी 2020 को पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली अस्तित्व में आ गई.

वाराणसी में 18 और कानपुर में 34 थानों में लागू होगा सिस्टम

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की माने तो वाराणसी के 18 और कानपुर के 34 थानो में होंगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा. थानों की सूची तैयार कर ली गई है.

लखनऊ: कांग्रेस राज में 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने पहली बार 43 साल पहले पुलिस आयुक्त प्रणाली प्रदेश में लागू की गई थी. कानपुर को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था. 1978 में बासुदेव पंजानी को बतौर पुलिस कमिश्नर तैनाती देकर उन्हें मद्रास और मुम्बई कमिश्नरेट की स्टडी के लिए भेज दिया गया. पूर्व डीजीपी एके जैन बताते हैं कि 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत कानपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की. बासुदेव पंजानी को पुलिस कमिश्नर कानपुर नियुक्त करने के बाद उन्हें मद्रास पुलिस कमिश्नरेट की स्टडी करने के लिए भेज दिया गया. पंजानी वापस आते इससे पहले ही आईएएस लॉबी ने सक्रिय होकर इस फैसले को निरस्त करा दिया.

मायावती ने सहमति दी, मगर निर्णय नहीं हो सका

पूर्व डीजी बताते हैं कि 2009 में भी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए मायावती ने सहमति दे दी थी. जिलों के चयन और प्रस्ताव में हुए विलंब के कारण निर्णय नहीं हो सका था. 2014 में डीजीपी रिजवान अहमद ने भी पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रस्ताव सौंपा लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चला गया.

2017 में भाजपा सरकार में भी प्रस्ताव रुक गया

2017 में जब प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन डीजीपी जावीद अहमद से पुलिस कमिश्नर प्रणाली के बारे में जानकारी हासिल की थी, लेकिन कुछ ही दिन बाद जावीद अहमद का स्थानांतरण हो गया और प्रस्ताव पर काम फिर रुक गया. डीजीपी सुलखान सिंह बने लेकिन पुलिस कमिश्नरेट पर फैसला नहीं हो पाया. जनवरी 2018 में डीजीपी बने ओम प्रकाश सिंह ने पुलिस कमिश्नरेट के लिए कवायद शुरू की और उन्हें अपने कार्यकाल के अंतिम महीने में इसमें कामयाबी भी मिल गई. 13 जनवरी 2020 को पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली अस्तित्व में आ गई.

वाराणसी में 18 और कानपुर में 34 थानों में लागू होगा सिस्टम

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की माने तो वाराणसी के 18 और कानपुर के 34 थानो में होंगा पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा. थानों की सूची तैयार कर ली गई है.

Last Updated : Mar 26, 2021, 3:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.