लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए गुरुवार को मंडलायुक्त ने एक गूगल मीट का आयोजन किया. मंडलायुक्त लखनऊ रंजन कुमार की अध्यक्षता में गूगल मीट के द्वारा सम्पूर्ण मंडल के अधिकारियों के साथ कोविड नियंत्रण के सम्बंध में बैठक की गई. इस बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश भी उपस्थित रहे.
बैठक में मंडलायुक्त द्वारा समस्त जनपदों को डोर-टू-डोर सर्वे की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए. साथ ही समस्त L-1 हॉस्पिटल और सीएचसी में 1-1 पोर्टेबल एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराने के लिए भी विचार-विमर्श किया गया, ताकि संक्रमण की जानकारी करके जनहानि से बचा जा सके.
मंडलायुक्त ने कहा कि सभी टीमें डोर-टू-डोर सर्वे में यह भी पता कर लें कि जहां पॉजिटिव रोगी आए हैं, उनके घर में ऑक्सीमीटर है या नहीं. मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही एक घंटे के अंदर उसकी कांटैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग को पूरा करना सुनिश्चित किया जाए. साथ ही निर्देश दिया कि होम आइसोलेशन के रोगियों को कॉल करके डेली बेसिस पर उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जाए. साथ ही 96 से कम ऑक्सीजन लेवल होने पर तत्काल L-1 हॉस्पिटल में भर्ती करने की व्यवस्था की जाए.
राजधानी में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए मंडलायुक्त रंजन कुमार के नेतृत्व में एक गूगल मीट की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में लखनऊ के जिलाधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में मंडलायुक्त ने निर्देश दिया कि कोविड-19 पाए जाने पर एक घंटे के भीतर उसके संपर्क में आए व्यक्तियों की कांट्रैक्ट ट्रेसिंग की जाए. वहीं होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को दिन में कम से कम तीन बार कॉल की जाए.
बैठक में मंडलायुक्त द्वारा लखनऊ की सर्विलांस टीमों की भी समीक्षा की गई. सीएमओ ने बताया कि डोर-टू-डोर सर्विसलांस के लिए 600 टीमें शहरी क्षेत्रों में लगाई गई हैं. मंडलायुक्त ने डोर-टू-डोर सर्विलांस की गुणवत्ता बढ़ाने के निर्देश दिए.
वहीं मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि निजी कोविड-19 हॉस्पिटलों द्वारा लोगों से कोविड-19 के उपचार के लिए कितना पैसा लिया जा रहा है, इसकी कड़ी मॉनिटरिंग की जाए. अधिक वसूली करने वाले हॉस्पिटलों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही एक सप्ताह में सभी निजी हॉस्पिटलों की जांच करने के निर्देश भी दिए.