लखनऊ: 24 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जनपदों से बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट कर्मचारी जीपीओ पहुंचे. यहां सभी ने योगी सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए धरना प्रदर्शन किया. जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से एक महीने में समस्याओं के समाधान की मांग की. वहीं मांगों के न पूरा होने पर प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
नो वर्क नो पे-
कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों का काम अन्य विभागों के क्लर्क से कहीं अधिक है. कर्मचारियों को 24 घंटे काम करना पड़ता है. इसके बाद भी उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. इसके खिलाफ आवाज उठाने पर सरकार कहती है कि नो वर्क नो पे.
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कैबिनेट बैठक में लिया जाना था निर्णय-
गवर्नमेंट ने जनवरी 2019 में कोर्ट ऑफ रेवेन्यू को अंतरिम आदेश भेजा था. इसमें कहा गया था कि उनकी मांगों को लेकर कैबिनेट बैठक में बात की जाएगी, लेकिन 9 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. अब तक कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के हितों की बातों को नहीं रखा गया है, जबकि यूपी सरकार हर हफ्ते कैबिनेट बैठक कर रही है.
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सरकार उनके हितों को लेकर सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है. 1 महीने के अंदर उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. प्रदेश स्तर पर कलेक्ट्रेट कर्मचारी काम का बहिष्कार करेगा.
सुशील कुमार त्रिपाठी, प्रांतीय अध्यक्ष, मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ