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बलरामपुर अस्पताल में इलाज को लेकर मरीजों ने कही यह बात, सीएमएस ने कहा, जल्द दूर होगी समस्या - ईटीवी भारत

मौसम परिवर्तन के चलते अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. व्यवस्थाओं को लेकर बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

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Published : Jul 13, 2023, 10:53 AM IST

Updated : Jul 13, 2023, 10:58 AM IST

संवाददाता अपर्णा शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ : इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है, जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ लग रही है. अस्पताल की कुछ ओपीडी ऐसी है जहां पर काफी भीड़ हो रही है. जिसमें जनरल फिजिशियन, आर्थोपेडिक, त्वचा रोग विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग इत्यादि हैं. इस मौसम में दमा के मरीजों को खासी दिक्कत होती है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा ने हाल ही में पद संभाला है. उन्होंने कहा कि अस्पताल की स्थिति को लेकर विचार कर रहे हैं और धीरे-धीरे जो अस्पताल में खामियां हैं उसे मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पताल को भी समय-समय पर मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है. फिलहाल अस्पताल में मेंटेनेंस का काम चल रहा है, जल्द से जल्द इसे पूरा किया जाएगा.

मड़ियांव के रहने वाले दिनेश कुमार अवस्थी ने कहा कि 'इस समय पत्नी का इलाज कराने के लिए बलरामपुर अस्पताल में आए हुए हैं. यह काफी पुराना अस्पताल है, यहां पर अच्छा इलाज मिलता है. यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर और कर्मचारी अच्छे से मरीजों से बातचीत करते हैं. अच्छा इलाज मिलता है और यहीं पर सभी दवाएं उपलब्ध हो जाती हैं. दवाओं के लिए भी बाहर नहीं भागना पड़ता है जो दवाएं अस्पताल की दवा काउंटर से नहीं मिलती हैं वह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से प्राप्त हो जाती हैं. इलाज के मामले में यह अस्पताल बहुत अच्छा है. यहां पर किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है.'

बलरामपुर अस्पताल में मरीज
बलरामपुर अस्पताल में मरीज

महिला मरीज जानकी देवी ने बताया कि 'कुछ साल पहले उन्होंने चिकित्सक से ऑपरेशन कराया था. ऑपरेशन भी सफल हुआ था. यहां इलाज कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है. सभी का व्यवहार और रवैया काफी अच्छा है. यहां कोई समस्या नहीं होती है. जहां पर समस्या लेकर जब कोई मरीज पहुंचता है तो तुरंत डॉक्टर देखते हैं और बहुत ही प्यार से बात करते हैं.'

मरीज गंगा राम साहू ने बताया कि 'अस्पताल में अच्छा इलाज होता है, किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. जब कभी अस्पताल में चिकित्सक को आना होता है तो सुबह ही चले आते हैं, ताकि पर्चा बनवा लें और फिर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. इस क्षेत्र के जितने भी लोग हैं समस्या होने पर सबसे पहले यही आते हैं. बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है, लेकिन यहां पर आकर मरीज को तुरंत इलाज मिल जाता है. उन्होंने बताया कि उनका इलाज यहां चल रहा है. वह डायबिटीज के मरीज हैं. सभी मरीज यहां पर अच्छे इलाज के कारण ही आते हैं और सभी को इलाज कराना होता है, इसलिए कोई समस्या नहीं है.'

बलरामपुर अस्पताल में मरीज
बलरामपुर अस्पताल में मरीज

बलरामपुर अस्पताल के नवनियुक्त सीएमएस डॉ अतुल मल्होत्रा ने बताया कि 'हाल ही में उन्होंने बलरामपुर अस्पताल का पद संभाला है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे घर को समय-समय पर मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है. उसी तरह से अस्पताल को भी मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है. वर्षों से अस्पताल बना हुआ है और समय-समय पर जब यहां पर रंगाई-पुताई और मेंटेनेंस नहीं होता है तो उसके बाद यही हाल होता है. पहले दिन जब हमने राउंड किया. हमने देखा कि जगह-जगह फाल सीलिंग में समस्या है और रंगाई-पुताई पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, जिसको देखते हुए अस्पताल में जहां-जहां पर सीलन की समस्या है या फॉल सीलिंग गिर गई है. यह स्थिति खराब है तो उसे सही कराने के लिए निर्देशित किया गया है और इसके लिए वेंडर को टेंडर भी दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द इन समस्याओं को दूर किया जाए.'

बारिश में त्वचा रोग से पीड़ित हो रहे लोग : सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा ने बातचीत के दौरान बताया कि 'इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है, जब हम राउंड पर निकलते हैं तो उस समय देखते हैं कि सुबह के समय काफी ज्यादा भीड़ होती है. पर्चा काउंटर में लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती हैं. इस समय बारिश के चलते जनरल फिजिशियन नेफ्रोलॉजी और त्वचा रोग विभाग में काफी भीड़ हो रही है, क्योंकि बारिश के कारण दमा के मरीजों को समस्या होती है. ऐसे मरीज जिन्हें शुरुआती सांस लेने में समस्या है, उन्हें दिक्कत होती है या फिर कुछ मरीजों को सीजनल बुखार आ जाता है. इसके अलावा बहुत से मरीजों को बारिश के पानी से गंदगी से एलर्जी होती है, जिससे त्वचा रोग हो जाता है. इन तीनों ओपीडी में इस समय काफी भीड़ हो रही है. ओपीडी में रोजाना लगभग तीन हजार नए पुराने मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बनेगा प्रदेश का पहला साक्षरता म्यूजियम, जानिए यह होगी खासियत

संवाददाता अपर्णा शुक्ला की रिपोर्ट

लखनऊ : इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है, जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ लग रही है. अस्पताल की कुछ ओपीडी ऐसी है जहां पर काफी भीड़ हो रही है. जिसमें जनरल फिजिशियन, आर्थोपेडिक, त्वचा रोग विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग इत्यादि हैं. इस मौसम में दमा के मरीजों को खासी दिक्कत होती है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा ने हाल ही में पद संभाला है. उन्होंने कहा कि अस्पताल की स्थिति को लेकर विचार कर रहे हैं और धीरे-धीरे जो अस्पताल में खामियां हैं उसे मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पताल को भी समय-समय पर मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है. फिलहाल अस्पताल में मेंटेनेंस का काम चल रहा है, जल्द से जल्द इसे पूरा किया जाएगा.

मड़ियांव के रहने वाले दिनेश कुमार अवस्थी ने कहा कि 'इस समय पत्नी का इलाज कराने के लिए बलरामपुर अस्पताल में आए हुए हैं. यह काफी पुराना अस्पताल है, यहां पर अच्छा इलाज मिलता है. यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर और कर्मचारी अच्छे से मरीजों से बातचीत करते हैं. अच्छा इलाज मिलता है और यहीं पर सभी दवाएं उपलब्ध हो जाती हैं. दवाओं के लिए भी बाहर नहीं भागना पड़ता है जो दवाएं अस्पताल की दवा काउंटर से नहीं मिलती हैं वह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से प्राप्त हो जाती हैं. इलाज के मामले में यह अस्पताल बहुत अच्छा है. यहां पर किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है.'

बलरामपुर अस्पताल में मरीज
बलरामपुर अस्पताल में मरीज

महिला मरीज जानकी देवी ने बताया कि 'कुछ साल पहले उन्होंने चिकित्सक से ऑपरेशन कराया था. ऑपरेशन भी सफल हुआ था. यहां इलाज कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है. सभी का व्यवहार और रवैया काफी अच्छा है. यहां कोई समस्या नहीं होती है. जहां पर समस्या लेकर जब कोई मरीज पहुंचता है तो तुरंत डॉक्टर देखते हैं और बहुत ही प्यार से बात करते हैं.'

मरीज गंगा राम साहू ने बताया कि 'अस्पताल में अच्छा इलाज होता है, किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है. जब कभी अस्पताल में चिकित्सक को आना होता है तो सुबह ही चले आते हैं, ताकि पर्चा बनवा लें और फिर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. इस क्षेत्र के जितने भी लोग हैं समस्या होने पर सबसे पहले यही आते हैं. बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है, लेकिन यहां पर आकर मरीज को तुरंत इलाज मिल जाता है. उन्होंने बताया कि उनका इलाज यहां चल रहा है. वह डायबिटीज के मरीज हैं. सभी मरीज यहां पर अच्छे इलाज के कारण ही आते हैं और सभी को इलाज कराना होता है, इसलिए कोई समस्या नहीं है.'

बलरामपुर अस्पताल में मरीज
बलरामपुर अस्पताल में मरीज

बलरामपुर अस्पताल के नवनियुक्त सीएमएस डॉ अतुल मल्होत्रा ने बताया कि 'हाल ही में उन्होंने बलरामपुर अस्पताल का पद संभाला है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे घर को समय-समय पर मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है. उसी तरह से अस्पताल को भी मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है. वर्षों से अस्पताल बना हुआ है और समय-समय पर जब यहां पर रंगाई-पुताई और मेंटेनेंस नहीं होता है तो उसके बाद यही हाल होता है. पहले दिन जब हमने राउंड किया. हमने देखा कि जगह-जगह फाल सीलिंग में समस्या है और रंगाई-पुताई पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, जिसको देखते हुए अस्पताल में जहां-जहां पर सीलन की समस्या है या फॉल सीलिंग गिर गई है. यह स्थिति खराब है तो उसे सही कराने के लिए निर्देशित किया गया है और इसके लिए वेंडर को टेंडर भी दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द इन समस्याओं को दूर किया जाए.'

बारिश में त्वचा रोग से पीड़ित हो रहे लोग : सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा ने बातचीत के दौरान बताया कि 'इस समय मौसम में परिवर्तन हो रहा है, जब हम राउंड पर निकलते हैं तो उस समय देखते हैं कि सुबह के समय काफी ज्यादा भीड़ होती है. पर्चा काउंटर में लंबी-लंबी लाइनें लगी रहती हैं. इस समय बारिश के चलते जनरल फिजिशियन नेफ्रोलॉजी और त्वचा रोग विभाग में काफी भीड़ हो रही है, क्योंकि बारिश के कारण दमा के मरीजों को समस्या होती है. ऐसे मरीज जिन्हें शुरुआती सांस लेने में समस्या है, उन्हें दिक्कत होती है या फिर कुछ मरीजों को सीजनल बुखार आ जाता है. इसके अलावा बहुत से मरीजों को बारिश के पानी से गंदगी से एलर्जी होती है, जिससे त्वचा रोग हो जाता है. इन तीनों ओपीडी में इस समय काफी भीड़ हो रही है. ओपीडी में रोजाना लगभग तीन हजार नए पुराने मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बनेगा प्रदेश का पहला साक्षरता म्यूजियम, जानिए यह होगी खासियत
Last Updated : Jul 13, 2023, 10:58 AM IST
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