लखनऊ: कोरोना मरीजों को अब बेड की उपलब्धता पर निजी चिकित्सालयों में आसानी से इलाज मिल सकेगा. अब निजी चिकित्सालयों में कोरोना मरीजों की भर्ती के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति की जरूरत नहीं होगी, निजी चिकित्सालय स्वतः कोरोना मरीजों को भर्ती कर सकते हैं. यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने दी.
'विवेक के आधार पर कर सकेंगे भर्ती'
डॉ. संजय भटनागर ने कहा, अभी तक निजी चिकित्सालयों में कोरोना उपचाराधीन मरीजों को भर्ती होने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति चाहिए होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब निजी चिकित्सालय स्वयं के विवेक के आधार पर मरीजों को भर्ती कर इलाज कर सकते हैं.
निजी प्रयोगशालाएं जारी रखें जांच
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा, निजी प्रयोगशालाएं कोरोना संभावित मरीजों की जांच निरंतर जारी रखें. उन्होंने कहा वह सभी लोग जो 45 साल से अधिक उम्र के हैं, वह अपने या अपने परिवार में 45 साल से अधिक के लोगों को टीका अवश्य लगवाएं.
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टीका लगने के बाद भी ना करें लापरवाही
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने कहा टीका लगने के बाद भी हमें लापरवाह नहीं होना है. इस समय संक्रमण बढ़ा हुआ है, अतः मास्क जरूर लगायें. बेवजह घर से बाहर न निकलें,साथ ही किसी के घर जाने से भी बचें. बार-बार अपने हाथों को साबुन और पानी से या 70 फीसद अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से 40 सेकेण्ड तक धोएं. दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करें. अपने चेहरे को न छुएं. सार्वजानिक समारोह में शामिल होने से बचें.