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सीएम योगी ने कृषि सुधार विधेयकों का किया स्वागत, कहा- किसानों को मिलेगा फायदा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश किए गए कृषि विधेयक को कृषि क्षेत्र में नए युग का आरम्भ करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि ये विधेयक पूर्ण रूप से कृषि और कृषकों के हित में है. इससे किसानों की आय में कई गुना वृद्धि होगी. मुख्यमंत्री ने विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार ज्ञापित किया है.

cm yogi welcomed agricultural reform bills
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
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Published : Sep 20, 2020, 5:13 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में कृषि सुधार के दो महत्वपूर्ण विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020’ और ‘कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020’ का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह विधेयक कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाले सिद्ध होंगे. उन्होंने कहा कि इन विधेयकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों का प्रतिबिंब देखा जा सकता है.

कृषि क्षेत्र में होगा नए युग का शुभारम्भ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधेयकों को कृषि क्षेत्र में नए युग का आरम्भ करने वाला बताते हुए कहा कि यह विधेयक किसान भाइयों और बहनों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने इस प्रयास को लोक कल्याणकारी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार ज्ञापित किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों विधेयक पूर्ण रूप से कृषि और कृषकों के हित में है. उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक और अभिनव कदम भी बताया.

किसानों को कानूनी बंधनों से मिलेगी आजादी
सीएम योगी ने कहा कि अब किसानों को कानूनी बंधनों से आजादी मिलेगी. कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा. खेती-किसानी में निजी निवेश होने से तेज विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी. उन्होंने कहा कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 कृषि उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधारहित अंतर-राज्य और राज्य के भीतर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा. इससे किसानों को बिक्री और खरीद हेतु पसंद की स्वतंत्रता प्राप्त होगी.

किसानों के हित में है विधेयक
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक किसानों के हित में है. प्रधानमंत्री ने ही फसलों के समर्थन मूल्य में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए त्वरित व पारदर्शी प्रक्रिया से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया. उन्होंने किसान बहनों-भाइयों से अपील की है कि वह किसी के बहकावे में न आएं. कुछ लोगों को कृषकों की उन्नति रास नहीं आती. यह वही लोग हैं, जिन्होंने बीते छः-सात दशकों तक किसानों को महज वोट बैंक समझा.

150 लाख सेनेटाइजर का किया गया उत्पादन
राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश की सभी 119 गन्ना मिलों को पूरी क्षमता से संचालित कर प्रदेश में उत्पादित 1,118 लाख टन गन्ने की पेराई करा 126.36 लाख मी0ट0 चीनी का उत्पादन किया गया. साथ ही 150 लाख लीटर सेनेटाइजर का भी उत्पादन किया गया. मण्डी परिषद तथा स्टेट वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा संयुक्त रूप से 37 मण्डी परिसरों में 5-5 हजार मीट्रिक टन के गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है. इन गोदामों में कृषक अपनी उपज 30 दिनों तक बिना किसी शुल्क के रख सकेंगे.इसके पश्चात् सामान्य दरों पर 30 प्रतिशत छूट पर किराया अनुमन्य होगा.

इस सुविधा से किसान अपनी उपज को सुरक्षित रखते हुए ऐसे समय बिक्री कर सकेंगे, जब उन्हें अपनी उपज का बाजार में अच्छा दाम मिले. ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसानों द्वारा भण्डारित कृषि उपज को प्रतिभूति की भांति मान्यता प्राप्त होगी और इसके आधार पर कृषकों को बैंक से ऋण सुविधा प्राप्त हो सकेगी. इससे यह अपने कृषि एवं अन्य कार्यों की प्रतिपूर्ति कर सकेंगे.

वाराणसी और अमरोहा में बनेगा मैंगो हाउस
राज्य सरकार ने जनपद वाराणसी व अमरोहा में मैंगो हाउस स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिससे आम उत्पादन पर मूल्य संवर्धन करते हुए हुए देश सहित विदेशी बाजार में विक्रय का बेहतर अवसर प्राप्त हो सके. सरकार द्वारा विगत विधानमण्डल सत्र में पारित विधेयक के माध्यम से कृषि मण्डी अधिनियम में संशोधन कराया गया. इसमें किसान उपभोक्ता बाजार और वेयर हाउस/कोल्ड स्टोरेज/साइलोस को मण्डी उप स्थलों के रूप में प्रोत्साहित करने के प्रावधान किए गए हैं. इन प्रावधानों से किसानों को अपनी उपज की सीधी बिक्री हेतु और विकल्प उपलब्ध होंगे.

27 मंडियों को किया जा रहा विकसित
वर्तमान में 27 प्रमुख मण्डियों को आधुनिक किसान मण्डी के रूप में विकसित किया जा रहा है. 24 मण्डियों में फल और सब्जी आदि को सुरक्षित व गुणवत्तापूर्वक रखने हेतु कोल्ड स्टोरेज व राइपनिंग चैम्बर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि कृषक अपनी उपज का सही मूल्य मिलने के लिए 1-2 दिवस की प्रतीक्षा भी कर सकें तथा राइपनिंग चैम्बर द्वारा उपज को उचित प्रकार व गुणवत्तायुक्त ढंग से पका सकें. इस परियोजना के अन्तर्गत मण्डी में 20 एमटी कैपेसिटी के राइपनिंग चैम्बर तथा 10 एमटी क्षमता का कोल्ड चैम्बर स्थापित किया जायेगा. प्रत्येक पर लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इस परियोजना को वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूर्ण किया जाना लक्षित है.

किसानों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों का व्यापक तथा सकारात्मक लाभ मिलेगा. किसानों को अपनी उपज को मण्डी परिसरों में विक्रय करने में बाध्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. अब वे प्रदेश के अधिसूचित मण्डी के अतिरिक्त किसी और स्थान जैसे भण्डार गृह, कोल्ड स्टोरेज या खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में अपनी उपज विक्रय कर सकेंगे. फार्म गेट पर ही व्यापारियों/निर्यातकों या खाद्य प्रसस्करण इकाइयों को उचित दाम लेकर विक्रय कर सकेंगे. इससे किसानों का यातायात एवं ढुलान पर व्यय बचेगा और हानि को बचाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें: सीएम योगी से मिले मधुर भंडारकर, कहा- यूपी में बनेगी हैदराबाद के रामोजी जैसी फिल्म सिटी

किसानों को मिलेगा बेहतर बाजार
काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलने से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां/निर्यातक तथा अन्य व्यापारी, कृषकों से व्यक्तिगत स्तर पर या संगठित तरीके से समझौता कर सकेंगे. इससे कृषकों को खाद, बीज व अन्य इनपुट्स को कम दरों पर उपलब्ध कराने, आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर कृषि कार्य कराने एवं उनकी उपज को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने में सुविधा होगी. कृषकों को राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुसार कृषि कार्य करने के अवसर भी प्राप्त होंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में कृषि सुधार के दो महत्वपूर्ण विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020’ और ‘कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020’ का स्वागत किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह विधेयक कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने वाले सिद्ध होंगे. उन्होंने कहा कि इन विधेयकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्पों का प्रतिबिंब देखा जा सकता है.

कृषि क्षेत्र में होगा नए युग का शुभारम्भ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधेयकों को कृषि क्षेत्र में नए युग का आरम्भ करने वाला बताते हुए कहा कि यह विधेयक किसान भाइयों और बहनों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने इस प्रयास को लोक कल्याणकारी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार ज्ञापित किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों विधेयक पूर्ण रूप से कृषि और कृषकों के हित में है. उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक और अभिनव कदम भी बताया.

किसानों को कानूनी बंधनों से मिलेगी आजादी
सीएम योगी ने कहा कि अब किसानों को कानूनी बंधनों से आजादी मिलेगी. कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा. खेती-किसानी में निजी निवेश होने से तेज विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी. उन्होंने कहा कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 कृषि उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधारहित अंतर-राज्य और राज्य के भीतर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा. इससे किसानों को बिक्री और खरीद हेतु पसंद की स्वतंत्रता प्राप्त होगी.

किसानों के हित में है विधेयक
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक किसानों के हित में है. प्रधानमंत्री ने ही फसलों के समर्थन मूल्य में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए त्वरित व पारदर्शी प्रक्रिया से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाया. उन्होंने किसान बहनों-भाइयों से अपील की है कि वह किसी के बहकावे में न आएं. कुछ लोगों को कृषकों की उन्नति रास नहीं आती. यह वही लोग हैं, जिन्होंने बीते छः-सात दशकों तक किसानों को महज वोट बैंक समझा.

150 लाख सेनेटाइजर का किया गया उत्पादन
राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश की सभी 119 गन्ना मिलों को पूरी क्षमता से संचालित कर प्रदेश में उत्पादित 1,118 लाख टन गन्ने की पेराई करा 126.36 लाख मी0ट0 चीनी का उत्पादन किया गया. साथ ही 150 लाख लीटर सेनेटाइजर का भी उत्पादन किया गया. मण्डी परिषद तथा स्टेट वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा संयुक्त रूप से 37 मण्डी परिसरों में 5-5 हजार मीट्रिक टन के गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है. इन गोदामों में कृषक अपनी उपज 30 दिनों तक बिना किसी शुल्क के रख सकेंगे.इसके पश्चात् सामान्य दरों पर 30 प्रतिशत छूट पर किराया अनुमन्य होगा.

इस सुविधा से किसान अपनी उपज को सुरक्षित रखते हुए ऐसे समय बिक्री कर सकेंगे, जब उन्हें अपनी उपज का बाजार में अच्छा दाम मिले. ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसानों द्वारा भण्डारित कृषि उपज को प्रतिभूति की भांति मान्यता प्राप्त होगी और इसके आधार पर कृषकों को बैंक से ऋण सुविधा प्राप्त हो सकेगी. इससे यह अपने कृषि एवं अन्य कार्यों की प्रतिपूर्ति कर सकेंगे.

वाराणसी और अमरोहा में बनेगा मैंगो हाउस
राज्य सरकार ने जनपद वाराणसी व अमरोहा में मैंगो हाउस स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिससे आम उत्पादन पर मूल्य संवर्धन करते हुए हुए देश सहित विदेशी बाजार में विक्रय का बेहतर अवसर प्राप्त हो सके. सरकार द्वारा विगत विधानमण्डल सत्र में पारित विधेयक के माध्यम से कृषि मण्डी अधिनियम में संशोधन कराया गया. इसमें किसान उपभोक्ता बाजार और वेयर हाउस/कोल्ड स्टोरेज/साइलोस को मण्डी उप स्थलों के रूप में प्रोत्साहित करने के प्रावधान किए गए हैं. इन प्रावधानों से किसानों को अपनी उपज की सीधी बिक्री हेतु और विकल्प उपलब्ध होंगे.

27 मंडियों को किया जा रहा विकसित
वर्तमान में 27 प्रमुख मण्डियों को आधुनिक किसान मण्डी के रूप में विकसित किया जा रहा है. 24 मण्डियों में फल और सब्जी आदि को सुरक्षित व गुणवत्तापूर्वक रखने हेतु कोल्ड स्टोरेज व राइपनिंग चैम्बर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि कृषक अपनी उपज का सही मूल्य मिलने के लिए 1-2 दिवस की प्रतीक्षा भी कर सकें तथा राइपनिंग चैम्बर द्वारा उपज को उचित प्रकार व गुणवत्तायुक्त ढंग से पका सकें. इस परियोजना के अन्तर्गत मण्डी में 20 एमटी कैपेसिटी के राइपनिंग चैम्बर तथा 10 एमटी क्षमता का कोल्ड चैम्बर स्थापित किया जायेगा. प्रत्येक पर लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इस परियोजना को वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूर्ण किया जाना लक्षित है.

किसानों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों का व्यापक तथा सकारात्मक लाभ मिलेगा. किसानों को अपनी उपज को मण्डी परिसरों में विक्रय करने में बाध्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है. अब वे प्रदेश के अधिसूचित मण्डी के अतिरिक्त किसी और स्थान जैसे भण्डार गृह, कोल्ड स्टोरेज या खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में अपनी उपज विक्रय कर सकेंगे. फार्म गेट पर ही व्यापारियों/निर्यातकों या खाद्य प्रसस्करण इकाइयों को उचित दाम लेकर विक्रय कर सकेंगे. इससे किसानों का यातायात एवं ढुलान पर व्यय बचेगा और हानि को बचाया जा सकेगा.

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किसानों को मिलेगा बेहतर बाजार
काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलने से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां/निर्यातक तथा अन्य व्यापारी, कृषकों से व्यक्तिगत स्तर पर या संगठित तरीके से समझौता कर सकेंगे. इससे कृषकों को खाद, बीज व अन्य इनपुट्स को कम दरों पर उपलब्ध कराने, आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर कृषि कार्य कराने एवं उनकी उपज को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने में सुविधा होगी. कृषकों को राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुसार कृषि कार्य करने के अवसर भी प्राप्त होंगे.

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