लखनऊ: प्रदेश के सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की जाएगी, ताकि किसी दुर्घटना के दौरान घायल लोगों को तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां टीम-9 की बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए. पहले से मौजूद एक्सप्रेस-वे के साथ ही निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे के किनारे ट्रॉमा सेंटर बनाने की सरकार की योजना है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना की स्थिति में त्वरित चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे ट्रॉमा सेंटर की आवश्यकता है. सबसे पहले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक सर्व सुविधायुक्त ट्रॉमा सेंटर की स्थापना कराई जाए. इसके बाद चरणबद्ध रूप से अन्य एक्सप्रेस-वे पर भी ऐसे ही प्रयास हों.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है. स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ. संक्रमण कम हुआ है, लेकिन जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बढ़ा सकती है. सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें. बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें और भीड़ से बचें. उन्होंने कहा कि पुलिस बल भी सक्रिय रहे.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आने वाले कुछ माह बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत संवेदनशील हैं. बरसात का मौसम शुरू हो रहा है. संचारी रोग, डेंगू, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की समस्या बढ़ने की आशंका है. विशेषज्ञों ने कोविड की तीसरी लहर की आशंका भी जताई है. ऐसे में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं. अभिभावकों को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए 'दस्तक' अभियान के साथ-साथ संचारी रोगों से बचाव के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएं.
सीएम ने कहा कि बच्चों के लिए उपयोगी पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. हमारी एमएसएमई इकाइयां, चाइल्ड पल्स ऑक्सीमीटर के विनिर्माण की दिशा में अच्छा सहयोग कर सकती हैं. संबंधित विभाग एमएसएमई इकाइयों से संपर्क कर इस दिशा में प्रयास शुरू करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तृतीय लहर से बचाव के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष कार्यक्रम आज से प्रारंभ किया गया है. यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. जिलों में प्रभारी मंत्री निगरानी समितियों को दवाई-किट प्रदान कराएं. निगरानी समितियां जब दवाई-किट दें तो लाभार्थी का नाम-पता, फोन नम्बर आदि विवरण भी प्राप्त करें. सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लाभार्थियों से संपर्क कर बच्चों की सेहत की जानकारी ली जाए.
सीएम योगी ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के समुचित इलाज के लिए सभी प्रबन्ध किए गए हैं. इसके इलाज में उपयोगी माने जा रहे एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति कराई जा रही है. विशेषज्ञों ने जिन दो और दवाओं का भी विकल्प दिया है, उनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.
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