लखनऊ : यूपी विधानसभा में शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जम कर गरजे हैं. उन्होंने कहा कि एक एक माफिया को वो मिट्टी में मिला देंगे. यह बातें उन्होंने तब कहीं जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की हत्या का मामला उठाया और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त है. सीएम योगी के माफिया को मिट्टी में मिलाने का दावा कितना मजबूत है, ये जानने के लिए आंकड़ों में नजर डालना होगा.
सीएम योगी ने कहा माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. फाइल फोटो
यूपी से माफिया का योगी सरकार ने किया सफाया : उत्तर प्रदेश में बीते साढ़े 6 साल में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद समेत 36 माफिया और उनके गुर्गों को आजीवन कारावास और दो को फांसी की सजा हुई है. इस दौरान चिह्नित 62 माफिया की अवैध रूप से कमाई गई 2500 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया गया है. इसमें माफिया व पूर्व सांसद अतीक अहमद की लगभग 1 हजार करोड़ और बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की 458 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई या फिर बुलडोजर चला. यूपी पुलिस ने माफिया के गैंग के 896 सहयोगियों के खिलाफ 396 मुकदमे दर्ज कर 400 से अधिक को आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 178 पर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर में 884 और 13 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की है और 310 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किए हैं. यही नहीं थाना स्तर पर 16158 टॉप टेन अपराधियों को चिह्नित कर 83,721 मुकदमे दर्ज किए गए है साथ ही उनके द्वारा अवैध रूप से कमाई गई 648 करोड़ से अधिक की संपत्ति को भी जब्त किया गया है.
सीएम योगी ने कहा माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. फाइल फोटो योगी सरकार 2.0 में भी जारी रही माफिया पर कार्रवाई : योगी सरकार 2.0 की बात करें तो अवैध धंधों से कमाई गई माफिया की 968 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है. साथ ही 50 माफिया गिरोह के अलावा डीजीपी मुख्यालय स्तर के 12 अन्य माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई. यूपी पुलिस अब तक 900 सक्रिय सदस्यों के साथ माफिया गिरोह के 289 सक्रिय सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोल चुकी है. वहीं, 317 से अधिक शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए हैं.
ड्रग माफिया को सीएम योगी ने मिट्टी में मिलाया : सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में ड्रग माफिया को भी करारी चोट दी. अवैध मादक पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाने के लिए एंटी नारकोटिक्स फोर्स गठन किया गया. ड्रग माफिया के खिलाफ बीते पांच महीनों में 3755 संदिग्ध आरोपियों को चिह्नित कर 3215 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की और 3100 मुकदमे दर्ज किए. इन आरोपियों से पुलिस ने 50 करोड़ 73 लाख रुपये की बरामदगी की. गैंगेस्टर अधिनियम के तहत 358 आरोपियों के खिलाफ 110 मुकदमे दर्ज किए गए और 35 करोड़ 14 लाख की संपत्ति जब्त की. साथ ही कोर्ट में पैरवी कर 188 आरोपियों को सजा दिलाई.
इन माफिया को योगी सरकार ने मिट्टी में मिलाया : यूपी में अब तक जिन प्रमुख माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उनमें, गाजीपुर के मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के अतीक अहमद, वाराणसी के बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, लखनऊ के ओमप्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, बिजनौर के मुनीर, अंबेडकर नगर के खान मुबारक, गाजियाबाद के अमित कसाना, शामली के आकाश जाट, मेरठ के उधम सिंह और योगेश भदौड़ा, बागपत के अजीत उर्फ हप्पू, मुजफ्फरनगर के सुशील उर्फ मूच और संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, गौतमबुद्ध नगर के सुंदर भाटी उर्फ नेताजी और अनिल भाटी, अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर, सिंहराज भाटी, अंकित गुर्जर, वाराणसी के सुभाष सिंह ठाकुर, आजमगढ़ के ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, गाजीपुर के उमेश राय उर्फ गौरा राय और लखनऊ के त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, लखनऊ के मो. सलीम, मोहम्मद सोहराब और मोहम्मद रुस्तम शामिल हैं.
अतीक अहमद के साम्राज्य को मिट्टी में मिलाया गया : साल 1990 में अपराध जगत में कदम रखने वाला माफिया अतीक अहमद 30 साल में ही 100 से ज्यादा आपराधिक केसों में नामजद होकर बाहुबली बन गया, लेकिन सूबे में योगी सरकार बनते ही अतीक के साम्राज्य को मिट्टी में मिलाने का काम शुरू हो गया. 30 साल के काले साम्राज्य को 6 साल में निस्तानबूत कर दिया गया. उसकी 1000 करोड़ की संपत्ति या तो जब्त की गई या फिर बुलडोजर चला दिया गया. अतीक अहमद खुद साबरमती जेल में बंद है तो उसके दोनों बेटे भी यूपी की जेलों में निरुद्ध हैं. अतीक के बड़े बेटे उमर अहमद में राजधानी के रहने वाले व्यापारी मोहित के अपहरण कर देवरिया जेल ले जाकर उसकी प्रॉपर्टी अपने नाम करवा ली थी। इस मामले में पहले कृष्णानगर पुलिस ने जांच की फिर सीबीआई ने जांच टेक ओवर कर ली थी. बीते साल अंत में उमर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. यही नहीं अतीक के छोटे बेटे अली ने प्रयागराज में एक व्यापारी से बंदूक की नोक में रंगदारी मांगी थी. इस मामले में वह भी जेल में ही है।
मुख्तार के साम्राज्य को किया गया नेस्तानबूत : बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के भी साम्राज्य को योगी सरकार ने ढहा दिया है. वर्ष 2005 से देश की अलग अलग जेलों में बंद मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं. जिसमें 20 ऐसे केस हैं जो कोर्ट में विचाराधीन हैं. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है. माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 282 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें कुल 143 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग ISI191 के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई से दहशत आकर 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया है. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं तो 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है.
मुख्तार के गैंग को मिट्टी में मिला चुकी है योगी सरकार : योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई है. 40 को जिलाबदर किया गया. मुख्तार के 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति की को या तो जब्त किया ही या फिर बुल्डोजर चलाया गया है. मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से बंद पड़े उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ है.
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