लखनऊः इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) की वार्षिक आम बैठक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी की प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाते हुए एक नई अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. विगत 5 सालों के दौरान राज्य सरकार ने अपने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर प्रत्येक क्षेत्र में विकास कार्य किया है.
प्रदेश में रोजगार की दृष्टि से निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट सहित विकास के प्रत्येक क्षेत्र में रिफॉर्म को प्राथमिकता दी. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी है. राज्य सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था के लिए प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बनाया गया. प्रदेश में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है. इसके साथ ही बेहतर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अच्छी छलांग लगायी है. साल 2015-16 में उत्तर प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में 14वें स्थान पर था. आज दूसरे स्थान पर आ गया है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2015-16 में छठी अर्थव्यवस्था मानी जाती थी. आज राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ी है. किसानों के हितों के अनुकूल विभिन्न कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. जिससे उनके जीवन में परिवर्तन देखने को मिला है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 5 वर्ष पूर्व बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी. आज प्रदेश में बरोजगारी की दर घटकर 4 प्रतिशत पर आ गयी है. पूर्व में प्रदेश को देश के विकास में बाधक माना जाता था. प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र में विकास की गति से हुए परिवर्तन के कारण आज देश में प्रदेश को विकास में अग्रणी माना जाता है. वर्ष 2017 से पूर्व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में प्रदेश 30 से 36वें स्थान पर था. आज उत्तर प्रदेश केन्द्र सरकार द्वारा संचालित 44 योजनाओं में नम्बर एक स्थान पर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाए थे. प्रदेश में सरकार द्वारा विगत 5 वर्षों में 33 नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं. जिनमें से 17 मेडिकल कॉलेजों में विगत 2 वर्षों के दौरान प्रवेश प्रक्रिया को प्रारम्भ किया गया है. प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक केवल 2 एक्सप्रेस-वे बन पाए थे. आज प्रदेश 5 नए एक्सप्रेस-वे के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली मेरठ लिंक एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया है. बुन्देलखण्ड एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर तेजी से कार्य चल रहा है.
इसके साथ ही गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 96 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है. यह देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे में से एक होगा. प्रदेश सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री के कर कमलों से अगले महीने करवाने जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2017 के बीच राज्य में मात्र 4 क्रियाशील एयरपोर्ट थे. वर्तमान में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं. इसके साथ ही 11 अन्य एयरपोर्ट के विकास पर तेजी से काम चल रहा है. प्रदेश में अगले 3 से 4 सालों में 5 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे. प्रधानमंत्री ने कल एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट जेवर का शिलान्यास किया है. उन्होंने कहा कि जेवर के किसानों से दोगुने दाम पर जमीन लेकर एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट को विकसित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं. प्रदेश के परम्परागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ का संचालन किया जा रहा है. एमएसएमई सेक्टर के अलग-अलग क्लस्टर उद्योगों के लिए बैकबोन का कार्य करते हैं. राज्य पहले से ही एमएसएमई सेक्टर में समृद्ध रहा है. लेकिन अपेक्षित ध्यान न दिये जाने के कारण एमएसएमई क्षेत्र के कारीगर एवं शिल्पी पलायन करने को मजबूर थे. वर्तमान प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद योजना के माध्यम से इन शिल्पियों को प्रोत्साहन दिया. एमएसएमई के कारण उत्तर प्रदेश आज देश में निर्यात के नए हब के रूप में विकसित हुआ है. वर्ष 2019-20 में एमएसएमई सेक्टर ने प्रदेश में 1 लाख 31 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में निवेशक निवेश करने से डरते थे. वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का सफलतम आयोजन किया. इस समिट की अभूतपूर्व सफलता के फलस्वरूप विभिन्न सेक्टरों में प्रदेश को 4.68 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. इसमें से 43 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है. इसमें विभिन्न एमओयू के माध्यम से निवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए करीब 3 लाख करोड़ रुपए के निवेश पर कार्य हो रहा है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज से हल्दिया बंदरगाह तक भारत के प्रथम अन्तर्देशीय जलमार्ग का विकास किया जा रहा है. बुनियादी ढांचे को और दृढ़ता प्रदान करने के लिए ग्रेटर नोएडा एवं वाराणसी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट हब भी विकसित किये जा रहे हैं. प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास निवेश के लिए पर्याप्त मात्रा में लैण्डबैंक हैं. प्रधानमंत्री ने सितम्बर, 2021 में अलीगढ़ नोड की लगभग 12,000 करोड़ रुपये के कार्यों का शुभारम्भ किया. प्रधानमंत्री ने 21 नवम्बर, 2021 को डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में 183 हेक्टेयर भूमि में भारत डायनमिक्स की एक यूनिट का शिलान्यास किया. लखनऊ नोड में बैलेस्टिक मिसाइल के निर्माण के लिए लगभग 200 एकड़ की भूमि उपलब्ध करायी गई है. प्रदेश में आ रहे निवेश प्रस्तावों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने की कार्रवाई की जा रही है.
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इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 100 एकड़ में एक मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग पार्क का निर्माण किया जाएगा. साथ ही, उन्नाव में देश का पहला मेगा लेदर पार्क, बरेली में मेगा फूड पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में टॉय पार्क, लॉजिस्टिक्स हब, हेरिटेज सिटी और फिल्म सिटी प्रस्तावित है. इस अवसर पर आईसीसी के अध्यक्ष विकास अग्रवाल, आईसीसी के महानिदेशक राजीव सिंह सहित अन्य अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे.