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उत्तर प्रदेश में रोज 50 हजार कोरोना सैंपल की जांच करने की तैयारी

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सीएम योगी ने कुछ शहरों में सतर्कता बढ़ाने की बात कही है. सीएम ने कहा कि कोविड-19 से बचाव ही इसका उपचार है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में रोज 50 हजार कोरोना सैंपल की जांच करने के निर्देश दिये हैं.

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यूपी में हर रोज होगी 50 हजार कोरोना जांच
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Published : Jul 11, 2020, 3:44 PM IST

लखनऊ: कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर नगर, झांसी और मथुरा में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने निर्देश दिए झांसी में विशेष सचिव स्तर के नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संक्रमण को नियंत्रित करने की प्रभावी रणनीति तैयार करें. सीएम ने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ट्रेन और हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों को मेडिकल स्क्रीनिंग की बेहतर व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही पुलिस और पीएसी के जवानों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं.

मॉस्क लगाना है जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घर-घर मेडिकल स्क्रीनिंग में संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों का सैंपल लेकर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जांच के पश्चात अस्वस्थ पाए गए लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव ही इसका उपचार है. इसलिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है.

डेढ़ लाख कोविड बेड की व्यवस्था
सीएम ने लोगों को कोविड-19 से बचाव के संबंध में लोगों को निरंतर जागरूक करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम, पोस्टर, बैनर के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता में निरंतर वृद्धि किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आरटीपीसीर विधि से 30 हजार टेस्ट, रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से 15 से 20 हजार और तथा ट्रूनेट मशीन से दो हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं. मुख्यमंत्री ने कोविड-19 अस्पतालों में बेड की संख्या में बढ़ोतरी करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले कोविड संक्रमित मरीजों को कोविड के एल-1 अस्पतालों में उपचारित किया जा सकता है.उत्तर प्रदेश में अभी कोविड-19 अस्पतालों में डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था है.

स्वच्छता को जीवनशैली का अंग बनाए जाने पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया और कहा कि साफ-सफाई अनेक बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखती है. स्वच्छता के कार्यों में जन सहभागिता की बड़ी भूमिका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी जलभराव न हो. शुद्ध पेयजल के लिए पाइप पेयजल योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए. पीने के पानी में क्लोरीन की टेबलेट का उपयोग किया जाए. ग्राम पंचायतों में तेजी से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाए.

टिड्डी दल को लेकर दिए निर्देश
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सॉलिड वेस्ट के लिए खाद का गड्ढा अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए. इस प्रक्रिया से जहां एक ओर गांव में साफ-सफाई रहेगी. वहीं दूसरी ओर किसानों को जैविक खाद भी मिलेगी. उन्होंने टिड्डी दल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को कोई नुकसान न हो. स्वास्थ विभाग के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए औद्योगिक इकाइयों का संचालन किया जाए.

लखनऊ: कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर नगर, झांसी और मथुरा में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने निर्देश दिए झांसी में विशेष सचिव स्तर के नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संक्रमण को नियंत्रित करने की प्रभावी रणनीति तैयार करें. सीएम ने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ट्रेन और हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों को मेडिकल स्क्रीनिंग की बेहतर व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही पुलिस और पीएसी के जवानों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं.

मॉस्क लगाना है जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घर-घर मेडिकल स्क्रीनिंग में संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों का सैंपल लेकर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जांच के पश्चात अस्वस्थ पाए गए लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव ही इसका उपचार है. इसलिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है.

डेढ़ लाख कोविड बेड की व्यवस्था
सीएम ने लोगों को कोविड-19 से बचाव के संबंध में लोगों को निरंतर जागरूक करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम, पोस्टर, बैनर के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग किया जाए. मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता में निरंतर वृद्धि किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आरटीपीसीर विधि से 30 हजार टेस्ट, रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से 15 से 20 हजार और तथा ट्रूनेट मशीन से दो हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं. मुख्यमंत्री ने कोविड-19 अस्पतालों में बेड की संख्या में बढ़ोतरी करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले कोविड संक्रमित मरीजों को कोविड के एल-1 अस्पतालों में उपचारित किया जा सकता है.उत्तर प्रदेश में अभी कोविड-19 अस्पतालों में डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था है.

स्वच्छता को जीवनशैली का अंग बनाए जाने पर मुख्यमंत्री ने जोर दिया और कहा कि साफ-सफाई अनेक बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखती है. स्वच्छता के कार्यों में जन सहभागिता की बड़ी भूमिका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी जलभराव न हो. शुद्ध पेयजल के लिए पाइप पेयजल योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए. पीने के पानी में क्लोरीन की टेबलेट का उपयोग किया जाए. ग्राम पंचायतों में तेजी से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाए.

टिड्डी दल को लेकर दिए निर्देश
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सॉलिड वेस्ट के लिए खाद का गड्ढा अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए. इस प्रक्रिया से जहां एक ओर गांव में साफ-सफाई रहेगी. वहीं दूसरी ओर किसानों को जैविक खाद भी मिलेगी. उन्होंने टिड्डी दल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को कोई नुकसान न हो. स्वास्थ विभाग के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए औद्योगिक इकाइयों का संचालन किया जाए.

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