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यूपी में जल्द गठित होगा शिक्षा सेवा चयन आयोग, समीक्षा बैठक में सीएम ने दिए निर्देश - UP Education Service Selection Commission

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया और भर्ती आयोग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के निर्देश दिए. साथ ही नए आयोग से TET आयोजित करने को कहा.

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Published : Apr 4, 2023, 12:40 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया और भर्ती आयोग की समीक्षा बैठक की और जल्द ही एकीकृत आयोग के रूप में 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग' के गठन के संबंध विस्तृत दिशा निर्देश भी दिए हैं. जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में संचालित बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग गठित हैं. परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी शिक्षकों का चयन किया जा रहा है. उच्च/माध्यमिक शिक्षा स्तर की अल्पसंख्यक संस्थाओं के लिए प्रबंध बोर्ड, तकनीकी संस्थाओं के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नेंस, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के माध्यम से चयन प्रक्रिया आयोजित की जाती है. व्यावहारिक सुधारों के क्रम में, भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन के लिए एकीकृत आयोग का गठन किया जाएगा.


सीएम ने कहा कि शिक्षक चयन अयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन किया जाए. यह एकीकृत आयोग समयबद्ध चयन प्रक्रिया, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में उपयोगी सिद्ध होगा. उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग को एक स्वायत्तशाषी निगमित निकाय का स्वरूप दिया जाना चाहिए. आयोग द्वारा अध्यापकों की सीधी भर्ती के सम्बंध में मार्गदर्शी सिद्धांत किया जाएगा. अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाए. नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करते हुए आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें.


मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि नवीन एकीकृत आयोग में विश्वविद्यालयों के कुलपति जैसे महनीय पद अथवा भारतीय प्रशासनिक सेवा का सुदीर्घ अनुभव रखने वाले व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. इसी प्रकार, सदस्यों में वरिष्ठ न्यायाधीश और अनुभवी शिक्षाविदों को स्थान दिया जाए. आयोग में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला एवं अल्पसंख्यक वर्ग का भी प्रतिनिधित्व हो. कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए. साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि टीईटी समय पर हो.


मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन आयोग द्वारा परिषदीय जूनियर बेसिक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, संबद्ध प्राथमिक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक जूनियर हाईस्कूल और संबद्ध अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय, राजकीय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट कॉलेजों, अशासकीय सहायता प्राप्त हाईस्कूल, इंटरमीडिएट कॉलेजों, राजकीय और सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक हाईस्कूल इंटरमीडिएट कॉलेज में विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती नए आयोग द्वारा ही की जानी चाहिए. सीएम ने कहा कि राजकीय महाविद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय और अल्पसंख्यक महाविद्यालय, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों, एडेड पॉलिटेक्निक कॉलेज तथा अशासकीय सहायता प्राप्त मदरसों में नवीन एकीकृत आयोग द्वारा ही चयन प्रक्रिया आयोजित की जाए. बैठक में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य शिक्षा आयोगों के चेयरमैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें : परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का तलाक, फैमिली कोर्ट ने लगाई मुहर

लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शैक्षिक संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया और भर्ती आयोग की समीक्षा बैठक की और जल्द ही एकीकृत आयोग के रूप में 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग' के गठन के संबंध विस्तृत दिशा निर्देश भी दिए हैं. जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश में संचालित बेसिक, माध्यमिक, उच्च और प्राविधिक शिक्षण संस्थानों में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकारी, बोर्ड व आयोग गठित हैं. परीक्षा नियामक प्राधिकारी, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अलावा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भी शिक्षकों का चयन किया जा रहा है. उच्च/माध्यमिक शिक्षा स्तर की अल्पसंख्यक संस्थाओं के लिए प्रबंध बोर्ड, तकनीकी संस्थाओं के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नेंस, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के माध्यम से चयन प्रक्रिया आयोजित की जाती है. व्यावहारिक सुधारों के क्रम में, भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए शिक्षक चयन के लिए एकीकृत आयोग का गठन किया जाएगा.


सीएम ने कहा कि शिक्षक चयन अयोगों को एकीकृत स्वरूप देते हुए निगमित निकाय के रूप में 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन किया जाए. यह एकीकृत आयोग समयबद्ध चयन प्रक्रिया, मानव संसाधन का बेहतर उपयोग और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने में उपयोगी सिद्ध होगा. उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग को एक स्वायत्तशाषी निगमित निकाय का स्वरूप दिया जाना चाहिए. आयोग द्वारा अध्यापकों की सीधी भर्ती के सम्बंध में मार्गदर्शी सिद्धांत किया जाएगा. अध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में चयन परीक्षा, साक्षात्कार आदि के माध्यम से चयन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति प्राधिकारी को संस्तुति की जाए. नए आयोग के स्वरूप, अध्यक्ष व सदस्यों की अर्हता, आयोग की शक्तियों और कार्यों के संबंध में रूपरेखा तय करते हुए आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें.


मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि नवीन एकीकृत आयोग में विश्वविद्यालयों के कुलपति जैसे महनीय पद अथवा भारतीय प्रशासनिक सेवा का सुदीर्घ अनुभव रखने वाले व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. इसी प्रकार, सदस्यों में वरिष्ठ न्यायाधीश और अनुभवी शिक्षाविदों को स्थान दिया जाए. आयोग में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला एवं अल्पसंख्यक वर्ग का भी प्रतिनिधित्व हो. कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन भी इसी नए आयोग के माध्यम से किया जाना चाहिए. साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि टीईटी समय पर हो.


मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन आयोग द्वारा परिषदीय जूनियर बेसिक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, संबद्ध प्राथमिक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक जूनियर हाईस्कूल और संबद्ध अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय, राजकीय हाईस्कूल, इंटरमीडिएट कॉलेजों, अशासकीय सहायता प्राप्त हाईस्कूल, इंटरमीडिएट कॉलेजों, राजकीय और सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक हाईस्कूल इंटरमीडिएट कॉलेज में विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों की भर्ती नए आयोग द्वारा ही की जानी चाहिए. सीएम ने कहा कि राजकीय महाविद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय और अल्पसंख्यक महाविद्यालय, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों, एडेड पॉलिटेक्निक कॉलेज तथा अशासकीय सहायता प्राप्त मदरसों में नवीन एकीकृत आयोग द्वारा ही चयन प्रक्रिया आयोजित की जाए. बैठक में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य शिक्षा आयोगों के चेयरमैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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