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PF घोटाले में बिजली विभाग को कर्ज दे सकती है सरकार

उत्तर प्रदेश के डीएचएफएल घोटाले को लेकर योगी सरकार ऊर्जा विभाग को कर्ज देने पर विचार कर रही है. इसे लेकर शुक्रवार देर शाम CM योगी की ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ बैठक हुई.

CM की ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक
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Published : Nov 22, 2019, 11:15 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीएचएफएल घोटाले को लेकर योगी सरकार रास्ता तलाशने में जुट गई है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार ऊर्जा विभाग को कर्ज देने पर विचार कर रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की शुक्रवार देर शाम जिम्मेदार अधिकारियों के साथ एक बार फिर बैठक हुई है. इसमें कर्मचारियों के डूबे पैसे दिलाने के हर पहलू पर चर्चा की गई है.

ज्ञात हो कि यह घोटाला सामने आने के बाद आरबीआई ने डीएचएफएल के बोर्ड को भंग करते हुए प्रशासक तैनात कर दिया है. डीएचएफएल पर प्रशासक तैनात किए जाने के बाद से कर्मचारी डरे हुए हैं. कर्मचारियों को उनका पैसा मारे जाने की चिंता सता रही है. कर्मचारी संगठन आगे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इस बीच सरकार इसका रास्ता निकालने में जुट गई है. जाहिर है सरकार कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती है.

यह भी पढ़ें: स्टूडेंट के बीमार पड़ने पर सीएमओ को जाएगी सूचना, जारी हुए आवश्यक निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ बैठक करके इसका हल तलाशने के प्रयास किये हैं. सूत्रों की मानें तो कई पहलुओं पर चर्चा के उपरांत सरकार बिजली विभाग को कर्ज देने के निर्णय पर पहुंची है. सरकार जल्द ही कर्ज देने पर अंतिम फैसला ले सकती है. इस फैसले के बाद सरकार कमर्चारियों को पीएफ वापसी की गारंटी का पत्र जारी कर सकती है.

सरकार ने इसको लेकर कई स्तर पर वार्ता की है. आर्थिक और विधिक मामलों के जानकारों से भी सलाह ले रही है. जानकारों का मानना है कि सरकार के पास बिजली विभाग को कर्ज देने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. इससे वह कर्मचारियों के पैसे की वापसी कर सके. हालांकि सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है. बता दें कि इस पीएफ घोटाले से विभाग के करीब 45 हजार कर्मचारी प्रभावित हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीएचएफएल घोटाले को लेकर योगी सरकार रास्ता तलाशने में जुट गई है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार ऊर्जा विभाग को कर्ज देने पर विचार कर रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की शुक्रवार देर शाम जिम्मेदार अधिकारियों के साथ एक बार फिर बैठक हुई है. इसमें कर्मचारियों के डूबे पैसे दिलाने के हर पहलू पर चर्चा की गई है.

ज्ञात हो कि यह घोटाला सामने आने के बाद आरबीआई ने डीएचएफएल के बोर्ड को भंग करते हुए प्रशासक तैनात कर दिया है. डीएचएफएल पर प्रशासक तैनात किए जाने के बाद से कर्मचारी डरे हुए हैं. कर्मचारियों को उनका पैसा मारे जाने की चिंता सता रही है. कर्मचारी संगठन आगे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इस बीच सरकार इसका रास्ता निकालने में जुट गई है. जाहिर है सरकार कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती है.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ बैठक करके इसका हल तलाशने के प्रयास किये हैं. सूत्रों की मानें तो कई पहलुओं पर चर्चा के उपरांत सरकार बिजली विभाग को कर्ज देने के निर्णय पर पहुंची है. सरकार जल्द ही कर्ज देने पर अंतिम फैसला ले सकती है. इस फैसले के बाद सरकार कमर्चारियों को पीएफ वापसी की गारंटी का पत्र जारी कर सकती है.

सरकार ने इसको लेकर कई स्तर पर वार्ता की है. आर्थिक और विधिक मामलों के जानकारों से भी सलाह ले रही है. जानकारों का मानना है कि सरकार के पास बिजली विभाग को कर्ज देने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. इससे वह कर्मचारियों के पैसे की वापसी कर सके. हालांकि सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है. बता दें कि इस पीएफ घोटाले से विभाग के करीब 45 हजार कर्मचारी प्रभावित हैं.

Intro:लखनऊ: पीएफ घोटाले में बिजली विभाग को कर्ज दे सकती है सरकार, सीएम योगी की ऊर्जा मंत्री के साथ हुई बैठक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डीएचएफएल घोटाले को लेकर योगी सरकार रास्ता तलाशने में जुट गई है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि सरकार ऊर्जा विभाग को कर्ज देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की शुक्रवार देर शाम जिम्मेदार अधिकारियों के साथ आज एक बार फिर हुई बैठक हुई। कर्मचारियों के डूबे पैसे दिलाने के लिए हर पहलू पर चर्चा की गई। इस पीएफ घोटाले से विभाग के करीब 45 हजार कर्मचारी प्रभावित हैं।




Body:ज्ञात हो कि यह घोटाला सामने आने के बाद आरबीआई ने डीएचएफएल के बोर्ड को भंग करते हुए प्रशासक तैनात कर दिया है। डीएचएफएल पर प्रशासक तैनात किए जाने के बाद से कर्मचारी डरे हुए हैं। कर्मचारियों को उनका पैसा मारे जाने की चिंता सता रही है। कर्मचारी संगठन आगे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस बीच सरकार इसका रास्ता निकालने में जुट गई है। जाहिर है सरकार कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ बैठक करके इसका हल तलाशने के प्रयास किये हैं। सूत्रों की माने तो कई पहलुओं पर चर्चा के उपरांत सरकार बिजली विभाग को कर्ज देने के निर्णय पर पहुंची है। सरकार जल्द ही कर्ज देने पर अंतिम फैसला ले सकती है। इस फैसले के बाद सरकार कमर्चारियों को पीएफ वापसी की गारंटी का पत्र जारी कर सकती है। कर्मचारियों की भी यह मांग है कि सरकार उनका पैसा वापस करने की गारंटी ले।

सरकार ने इसको लेकर कई स्तर पर वार्ता की है सरकार ने आर्थिक एवं विधिक मामलों के जानकारों से भी सलाह ले रही है। जानकारों का मानना है कि सरकार के पास बिजली विभाग को कर्ज देने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है जिससे वह कर्मचारियों के पैसे की वापसी कर सके। हालांकि सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है।

दिलीप शुक्ला-9450663213


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