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यूपी की शिक्षा-व्यवस्था पर सीएम योगी की पैनी नजर, दिए कई निर्देश - यूपी की शिक्षा व्यवस्था

राजधानी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए हैं.

सीएम योगी ने की शिक्षा विभाग की बैठक
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Published : Jun 17, 2019, 7:25 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बैठक में मुख्यमंत्री शिक्षा-व्यवस्था को दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

बैठक में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए निर्णय भी लिए गए है. बैठक में डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जयसवाल समेत शासन के अधिकारी भी मौजूद रहे.

शिक्षा विभाग की बैठक की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा


बैठक के बाद डिप्टी सीएम ने कहा-

  • शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने के साथ-साथ 220 दिन तक विद्यालयों में पढ़ाई कराने पर चर्चा
  • इसकी पूरी व्यवस्था के लिए एक शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करने के लिए कहा गया.
  • परीक्षा की तिथि, मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घोषित करने की तिथि अगले एक माह में तय कर लिया जाएगा.
  • शैक्षणिक कैलेंडर दुरुस्त होने से शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देगा.
  • शिक्षकों के पद भरे जाएंगे जिनका प्रमोशन करना है उसका जल्द किया जाएगा.
  • इस प्रक्रिया को तेज गति से करने के लिए निर्णय लिया गया है.
  • यूपी बोर्ड के आधुनिकीकरण किये जाने को लेकर भी सीएम योगी गंभीर हैं.
  • राजकीय इंटर कॉलेज के विद्यालयों में जहां व्यवस्था दी जा सकती है. वहां कम से कम एक सेक्शन में अंग्रेजी माध्यम को संचालित किया जाएगा.
  • पुरस्कार प्राप्त करने के लिए योग्यता रखने वाले अध्यापकों की सूची जल्द तैयार की जाएगी. इसी माह स्थानांतरण भी कर लिया जाएगा.
  • शिक्षा विभाग के मुकदमों के निस्तारण पर भी सीएम योगी ने सख्ती दिखाई है. जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं.
  • माध्यमिक शिक्षा विभाग में ही करीब 16 हजार से अधिक मुकदमे लंबित हैं.
  • सीएम योगी ने इस पर चिंता भी व्यक्त की है. इसे अभियान चलाकर सुलझाने के लिए विधिक प्रकोष्ठ गाठित किये जाने पर विचार हुआ है.
  • सोमवार को यह निर्णय हुआ है कि इसका जल्द से जल्द निर्धारण हो.

सीएम योगी ने कहा शिक्षा के विकास में देरी बर्दाश्त नहीं.....

  • नये विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर चलाने के लिए तैयारी की जा रही है.
  • निजी क्षेत्र के लोगों को ऐसे विद्यालयों को चलाने के लिए दिया जाएगा. इच्छुक लोगों से आवेदन मांगा जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बैठक में मुख्यमंत्री शिक्षा-व्यवस्था को दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.

बैठक में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए निर्णय भी लिए गए है. बैठक में डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जयसवाल समेत शासन के अधिकारी भी मौजूद रहे.

शिक्षा विभाग की बैठक की जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा


बैठक के बाद डिप्टी सीएम ने कहा-

  • शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने के साथ-साथ 220 दिन तक विद्यालयों में पढ़ाई कराने पर चर्चा
  • इसकी पूरी व्यवस्था के लिए एक शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करने के लिए कहा गया.
  • परीक्षा की तिथि, मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घोषित करने की तिथि अगले एक माह में तय कर लिया जाएगा.
  • शैक्षणिक कैलेंडर दुरुस्त होने से शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देगा.
  • शिक्षकों के पद भरे जाएंगे जिनका प्रमोशन करना है उसका जल्द किया जाएगा.
  • इस प्रक्रिया को तेज गति से करने के लिए निर्णय लिया गया है.
  • यूपी बोर्ड के आधुनिकीकरण किये जाने को लेकर भी सीएम योगी गंभीर हैं.
  • राजकीय इंटर कॉलेज के विद्यालयों में जहां व्यवस्था दी जा सकती है. वहां कम से कम एक सेक्शन में अंग्रेजी माध्यम को संचालित किया जाएगा.
  • पुरस्कार प्राप्त करने के लिए योग्यता रखने वाले अध्यापकों की सूची जल्द तैयार की जाएगी. इसी माह स्थानांतरण भी कर लिया जाएगा.
  • शिक्षा विभाग के मुकदमों के निस्तारण पर भी सीएम योगी ने सख्ती दिखाई है. जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं.
  • माध्यमिक शिक्षा विभाग में ही करीब 16 हजार से अधिक मुकदमे लंबित हैं.
  • सीएम योगी ने इस पर चिंता भी व्यक्त की है. इसे अभियान चलाकर सुलझाने के लिए विधिक प्रकोष्ठ गाठित किये जाने पर विचार हुआ है.
  • सोमवार को यह निर्णय हुआ है कि इसका जल्द से जल्द निर्धारण हो.

सीएम योगी ने कहा शिक्षा के विकास में देरी बर्दाश्त नहीं.....

  • नये विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर चलाने के लिए तैयारी की जा रही है.
  • निजी क्षेत्र के लोगों को ऐसे विद्यालयों को चलाने के लिए दिया जाएगा. इच्छुक लोगों से आवेदन मांगा जाएगा.
Intro:लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की और शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए हैं। बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए निर्णय भी लिए गए। बैठक में डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनुपमा जायसवाल समेत शासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।


Body:बैठक के उपरांत डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने के साथ साथ 220 दिन तक विद्यालयों में पढ़ाई चले। इसकी पूरी व्यवस्था के लिए एक शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करने के लिए कहा गया।

उन्होंने बताया कि परीक्षा की तिथि, मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घोषित करने की तिथि अगले एक माह में तय कर लिया जाएगा। शैक्षणिक कैलेंडर दुरुस्त होने से शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देगा।

शिक्षकों के पद भरे जाएंगे। जिनका प्रमोशन करके करना है उसे जल्द किया जाएगा। कुछ पदों को भरने के लिए अधियाचित करके भेजना है। इस प्रक्रिया को तेज गति से करने के लिए निर्णय लिया गया है। सीएम योगी ने कहा है कि इसमें देरी बर्दास्त नहीं कि जाएगी।

नये विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर चलाने के लिए तैयारी की जा रही है। दिनेश शर्मा ने बताया कि निजी क्षेत्र के लोगों को ऐसे विद्यालयों को चलाने के लिए दिया जाएगा। इच्छुक लोगों से आवेदन मांगा जाएगा।

यूपी बोर्ड के आधुनिकीकरण किये जाने को लेकर भी सीएम योगी गंभीर हैं। राजकीय इंटर कॉलेज के विद्यालयों में जहां व्यवस्था दी सकती है, वहां कम कम एक सेक्शन में अंग्रेजी माध्यम संचालित किया जाएगा।

पुरस्कार प्राप्त करने के लिए योग्यता रखने वाले अध्यापकों की सूची तैयार जल्द तैयार की जाएगी। इसी माह स्थानांतरण भी कर लिया जाएगा। साथ में शिक्षा विभाग के मुकदमों के निस्तारण पर भी सीएम योगी ने सख्ती दिखाई है। जल्द से जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं।

डॉ शर्मा ने बताया कि अकेले माध्यमिक शिक्षा विभाग में ही करीब 16 हजार से अधिक मुकदमे लंबित हैं। सीएम योगी ने इस पर चिंता व्यक्त है। इसे अभियान चलाकर सुलझाने के लिए विधिक प्रकोष्ठ गाठित किये जाने पर विचार हुआ है। आज निर्णय हुआ है कि इसका जल्द से जल्द निर्धारण हो।


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