लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की. करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए. मुख्यमंत्री खुद सड़क सुरक्षा को लेकर त्रैमासिक समीक्षा बैठक करेंगे. लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बैठक के दौरान हुई प्रमुख बातें-
- लखनऊ में प्रदेश सरकार की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा पर बैठक हुई.
- इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत परिवहन विभाग, पुलिस और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए.
- परिवहन विभाग में चालकों को मानक के अनुसार पांच घंटे का विराम देने का सीएम ने निर्देश दिए.
- बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के साथ स्कूल के वाहनों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर चेकिंग अभियान चलाया जाए.
- परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग और वन विभाग के लोग आपसी समन्वय बनाकर काम करें.
- पुलिस विभाग को चालान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराई जाए
- प्रदेश में एनएचएआई एक्सप्रेसवे और हाईवे सिक्स लेन की जो 20 सड़के हैं, उन पर सेफ्टी ऑडिट कराने की स्थाई व्यवस्था की जाए .
- स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग सड़क दुर्घटना में घायलों पर विशेष ध्यान दें.
- अगर घायलों का ध्यान देने में लापरवाही पाई गई तो विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सरकार हर स्तर पर सड़क सुरक्षा को लेकर सजग है और आज बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. ताकि प्रदेश में सड़क हादसे कम से कम हो. सभी विभाग मिलकर काम करेंगे. जो सड़क हादसे हो रहे हैं, वह बेहद दुखद है.
-केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएमसड़क हादसे रोकने के लिए सभी विभागों को मुस्तैदी से काम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय मानक के आधार पर सड़कों का निर्माण और एक्सप्रेसवे व हाईवे पर पक्का निर्माण कराके बैरिकेडिंग कराने के निर्देश दिए हैं.
-अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव, सूचना एवं पर्यटन
मुख्यमंत्री की बैठक में मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडे, डीजीपी ओपी सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, चिकित्सा एवं शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के अलावा पीडब्ल्यूडी, परिवहन, चिकित्सा शिक्षा एवं पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद थे.