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सीएम योगी ने राज्य भंडारण निगम के 37 गोदामों का किया शिलान्यास - foundation stone of the storage house

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 37 गोदामों का शिलान्यास किया. इन गोदामों की क्षमता पांच हजार मीट्रिक टन होगी. उन्होंने कहा कि मंडी समिति यदि स्टोरेज क्षमता स्थापित करता है तो बहुत सी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है, इसलिए सहकारिता के साथ मंडी समितियों को भी आगे आना होगा.

सीएम योगी आदित्यनाथ
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Published : Aug 26, 2020, 3:56 AM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य भंडारण निगम के पांच-पांच हजार मीट्रिक टन की क्षमता वाले 37 गोदामों का शिलान्यास किया. इस योजना की लागत 187 करोड़ है. इससे किसानों के अनाज भंडारण में सुविधा होगी. इस मौके पर सीएम योगी ने यूरिया की कालाबाजारी को लेकर चिंता जताई. उन्होंने अधिकारियों को कड़ाई से कार्रवाई करने की हिदायत भी दी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल में भी हम सब अन्नदाता किसानों के हित के बारे में नई-नई योजनाओं को लेकर आगे बढ़ेंगे. यह इस संकल्प का जीता जागता उदाहरण है. इन भंडारण गृहों की उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा की, जिसमें एक लाख करोड़ कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के लिए ही सुनिश्चित किया गया. इससे हम भंडार गृहों की उपयोगिता बहुत अच्छे ढंग से समझ सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार आई थी तो हमारे सामने एक चुनौती थी. मैंने बैठक की तो उसमें सबसे पहला सवाल यही उठा कि हम किसानों से फसल तो खरीदेंगे, लेकिन रखेंगे कहां. हमारे पास स्टोरेज क्षमता नहीं है. शपथ ग्रहण के बाद एक अप्रैल से गेहूं क्रय की कार्रवाई प्रारंभ करनी थी. किसान का उत्पाद खरीदना और अगले 48 घंटे में उसके खाते में पैसा भेजना एक सपना था. वह सपना 2017 में सरकार के आने के साथ प्रारंभ हुआ. पहले ही वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किसानों से किया गया. आज किसान खेती की तरफ वापस आ रहा है. मंडी समिति यदि स्टोरेज क्षमता स्थापित करता है तो बहुत सी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है, इसलिए सहकारिता के साथ मंडी समितियों को भी आगे आना होगा. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के भंडारण गृह बनाने चाहिए.

सीएम योगी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक शुरू हुआ तो लगा कि अब कोई परेशानी नहीं आएगी. बारिश में खेती किसानी शुरू हुई. थोड़ी सी हम लोगों ने लापरवाही क्या की, खाद यूरिया की कालाबाजारी होती हुई दिखाई दी. जैसे ही कार्रवाई प्रारंभ हुई तो खाद की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बाजार में दिखाई देने लगी. कहीं न कहीं शासन प्रशासन की हनक दिखनी चाहिए. जो किसानों का शोषण करना चाहते हैं उन पर लगाम कसने की कार्रवाई होनी ही चाहिए. वहीं सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य है. इस योजना के माध्यम से उस दिशा में एक कदम अगे बढ़े हैं.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य भंडारण निगम के पांच-पांच हजार मीट्रिक टन की क्षमता वाले 37 गोदामों का शिलान्यास किया. इस योजना की लागत 187 करोड़ है. इससे किसानों के अनाज भंडारण में सुविधा होगी. इस मौके पर सीएम योगी ने यूरिया की कालाबाजारी को लेकर चिंता जताई. उन्होंने अधिकारियों को कड़ाई से कार्रवाई करने की हिदायत भी दी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना काल में भी हम सब अन्नदाता किसानों के हित के बारे में नई-नई योजनाओं को लेकर आगे बढ़ेंगे. यह इस संकल्प का जीता जागता उदाहरण है. इन भंडारण गृहों की उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा की, जिसमें एक लाख करोड़ कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के लिए ही सुनिश्चित किया गया. इससे हम भंडार गृहों की उपयोगिता बहुत अच्छे ढंग से समझ सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में जब हमारी सरकार आई थी तो हमारे सामने एक चुनौती थी. मैंने बैठक की तो उसमें सबसे पहला सवाल यही उठा कि हम किसानों से फसल तो खरीदेंगे, लेकिन रखेंगे कहां. हमारे पास स्टोरेज क्षमता नहीं है. शपथ ग्रहण के बाद एक अप्रैल से गेहूं क्रय की कार्रवाई प्रारंभ करनी थी. किसान का उत्पाद खरीदना और अगले 48 घंटे में उसके खाते में पैसा भेजना एक सपना था. वह सपना 2017 में सरकार के आने के साथ प्रारंभ हुआ. पहले ही वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय किसानों से किया गया. आज किसान खेती की तरफ वापस आ रहा है. मंडी समिति यदि स्टोरेज क्षमता स्थापित करता है तो बहुत सी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है, इसलिए सहकारिता के साथ मंडी समितियों को भी आगे आना होगा. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के भंडारण गृह बनाने चाहिए.

सीएम योगी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक शुरू हुआ तो लगा कि अब कोई परेशानी नहीं आएगी. बारिश में खेती किसानी शुरू हुई. थोड़ी सी हम लोगों ने लापरवाही क्या की, खाद यूरिया की कालाबाजारी होती हुई दिखाई दी. जैसे ही कार्रवाई प्रारंभ हुई तो खाद की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बाजार में दिखाई देने लगी. कहीं न कहीं शासन प्रशासन की हनक दिखनी चाहिए. जो किसानों का शोषण करना चाहते हैं उन पर लगाम कसने की कार्रवाई होनी ही चाहिए. वहीं सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य है. इस योजना के माध्यम से उस दिशा में एक कदम अगे बढ़े हैं.

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