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सीएम योगी के निर्देश, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए 90 दिन में परिवर्तन करें भू-उपयोग

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Published : Sep 21, 2020, 10:46 PM IST

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन्वेस्ट यूपी की बैठक की. इस दौरान सीएम ने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन 90 दिन में करने के निर्देश दिए.

सीएम ने इन्वेस्ट यूपी की बैठक.
सीएम ने इन्वेस्ट यूपी की बैठक.

लखनऊ: सीएम योगी ने राज्य के विकास, रोजगार सम्भावनाओं के विस्तार और प्रधानमंत्री के भारत की इकोनाॅमी को 5 ट्रिलियन डाॅलर बनाने में यूपी के योगदान में निवेशकों और उद्यमियों से निवेश योजनाओं, सीएसआर, इनोवेशन और उद्यमशीलता के माध्यम से सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों और उद्यमियों को आश्वस्त किया. उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षाें में उत्तर प्रदेश में जो व्यापक परिवर्तन उन्होंने महसूस किया है, इसे आने वाले समय में और बेहतर किया जाएगा.

समस्याओं के समाधान के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत ‘इन्वेस्ट यूपी’ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों तथा जनपद स्तर के उद्यमियों से संवाद स्थापित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को एक बेहतर निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से उद्योग बन्धु की बैठक आहूत कर स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण करने के निर्देश दिए हैं. विकास प्राधिकरण, आवास एवं आवास विकास परिषद तथा स्थानीय स्तर की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर करते हुए शासन स्तर से जुड़ी हुई समस्याओं का भी समय-सीमा के अन्दर समाधान किया जाए.

बन्द पड़ी कताई मिल पर विकसित होगा नया औद्योगिक क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन के आवेदनों को 90 दिन की समय-सीमा के अन्तर्गत निस्तारित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कृषि से औद्योगिक श्रेणी में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क को घटाकर सर्किल रेट के 35 प्रतिशत की दर के स्थान पर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. बड़े भू-खण्डों पर टेलीस्कोपिक दरों को सम्मिलित करते हुए यह शुल्क मात्र 14 प्रतिशत रह जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक आस्थानों/औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को दोहरे टैक्स के बोझ से मुक्ति मिलेगी. जिला पंचायतों द्वारा एकत्र किए गए टैक्स का न्यूनतम 60 प्रतिशत उसी औद्योगिक क्षेत्र के रख-रखाव में व्यय किया जाएगा. उन्होंने यह जानकारी भी दी कि यूपीसीडा द्वारा मेरठ में बन्द पड़ी कताई मिल की भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में एमएसएमई की स्थापना के लिए तथा रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए एमएसएमई नीति-2017 लागू की गई थी. इसमें व्यापक सुधार करते हुए नई नीति सामने आई है. इसके अन्तर्गत हमने यह तय किया है कि एमएसएमई उद्योग की स्थापना करने के लिए किसी भी उद्यमी द्वारा एप्लीकेशन दिये जाने के 72 घंटे के अन्दर उसे अनुज्ञा-पत्र जारी कर दिया जाए. बैंकों द्वारा अभी तक विभिन्न ऑनलाइन कैम्पों के माध्यम से लगभग 3 लाख 70 हजार से अधिक इकाइयों को 13,382 करोड़ रूपये के ऋण उपलब्ध कराये गए हैं. सभी बैंकों को निर्देश दिये गये हैं. साथ ही सभी बैंकों द्वारा यह आश्वासन भी दिया गया है कि इस वर्ष नई व पुरानी दोनों प्रकार की इकाइयों को मिलाकर कम से कम 20 लाख इकाइयों को लगभग 80,000 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए जायेंगे. इससे बड़ी संख्या में प्रदेश में नये उद्योगों की स्थापना होगी, जिससे न केवल प्रदेश के आर्थिक उन्नयन बल्कि रोजगार सृजन में भी बड़ी मदद मिलेगी. डिफेंस एवं एयरोस्पेस, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्युटिकल उद्योग जैसे सेक्टर अब राज्य में निवेश के नए केन्द्र हैं.

उत्तर प्रदेश में विकसित की जा रही डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. ‘मेक इन इण्डिया डिफेंस’ के लिए राज्य में विद्यमान विशाल एमएसएमई आधार का लाभ इसको प्राप्त होगा. डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की सम्भावना है. दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और बोडाकी में ट्रांसपोर्ट हब ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को उत्तरी भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने का कार्य वर्तमान में प्रारम्भ कर रहे हैं. जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के साथ ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे को एक बेहतर और आकर्षण निवेश गंतव्य के रूप में पूरी दुनिया देख रही है.

इन उद्यमियों से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की की अध्यक्ष डाॅ. संगीता रेड्डी, एसोचैम के अध्यक्ष डाॅ. निरंजन हीरानन्दानी, सीआईआई नार्दन रीजन के निखिल साहनी, पीएचडी-सीसीआई के अध्यक्ष डाॅ. डीके अग्रवाल, आईआईए के अध्यक्ष पंकज कुमार, एफआईईओ के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ, ट्रेड प्रमोशन काॅउन्सिल आफ इण्डिया के चेयरमैन मोहित सिंगला तथा लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बल्देव भाई प्रजापति से संवाद किया. इसके साथ ही उन्होंने कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ और गाजियाबाद जनपदों के उद्यमियों से भी वार्ता की.

लखनऊ: सीएम योगी ने राज्य के विकास, रोजगार सम्भावनाओं के विस्तार और प्रधानमंत्री के भारत की इकोनाॅमी को 5 ट्रिलियन डाॅलर बनाने में यूपी के योगदान में निवेशकों और उद्यमियों से निवेश योजनाओं, सीएसआर, इनोवेशन और उद्यमशीलता के माध्यम से सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने निवेशकों और उद्यमियों को आश्वस्त किया. उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षाें में उत्तर प्रदेश में जो व्यापक परिवर्तन उन्होंने महसूस किया है, इसे आने वाले समय में और बेहतर किया जाएगा.

समस्याओं के समाधान के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत ‘इन्वेस्ट यूपी’ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों तथा जनपद स्तर के उद्यमियों से संवाद स्थापित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को एक बेहतर निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से उद्योग बन्धु की बैठक आहूत कर स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण करने के निर्देश दिए हैं. विकास प्राधिकरण, आवास एवं आवास विकास परिषद तथा स्थानीय स्तर की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर करते हुए शासन स्तर से जुड़ी हुई समस्याओं का भी समय-सीमा के अन्दर समाधान किया जाए.

बन्द पड़ी कताई मिल पर विकसित होगा नया औद्योगिक क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन के आवेदनों को 90 दिन की समय-सीमा के अन्तर्गत निस्तारित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कृषि से औद्योगिक श्रेणी में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क को घटाकर सर्किल रेट के 35 प्रतिशत की दर के स्थान पर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. बड़े भू-खण्डों पर टेलीस्कोपिक दरों को सम्मिलित करते हुए यह शुल्क मात्र 14 प्रतिशत रह जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक आस्थानों/औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को दोहरे टैक्स के बोझ से मुक्ति मिलेगी. जिला पंचायतों द्वारा एकत्र किए गए टैक्स का न्यूनतम 60 प्रतिशत उसी औद्योगिक क्षेत्र के रख-रखाव में व्यय किया जाएगा. उन्होंने यह जानकारी भी दी कि यूपीसीडा द्वारा मेरठ में बन्द पड़ी कताई मिल की भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में एमएसएमई की स्थापना के लिए तथा रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए एमएसएमई नीति-2017 लागू की गई थी. इसमें व्यापक सुधार करते हुए नई नीति सामने आई है. इसके अन्तर्गत हमने यह तय किया है कि एमएसएमई उद्योग की स्थापना करने के लिए किसी भी उद्यमी द्वारा एप्लीकेशन दिये जाने के 72 घंटे के अन्दर उसे अनुज्ञा-पत्र जारी कर दिया जाए. बैंकों द्वारा अभी तक विभिन्न ऑनलाइन कैम्पों के माध्यम से लगभग 3 लाख 70 हजार से अधिक इकाइयों को 13,382 करोड़ रूपये के ऋण उपलब्ध कराये गए हैं. सभी बैंकों को निर्देश दिये गये हैं. साथ ही सभी बैंकों द्वारा यह आश्वासन भी दिया गया है कि इस वर्ष नई व पुरानी दोनों प्रकार की इकाइयों को मिलाकर कम से कम 20 लाख इकाइयों को लगभग 80,000 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए जायेंगे. इससे बड़ी संख्या में प्रदेश में नये उद्योगों की स्थापना होगी, जिससे न केवल प्रदेश के आर्थिक उन्नयन बल्कि रोजगार सृजन में भी बड़ी मदद मिलेगी. डिफेंस एवं एयरोस्पेस, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, डेटा सेंटर, इलेक्ट्रिक वाहन, फार्मास्युटिकल उद्योग जैसे सेक्टर अब राज्य में निवेश के नए केन्द्र हैं.

उत्तर प्रदेश में विकसित की जा रही डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. ‘मेक इन इण्डिया डिफेंस’ के लिए राज्य में विद्यमान विशाल एमएसएमई आधार का लाभ इसको प्राप्त होगा. डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की सम्भावना है. दादरी में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और बोडाकी में ट्रांसपोर्ट हब ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को उत्तरी भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करने का कार्य वर्तमान में प्रारम्भ कर रहे हैं. जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के साथ ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे को एक बेहतर और आकर्षण निवेश गंतव्य के रूप में पूरी दुनिया देख रही है.

इन उद्यमियों से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की की अध्यक्ष डाॅ. संगीता रेड्डी, एसोचैम के अध्यक्ष डाॅ. निरंजन हीरानन्दानी, सीआईआई नार्दन रीजन के निखिल साहनी, पीएचडी-सीसीआई के अध्यक्ष डाॅ. डीके अग्रवाल, आईआईए के अध्यक्ष पंकज कुमार, एफआईईओ के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ, ट्रेड प्रमोशन काॅउन्सिल आफ इण्डिया के चेयरमैन मोहित सिंगला तथा लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बल्देव भाई प्रजापति से संवाद किया. इसके साथ ही उन्होंने कानपुर नगर, गोरखपुर, मेरठ और गाजियाबाद जनपदों के उद्यमियों से भी वार्ता की.

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