लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2021-2022 के बजट के संबंध में मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष मौजूदा बजट के अंतर्गत अब तक जारी स्वीकृतियों एवं खर्च का लेखा-जोखा रखा. इस बैठक में 500 करोड़ से अधिक के सालाना बजट वाले सभी 44 विभागों के मंत्री और अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव उपस्थित रहे.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश-
- सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना सुनिश्चित करें. केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें.
- सौभाग्य अथवा दीनदयाल उपाध्याय योजना के जरिये विद्युतीकरण के अधूरे कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए. कार्यदायी संस्थाओं का बकाया न रहे, इसकी सतत समीक्षा की जाए.
- उपभोक्ताओं की सुविधा हमारा लक्ष्य है. ओवरबिलिंग और स्मार्ट मीटर से जुड़ी शिकायतें बन्द हों. मीटर रीडरों की भी जवाबदेही तय हो. साथ ही जिनसे बिजली खरीद रहे हैं, उनका समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
- मीटर रीडरों का पोर्टल बनाया गया है. अब वह सभी जीपीएस की जद में हैं. यह सुनिश्चित किया जाए कि फर्जीवाड़ा न हो.
- शासकीय विभागों के बकाया बिजली बिल के भुगतान की एकीकृत व्यवस्था हो.
- कम्युनिटी टॉयलेट, ग्राम सचिवालयों के कार्यों में तेजी लाई जाए.
- इंडो-नेपाल बॉर्डर सामरिक रूप से हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. इस क्षेत्र की सड़कों से जुड़ी परियोजनाएं शीघ्रता से पूरी की जाएं. विशेषज्ञों की मदद लें.
- सरयू नहर परियोजना और मध्य गंगा परियोजना को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए.
- पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थियों का चिन्हांकन कर उन्हें मकान दिलाया जाए. 'हाउसिंग फॉर ऑल' सरकार की प्रतिबद्धता है. आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मकानों की मांग का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें.
- प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों और शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की बड़ी प्रतिष्ठा रही है. वर्षों पुराने इन कॉलेजों में कई के भवन जर्जर हैं. विस्तृत कार्ययोजना बनाकर भवनों का जीर्णोद्धार कराया जाए. कॉलेजों के पुरातन छात्र परिषदों को सहयोग के लिए प्रोत्साहित करें.
- संस्कृत विद्यालयों में जब तक स्थायी शिक्षक न आएं तब तक अस्थायी व्यवस्था की जाए.
- बेसिक शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. प्रदेश में बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं. इन प्रयासों को और गति प्रदान करें.
- स्मार्ट सिटी योजना को गति देने की जरूरत है. स्थानीय समस्याओं के निराकरण में अधिकारी तत्परता से कार्य करें.
- शासन की नीतियों के अनुरूप जो भी इंसेंटिव विभिन्न संस्थाओं को जारी करने हैं, उसमें कतई देर न हो. यह शासन की जिम्मेदारी है कि अपने कहे अनुसार समयबद्ध ढंग से लोगों को उनके निवेश का सही लाभ प्राप्त कराए. ऐसे कार्यों की सतत समीक्षा भी की जाए.
- शहरी आजीविका मिशन का लाभ अधिकाधिक नागरिकों को मिले, इसके लिए विभागीय स्तर पर विशेष प्रयास की जरूरत है.
- प्रदेश सरकार हर नागरिक को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए संकल्पित है. बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में चल रहा 'जल जीवन मिशन' जनहित के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. इसकी सतत समीक्षा की जाए. इसके साथ ही, 'नमामि गंगे' परियोजना के कार्यों को प्राथमिकता के साथ कराए जाने की आवश्यकता है.
- गंगा एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है. इसे तत्परता के साथ किये जाने की जरूरत है.
- वृद्धावस्था पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले. पहले से लाभ उठा रहे लोगों की पात्रता जांची जाए. कोई भी जरूरतमंद योजनाओं से वंचित न रहे.
- पराली प्रबंधन और सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए समन्वित कार्ययोजना बनाये जाने की जरूरत है. पराली प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की सहायता भी प्राप्त हो रही है.
- प्रदेश सरकार सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए काम कर रही है, जिन 13 जनपदों में स्थापना प्रस्तावित है, वहां यथासम्भव शिलान्यास कराया जाए.