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सीतापुर के बाढ़ पीड़ित इलाके में इस शिक्षिका ने बच्चों के अंदर जगाई शिक्षा की अलख - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के सीतापुर से बेहटा विकासखंड के ग्राम पिढुरिया की प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के बच्चों को न सिर्फ बेहतर शिक्षा दे रहीं हैं, बल्कि वह ग्रामीण स्कूल को शहरों के स्कूलों की तरह टक्कर दे रही है. उनकी इस मेहनत से खुश होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सम्मानित किया है.

प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल को सीएम ने किया सम्मानित.
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Published : Sep 6, 2019, 5:43 AM IST

लखनऊ : सीतापुर के जिस बाढ़ पीड़ित इलाके में लोग तीन से चार महीने तक घर से बाहर जरूरी काम से भी निकलना पसंद नहीं करते हैं. वहां बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में कौन सोचता है, लेकिन बेहटा विकासखंड के ग्राम पिढुरिया की प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल ने यह मुश्किल काम भी आसान कर दिखाया. अभिभावकों से मिलकर उन्होंने बाढ़ पीड़ित गांव के बच्चों को न केवल स्कूल तक पहुंचाया, बल्कि जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में जीत भी दिलाई.

प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल को सीएम ने किया सम्मानित.

शिक्षिका की मेहनत रंग लाई

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाने के बाद रुचि अग्रवाल ने बताया कि वह बाढ़ पीड़ित इलाके के स्कूल की प्रधानाध्यापक हैं. पूरे क्षेत्र में ज्यादातर गांव के लोग अपने बच्चों को बाढ़ और बारिश की वजह से स्कूल भेजने से कतराते थे. मैंने गांव में घर-घर जाकर अभिभावकों से बातचीत की, उन्हें इसके लिए तैयार किया कि वो बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजें. मेरी यह कोशिश रंग लाई. स्कूल में बच्चों की तादाद कई गुना बढ़ गई है. अब जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी बच्चे जीत हासिल कर रहे हैं.

गांव के स्कूल को बनाया शहरी स्कूलों की तरह

रुचि ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में उन्होंने शहर के पब्लिक स्कूलों की तरह प्ले एरिया भी बनाया है, जहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है. इसके अलावा कंप्यूटर लैपटॉप, प्रोजेक्टर के जरिए भी बच्चों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की जानकारी दी जा रही है. इसका असर भी देखने को मिल रहा है, पिछले दिनों जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्कूल के बच्चों के प्रदर्शन को जिलाधिकारी सीतापुर ने भी सराहा है.

लखनऊ : सीतापुर के जिस बाढ़ पीड़ित इलाके में लोग तीन से चार महीने तक घर से बाहर जरूरी काम से भी निकलना पसंद नहीं करते हैं. वहां बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में कौन सोचता है, लेकिन बेहटा विकासखंड के ग्राम पिढुरिया की प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल ने यह मुश्किल काम भी आसान कर दिखाया. अभिभावकों से मिलकर उन्होंने बाढ़ पीड़ित गांव के बच्चों को न केवल स्कूल तक पहुंचाया, बल्कि जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में जीत भी दिलाई.

प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल को सीएम ने किया सम्मानित.

शिक्षिका की मेहनत रंग लाई

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाने के बाद रुचि अग्रवाल ने बताया कि वह बाढ़ पीड़ित इलाके के स्कूल की प्रधानाध्यापक हैं. पूरे क्षेत्र में ज्यादातर गांव के लोग अपने बच्चों को बाढ़ और बारिश की वजह से स्कूल भेजने से कतराते थे. मैंने गांव में घर-घर जाकर अभिभावकों से बातचीत की, उन्हें इसके लिए तैयार किया कि वो बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजें. मेरी यह कोशिश रंग लाई. स्कूल में बच्चों की तादाद कई गुना बढ़ गई है. अब जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी बच्चे जीत हासिल कर रहे हैं.

गांव के स्कूल को बनाया शहरी स्कूलों की तरह

रुचि ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में उन्होंने शहर के पब्लिक स्कूलों की तरह प्ले एरिया भी बनाया है, जहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है. इसके अलावा कंप्यूटर लैपटॉप, प्रोजेक्टर के जरिए भी बच्चों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की जानकारी दी जा रही है. इसका असर भी देखने को मिल रहा है, पिछले दिनों जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्कूल के बच्चों के प्रदर्शन को जिलाधिकारी सीतापुर ने भी सराहा है.

Intro:लखनऊ ।सीतापुर के जिस बाढ़ पीड़ित इलाके में लोग 3 से 4 महीने तक घर से बाहर जरूरी काम से भी निकलना पसंद नहीं करते हैं वहां बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में कौन सोचता। बेहटा विकासखंड के ग्राम पिढुरिया की प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल ने यह मुश्किल काम भी आसान कर दिखाया। अभिभावकों से मिलकर उन्होंने बाढ़ पीड़ित गांव के बच्चों को नए केवल स्कूल तक पहुंचाया बल्कि जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में जीत भी दिलाई।


Body:इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाने के बाद ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में रुचि अग्रवाल ने बताया कि वह बाढ़ पीड़ित इलाके के स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं। पूरे क्षेत्र में ज्यादातर गांव के लोग अपने बच्चों को बाढ़ और बारिश की वजह से स्कूल भेजने से कतराते थे मैंने गांव में घर-घर जाकर अभिभावकों से बातचीत की उन्हें इसके लिए तैयार किया कि वो बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजें । मेरी यह कोशिश रंग लाई स्कूल में बच्चों की तादाद कई गुना बढ़ गई। अब जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी जीत हासिल कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि प्राइमरी स्कूल में उन्होंने शहर के पब्लिक स्कूलों की तरह प्ले एरिया भी बनाया है जहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है इसके अलावा कंप्यूटर लैपटॉप, प्रोजेक्टर के जरिए भी बच्चों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान जानकारी दी जा रही है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है पिछले दिनों जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्कूल के बच्चों के प्रदर्शन को जिलाधिकारी सीतापुर ने भी सराहा है।

बाइट /रुचि अग्रवाल राज्य शिक्षक सम्मान से सम्मानित


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