लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या में आर्थिक विकास के साथ ही सांस्कृतिक एजेंडे को भी मजबूत धार दे रही है. सरकार ने अयोध्या में एक ऐसा बांध बनाने का फैसला किया है. इससे आसपास के जिलों में किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इसके साथ ही अयोध्या राम की पैड़ी में सरयू भी अविरल धार से बहती रहेगी.
सरयू पर प्रस्तावित इस बांध की सबसे बड़ी विशेषता अयोध्या के घाटों पर सरयू की अविरल जल धारा को बनाए रखना होगा. गंगा पर हरिद्वार में बनी हर की पैड़ी की तर्ज पर अयोध्या में राम की पैड़ी तो बनाई गई लेकिन इसमें कभी सरयू का जल प्रवाह नहीं हुआ. व्यवहारिक तौर पर राम की पैड़ी फेल हो चुकी है. राम की पैड़ी को पुर्नजीवन देने के लिए योगी सरकार ने बैराज की योजना पर अपनी मुहर लगा दी है .बैराज बनने के बाद सरयू का जल राम की पैड़ी और अयोध्या के अन्य घाटों से होकर निरंतर प्रवाहित होता रहेगा. इससे श्रद्धालुओं को सरयू की जलधार में सुरक्षित डुबकी लगाने का अवसर मिलेगा.
इस परियोजना से अयोध्या के घाटों का आकर्षण भी कई गुना बढ़ जाएगा. यही इतना नहीं, इस बांध से निकली जलधारा भगवान राम की प्रस्तावित विशाल प्रतिमा के पास बनने वाले जलाशय तक भी पहुंचेगी. इससे जलाशय में भी है हर वक्त ताजा पानी मौजूद रहेगा. प्रदेश सरकार का मानना है कि इस परियोजना से अयोध्या में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
नरेंद्र सिंह राणा, प्रवक्ता, बीजेपी
सरकार का है खास एजेंडा....
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले आइडिया के आधार पर इस परियोजना का खाका तैयार किया गया है. विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह भी हर बैठक में इस योजना की प्रगति जरूर पूछते हैं. इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों की सूची भी तैयार कराई जा रही है.
बाढ़ से मिलेगी निजात और किसानों को खेत में मिलेगा पानी...
- सरयू पर प्रस्तावित इस बांध से अयोध्या, गोंडा, बलरामपुर, अंबेडकरनगर बस्ती आजमगढ़, सुल्तानपुर जौनपुर, संत कबीर नगर समेत कई जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी मिल सकेगा.
- सरयू नदी पर स्थित सरजू पुल अयोध्या गोंडा राष्ट्रीय राजमार्ग से 1000 मीटर अपस्ट्रीम में गोलाघाट के समीप बांध बनाया जाएगा .
- परियोजना की लागत अनुमानित ढाई हजार करोड़ है.
- परियोजना स्थल पर नदी की चौड़ाई 1560 मीटर है.
- बैराज की प्रस्तावित लंबाई 1250 मीटर है.
- परियोजना स्थल पर नदी का डिस्चार्ज 24462 क्यूसेक है.
- नदी का ढाल 14.50 सेंटीमीटर प्रति किलोमीटर होगी.