लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ की बैठक कर असंगठित क्षेत्र के कामगारों, श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में ओडीओपी की तर्ज पर रोजगार की संभावनाओं को तलाशने और जनप्रतिनिधियों के सुझाव लेकर रणनीति तैयार कर रोजगार सृजन करने को कहा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा के साथ जोड़ने का व्यापक अभियान चलाया जाए. सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह जनप्रतिनिधियों को भी इस अभियान में शामिल करें. उन्होंने कहा कि संगठित क्षेत्र के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के कामगारों, श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. कामगारों की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा संबंधी कार्यों पर तेजी से कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों की भांति निवासी श्रमिकों के डाटा संग्रहण तथा स्किल मैपिंग का कार्य हर जिले में प्राथमिकता पर किया जाए. साथ ही सीएम योगी ने कहा कि जिला स्तर पर इन कार्यों के संबंध में निरन्तर कार्य हो. वहीं, डिस्ट्रिक्ट बैंकर्स कमेटी की बैठक आयोजित कर बैंकों से बेहतर समन्वय किया जाए. विभिन्न योजनाओं के तहत अधिक से अधिक लाभार्थियों को ऋण दिलाया जाए. उन्होंने जिला स्तर पर रोजगार मेला व लोन मेला आयोजित किए जाने के निर्देश दिए.
रोजगार को लेकर जिला एवं मंडल स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा
मुख्यमंत्री का निर्देश है कि कामगारों और श्रमिकों के सेवायोजन एवं रोजगार संबंधी कार्यों की जिला और मंडल स्तर पर साप्ताहिक व पाक्षिक समीक्षा की जाए. शासन स्तर पर भी इस संबंध में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं. जो इन कार्यों की प्रगति आख्या से अवगत कराएं. वहीं कामगारों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित करते हुए उन्हें योग्यता व क्षमता के अनुरूप काम दिलाया जाए.
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में जिस प्रकार कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने व उससे बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं. उसी प्रकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए रणनीति बनाकर रोजगार दिलाया जाए.
एमएसएमई इकाइयों को 31 हजार करोड़ का लोन
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने में एमएसएमई सेक्टर सहित ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ जैसी योजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन सेक्टर व योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को व्यापक पैमाने पर रोजगार प्रदान किया जा रहा है. एमएसएमई सेक्टर की पुरानी और नई इकाइयों को मिलाकर अब तक लगभग 31 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिलाया गया है.
अधिकारियों की जवाबदेही होगी तय
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिशन रोजगार अभियान’ के तहत किए जाने वाले कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए. साथ ही कामगारों श्रमिकों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए. जिला स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के कार्यों में जिन जिलों द्वारा अच्छे कार्य किए गए हैं. उनकी सराहना की जाए. अपेक्षित प्रगति न दर्शाने वाले जिलों के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए.
निजी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में भी रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं. इसी प्रकार कृषि क्षेत्र में भी रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं. गौ-आधारित खेती के साथ-साथ गंगा जी के तटीय क्षेत्रों में बागवानी व ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने से भी व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित होंगे. कोविड-19 के दौरान मनरेगा में बड़ी संख्या में मानव दिवस सृजित हुए, जिनका लाभ कामगारों/श्रमिकों को मिला. इसी प्रकार एक्सप्रेस-वे और हाई-वे तथा अन्य निर्माण कार्यों में कामगार/श्रमिक सेवायोजित किए गए. ऐसे अभियानों को एक नई दिशा और गति देते हुए कार्य किए जाएं.
मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.