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लखनऊ: पेपरलेस होगी सीएम योगी की अगली कैबिनेट, ई-पोर्टल पर करोड़ों दस्तावेज ऑनलाइन - डिजिटल कैबिनेट

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अब सभी काम डिजिटल तौर पर किये जाएंगे. इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों और मंत्रियों को निर्देशित कर दिया है. सीएम योगी ने सभी विधायकों को आईपैड लेकर चलने की सलाह दी है.

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सीएम योगी
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Published : Feb 14, 2020, 1:04 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार अब पूरी तरह से डिजिटल होने की ओर अग्रसर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विधायकों और मंत्रियों को भी डिजिटल होने की सलाह दी है. मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कहा है कि अब सभी मंत्री कागज की कोई भी फाइल उनके पास नहीं भेजेंगे. जो भी फाइल उनके पास भेजी जाएगी वह डिजिटल फाइल के रूप में भेजी जाएगी. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को आईपैड लेकर चलने की सलाह दी है.

भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों और विधायकों को आईपैड लेकर चलना चाहिए. उन्हें डिजिटल फ्रेंडली होना चाहिए. सभी नेताओं को सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता रखनी होगी. सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के कामकाज, अपने विधानसभा क्षेत्र के कामकाज को जनता को बताने का काम करना होगा. मंत्री हों या फिर विधायक, मुख्यमंत्री के पास कागज की जो फाइल और पत्र भेजते हैं. वह सारे पत्र और फाइलें डिजिटल होंगे. विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को मेल कर सकते हैं.

सीएम योगी ने विधायकों को दिए पेपरलेस होने के निर्देश.

आदेश के दूसरे ही दिन निर्देश हुआ जारी
उन्होंने कहा कि डिजिटल होने से एक तो कागज बचेगा. दूसरी तरफ पूरी व्यवस्था इको फ्रेंडली होगी. फाइलों में जो देरी होती है, वह भी नहीं होगी. विधायकों के पत्र पर तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी. जनता की समस्याओं का जल्द निस्तारण हो सकेगा. इसलिए डिजिटल होना आवश्यक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यह बातें कही थीं. इसके दूसरे ही दिन गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने सभी अपर मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर सभी फाइल डिजिटल करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में सरकारी तंत्र जुट गया है.

ई-पोर्टल ऑफिस पर 2018 से ही काम कर रहा सचिवालय
पूरा सचिवालय पेपरलेस व्यवस्था पर संचालित हो सके, इसके लिए मुख्यमंत्री ने पहले ही तैयारी कर ली थी. यह व्यवस्था सात मई 2018 से शुरू की गई थी. अब तक छह लाख नई फाइलें ई-ऑफिस पर खोली जा चुकी हैं. छह लाख पुरानी फाइलें डिजिटलाइज की जा चुकी हैं. इसमें लगभग सात करोड़ पन्ने भी स्कैन होकर अपलोड किए जा चुके हैं. अगले पांच से छह महीने के अंदर सचिवालय के सभी विभागों की सारी पुरानी फाइलें अपलोड हो जाएंगी और सचिवालय पूरी तरह से ऑनलाइन काम करना शुरू कर देगा.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: विधानसभा के बाहर परिवार ने किया आत्मदाह का प्रयास

अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में अगला कदम जनपदीय और विभाग अध्यक्षों के कार्यालय को ऑफिस से जोड़ने की मुहिम शुरू हुई है. इन सब के साथ-साथ मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कैबिनेट में भी इसे लागू करने की बात कही गई है. उस व्यवस्था को लागू करने की पूरी कोशिश है. जल्द ही इसे लागू किया जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार अब पूरी तरह से डिजिटल होने की ओर अग्रसर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विधायकों और मंत्रियों को भी डिजिटल होने की सलाह दी है. मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कहा है कि अब सभी मंत्री कागज की कोई भी फाइल उनके पास नहीं भेजेंगे. जो भी फाइल उनके पास भेजी जाएगी वह डिजिटल फाइल के रूप में भेजी जाएगी. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को आईपैड लेकर चलने की सलाह दी है.

भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि सभी मंत्रियों और विधायकों को आईपैड लेकर चलना चाहिए. उन्हें डिजिटल फ्रेंडली होना चाहिए. सभी नेताओं को सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता रखनी होगी. सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के कामकाज, अपने विधानसभा क्षेत्र के कामकाज को जनता को बताने का काम करना होगा. मंत्री हों या फिर विधायक, मुख्यमंत्री के पास कागज की जो फाइल और पत्र भेजते हैं. वह सारे पत्र और फाइलें डिजिटल होंगे. विधायक अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को मेल कर सकते हैं.

सीएम योगी ने विधायकों को दिए पेपरलेस होने के निर्देश.

आदेश के दूसरे ही दिन निर्देश हुआ जारी
उन्होंने कहा कि डिजिटल होने से एक तो कागज बचेगा. दूसरी तरफ पूरी व्यवस्था इको फ्रेंडली होगी. फाइलों में जो देरी होती है, वह भी नहीं होगी. विधायकों के पत्र पर तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी. जनता की समस्याओं का जल्द निस्तारण हो सकेगा. इसलिए डिजिटल होना आवश्यक है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यह बातें कही थीं. इसके दूसरे ही दिन गुरुवार को प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने सभी अपर मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर सभी फाइल डिजिटल करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में सरकारी तंत्र जुट गया है.

ई-पोर्टल ऑफिस पर 2018 से ही काम कर रहा सचिवालय
पूरा सचिवालय पेपरलेस व्यवस्था पर संचालित हो सके, इसके लिए मुख्यमंत्री ने पहले ही तैयारी कर ली थी. यह व्यवस्था सात मई 2018 से शुरू की गई थी. अब तक छह लाख नई फाइलें ई-ऑफिस पर खोली जा चुकी हैं. छह लाख पुरानी फाइलें डिजिटलाइज की जा चुकी हैं. इसमें लगभग सात करोड़ पन्ने भी स्कैन होकर अपलोड किए जा चुके हैं. अगले पांच से छह महीने के अंदर सचिवालय के सभी विभागों की सारी पुरानी फाइलें अपलोड हो जाएंगी और सचिवालय पूरी तरह से ऑनलाइन काम करना शुरू कर देगा.

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अपर मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में अगला कदम जनपदीय और विभाग अध्यक्षों के कार्यालय को ऑफिस से जोड़ने की मुहिम शुरू हुई है. इन सब के साथ-साथ मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कैबिनेट में भी इसे लागू करने की बात कही गई है. उस व्यवस्था को लागू करने की पूरी कोशिश है. जल्द ही इसे लागू किया जाएगा.

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