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सीएम योगी ने भिक्षावृत्ति से मुक्त हुए बच्चों को प्रमाणपत्र और शैक्षणिक किट बांटी

लखनऊ में सीएम योगी ने भिक्षावृत्ति से मुक्त हुए बच्चों को प्रमाणपत्र और शैक्षणिक किट बांटी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Jul 6, 2023, 6:56 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राचीन काल में भिक्षाटन भारतीय परम्परा का हिस्सा थी. इसके माध्यम से एक संन्यस्त व्यक्ति अपने अहंकार को त्यागकर समाज के दर्शन को समझ पाता था. आज भिक्षावृत्ति बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है. उन्होंने कहा कि बच्चों को दिव्यांग बनाकर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाने वाले गिरोहों के खिलाफ हमारी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. साथ ही भिक्षावृत्ति विमुक्त हुए बच्चों को सरकार प्लेटफार्म दे रही है. स्माइल परियोजना इसी लिए प्रारंभ हुई है.


सीएम योगी ने भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए बच्चों को 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (सामान्य) और स्माइल परियोजना के लाभार्थी बच्चों को अपने सरकारी आवास पर बुधवार को प्रमाणपत्र एवं शैक्षिक किट वितरित किए. इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए 102 बच्चों को यहां देखकर प्रसन्नता हो रही है. हमारी सरकार इन बच्चों को स्वयंसेवी संस्थाओं से जोड़कर इनके भविष्य को संवार रही है. गरीब से गरीब बच्चा पढ़ सके और अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सके. इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद 2017 से सभी बच्चों को ड्रेस, बैग, पुस्तकें, स्वेटर, जूते और मोजे उपलब्ध करा रही है. आज प्रदेश के 1.91 करोड़ बच्चे इस सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं.


सीएम योगी ने कहा कि जीवन में यदि सफल होना है तो हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. कोई भी कार्यक्रम तभी सफल हो सकता है जब हम उसे पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाते हैं. पिक एंड चूज ना हो, किसी के साथ भेदभाव ना हो और अनावश्यक सिफ़ारिशें ना हो. मेरिट के आधार पर कार्य हों तो लखनऊ को हम भिक्षावृत्ति से मुक्त कर लेंगे. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए विभागों को कार्य करना चाहिए. पटरियों पर सोने वालों को रैन बसेरों में ले जाएं. हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है. एक अच्छा इंसान ही एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर और अच्छा अधिकारी बन सकता है. शासन के योजनाए लोगों तक पहुंचे इस बात का विशेष ध्यान रखें.


सीएम योगी ने कहा कि रजिस्टर्ड श्रमिकों और अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के लिए हमारी सरकार अटल आवासीय विद्यालय बना रही है. इस विद्यालय में सीबीएसई पैटर्न पर बच्चों को कक्षा एक से लेकर 12वीं तक शिक्षा मुफ्त में दी जा रही है. उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति समस्या का समाधान नहीं है, समस्या का समाधान परिश्रम है. सही दिशा का चयन कर जो लोग अपनी घर गृहस्थी संभालने के साथ-साथ अपनी आजीविका को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं वो सफल हो रहे हैं. प्रदेश में ही ऐसे बहुत उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे। ऐसा ही एक उदाहरण बीसी सखी योजना के अंतर्गत हम देख सकते हैं। सुल्तानपुर जनपद की एक बीसी सखी ने अपना टर्नओवर इतना बढ़ाया है कि वह हर महीने 1.20-1.30 लाख रुपए कमीशन कमा रही है.


सीएम योगी ने बच्चों और अभिभावक से किया संवाद
दस वर्ष चिनहट रामलीला मैदान में रहने वाली माही ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि पहले जब हम भिक्षा मांगते थे कि तो लोग हमें डांटकर भगा देते थे. मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार की वजह से हमें स्कूल में एडमिशन मिला और आज हम पढ़ पा रहे हैं. माही ने बताया की वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. 12 वर्ष के इकबाल ने अपने परिवार की कहानी सुनाते हुए कहा कि अभाव की वजह से उसके पिता ठीक से इलाज नहीं हो पाया था। इसलिए वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहते हैं. इकबाल ने संकल्प लेते हुए कहा कि अगर वह दिखते बन गए तो हर बीमार व्यक्ति का एक रुपए में इलाज करेंगे. सरकार की योजनाओं के माध्यम से मिले लाभ पर इकबाल ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया.

ये भी पढ़ेंः Jyoti Maurya: साधारण घर से ससुराल आई बहू कैसे बनी SDM, आखिर 13 साल बाद पति-पत्नी क्यो हो रहे दूर

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राचीन काल में भिक्षाटन भारतीय परम्परा का हिस्सा थी. इसके माध्यम से एक संन्यस्त व्यक्ति अपने अहंकार को त्यागकर समाज के दर्शन को समझ पाता था. आज भिक्षावृत्ति बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है. उन्होंने कहा कि बच्चों को दिव्यांग बनाकर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाने वाले गिरोहों के खिलाफ हमारी सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. साथ ही भिक्षावृत्ति विमुक्त हुए बच्चों को सरकार प्लेटफार्म दे रही है. स्माइल परियोजना इसी लिए प्रारंभ हुई है.


सीएम योगी ने भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए बच्चों को 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' (सामान्य) और स्माइल परियोजना के लाभार्थी बच्चों को अपने सरकारी आवास पर बुधवार को प्रमाणपत्र एवं शैक्षिक किट वितरित किए. इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए 102 बच्चों को यहां देखकर प्रसन्नता हो रही है. हमारी सरकार इन बच्चों को स्वयंसेवी संस्थाओं से जोड़कर इनके भविष्य को संवार रही है. गरीब से गरीब बच्चा पढ़ सके और अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सके. इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद 2017 से सभी बच्चों को ड्रेस, बैग, पुस्तकें, स्वेटर, जूते और मोजे उपलब्ध करा रही है. आज प्रदेश के 1.91 करोड़ बच्चे इस सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं.


सीएम योगी ने कहा कि जीवन में यदि सफल होना है तो हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. कोई भी कार्यक्रम तभी सफल हो सकता है जब हम उसे पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाते हैं. पिक एंड चूज ना हो, किसी के साथ भेदभाव ना हो और अनावश्यक सिफ़ारिशें ना हो. मेरिट के आधार पर कार्य हों तो लखनऊ को हम भिक्षावृत्ति से मुक्त कर लेंगे. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए विभागों को कार्य करना चाहिए. पटरियों पर सोने वालों को रैन बसेरों में ले जाएं. हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है. एक अच्छा इंसान ही एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर और अच्छा अधिकारी बन सकता है. शासन के योजनाए लोगों तक पहुंचे इस बात का विशेष ध्यान रखें.


सीएम योगी ने कहा कि रजिस्टर्ड श्रमिकों और अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के लिए हमारी सरकार अटल आवासीय विद्यालय बना रही है. इस विद्यालय में सीबीएसई पैटर्न पर बच्चों को कक्षा एक से लेकर 12वीं तक शिक्षा मुफ्त में दी जा रही है. उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति समस्या का समाधान नहीं है, समस्या का समाधान परिश्रम है. सही दिशा का चयन कर जो लोग अपनी घर गृहस्थी संभालने के साथ-साथ अपनी आजीविका को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं वो सफल हो रहे हैं. प्रदेश में ही ऐसे बहुत उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे। ऐसा ही एक उदाहरण बीसी सखी योजना के अंतर्गत हम देख सकते हैं। सुल्तानपुर जनपद की एक बीसी सखी ने अपना टर्नओवर इतना बढ़ाया है कि वह हर महीने 1.20-1.30 लाख रुपए कमीशन कमा रही है.


सीएम योगी ने बच्चों और अभिभावक से किया संवाद
दस वर्ष चिनहट रामलीला मैदान में रहने वाली माही ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा कि पहले जब हम भिक्षा मांगते थे कि तो लोग हमें डांटकर भगा देते थे. मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार की वजह से हमें स्कूल में एडमिशन मिला और आज हम पढ़ पा रहे हैं. माही ने बताया की वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. 12 वर्ष के इकबाल ने अपने परिवार की कहानी सुनाते हुए कहा कि अभाव की वजह से उसके पिता ठीक से इलाज नहीं हो पाया था। इसलिए वह पढ़ लिखकर डॉक्टर बनना चाहते हैं. इकबाल ने संकल्प लेते हुए कहा कि अगर वह दिखते बन गए तो हर बीमार व्यक्ति का एक रुपए में इलाज करेंगे. सरकार की योजनाओं के माध्यम से मिले लाभ पर इकबाल ने सीएम योगी को धन्यवाद दिया.

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