लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध निर्माण पर कठोर कार्रवाई करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ठोस रणनीति बनाकर अवैध कब्जे हटाये जाएं. इसके साथ ही जिन अधिकारियों के कार्यकाल में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण हुए हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. जिन लोगों ने अवैध निर्माण कर रखे हैं उन्हें पहले नोटिस दिया जाए. वे खुद गिरा लेते हैं तो ठीक है, अन्यथा सम्बंधित विभाग अवैध निर्माण ध्वस्त कर दे. मुख्यमंत्री ने मलिन बस्तियों को कार्ययोजना बनाकर बसाने और अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों के चालान काटने के भी निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को लोकभवन में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की प्रस्तावित शमन योजना 2020 का प्रस्तुतीकरण देखते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों, कमर्शियल एवं आवासीय भवनों में मानक से अधिक निर्माण को लेकर एक ठोस कंपाउंडिंग पॉलिसी लाई जाए. इसको लेकर जनता की राय भी ली जाए. फिर प्रचार-प्रसार कर पूरी शक्ति के साथ अभियान चलाकर अवैध निर्माण ध्वस्त किए जाएं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों के कार्यकाल में अवैध कॉलोनियां बसाई गई हैं उनकी जवाबदेही भी तय की जाए. अलग-अलग टीमें बनाकर अवैध निर्माण को चिन्हित करें, जिन्होंने भी अवैध निर्माण किया है उन्हें इसके बारे में बताया जाए. अगर वह स्वयं ही अपना अवैध निर्माण ध्वस्त करते हैं तो ठीक नहीं तो विभाग उसे ध्वस्त कर उनसे शमन शुल्क वसूले. इसको लेकर पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि इसके नाम पर कहीं कोई अनैतिक कमाई का जरिया न बनने पाए.
मलिन बस्तियों को पूरी तैयारी के साथ बसाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी भी मलिन बस्तियां हैं इन सबके जीवन स्तर को सुधारा जा सकता है. सब सरकारी और नजूल की जमीनों पर बसी हैं. एक जगह प्लानिंग कर उन्हें बेहतर सुविधाओं के साथ बसाया जाए. उन्होंने कहा कि सभी टाउन को लेकर एक ठोस प्लानिंग बनाई जाए, जिसमें सभी बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए. जी+2 से ऊपर का निर्माण करने वालों को मानक का ध्यान रखते हुए परमिशन दिया जाए. कमर्शियल भवनों में पार्किंग की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि हर शहर में आठ से 10 क्रेन और ट्रैफिक के सिपाहियों की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए. जहां भी सड़कों पर गाड़ी खड़ी की जा रही हो उनका चालान किया जाए.