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विकास दुबे और उसके करीबियों की 147 करोड़ की संपत्ति की जांच करेगी ईडी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बिकरू कांड की घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके करीबियों की 147 करोड़ की संपत्ति की जांच के लिए हरी झंडी दे दी. इसकी जांच ईडी करेगा. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में विकास दुबे और उससे जुड़े लोगों की संपत्ति की जांच की सिफारिश की थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
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Published : Dec 15, 2020, 10:01 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:08 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिकरू कांड की घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके फाइनेंसर की 147 करोड़ की अवैध संपत्ति व उससे जुड़े हुए लोगों के आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का निर्णय लिया है. कानपुर के बिकरू कांड के तत्काल बाद एसआईटी का गठन किया गया था और घटना के सारे पहलुओं की जांच का जिम्मा भी दिया गया था. अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में विकास दुबे और उसके करीबियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने की सिफारिश की थी. मंगलवार को मुख्यमंत्री ने एसआईटी की इस सिफारिश को हरी झंडी दे दी.


मुख्यमंत्री ने एसआईटी की सिफारिश को माना

कानपुर के बिकरू कांड के बाद 11 जुलाई को अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी को इस पूरे कांड के सभी पहलुओं पर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था. एसआईटी ने अपनी 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को पिछले महीने सौंप दी थी. वहीं, इस जांच में विकास दुबे और उसके करीबियों की 147 करोड़ की संपत्ति का हवाला दिया और पूरी जांच को प्रवर्तन निदेशालय से कराने की सिफारिश भी की थी. आज मुख्यमंत्री ने एसआईटी की इस सिफारिश को मान लिया है.

पढ़ें: विकास दुबे के 30 साथियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई

विकास दुबे को लेकर क्या थी एसआईटी की सिफारिश

कानपुर के बिकरू कांड को लेकर एसआईटी की तीन सदस्यीय टीम ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह कहा था कि विकास दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए. क्योंकि विकास दुबे ने अकेले इतनी बड़ी संपत्ति आखिर कैसे जुटा ली. वहीं, एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में 80 पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी कार्रवाई की सिफारिश की थी, क्योंकि यह अधिकारी विकास दुबे के मददगार थे.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिकरू कांड की घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे और उसके फाइनेंसर की 147 करोड़ की अवैध संपत्ति व उससे जुड़े हुए लोगों के आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का निर्णय लिया है. कानपुर के बिकरू कांड के तत्काल बाद एसआईटी का गठन किया गया था और घटना के सारे पहलुओं की जांच का जिम्मा भी दिया गया था. अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में विकास दुबे और उसके करीबियों की संपत्ति की जांच ईडी से कराने की सिफारिश की थी. मंगलवार को मुख्यमंत्री ने एसआईटी की इस सिफारिश को हरी झंडी दे दी.


मुख्यमंत्री ने एसआईटी की सिफारिश को माना

कानपुर के बिकरू कांड के बाद 11 जुलाई को अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी को इस पूरे कांड के सभी पहलुओं पर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था. एसआईटी ने अपनी 3200 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को पिछले महीने सौंप दी थी. वहीं, इस जांच में विकास दुबे और उसके करीबियों की 147 करोड़ की संपत्ति का हवाला दिया और पूरी जांच को प्रवर्तन निदेशालय से कराने की सिफारिश भी की थी. आज मुख्यमंत्री ने एसआईटी की इस सिफारिश को मान लिया है.

पढ़ें: विकास दुबे के 30 साथियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई

विकास दुबे को लेकर क्या थी एसआईटी की सिफारिश

कानपुर के बिकरू कांड को लेकर एसआईटी की तीन सदस्यीय टीम ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह कहा था कि विकास दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए. क्योंकि विकास दुबे ने अकेले इतनी बड़ी संपत्ति आखिर कैसे जुटा ली. वहीं, एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में 80 पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी कार्रवाई की सिफारिश की थी, क्योंकि यह अधिकारी विकास दुबे के मददगार थे.

Last Updated : Dec 15, 2020, 10:08 PM IST
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