लखनऊ : शुक्रवार को सीएम योगी ने यूपी बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि यूपी में चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां लगीं, कोई परिवारवाद, भाई-भतीजावाद नहीं, हर गांव शहर में योग्यता के आधार पर लोगों को नौकरी दी गई.प्रदेश में आज सड़कों का जाल बिछा है. गांव, तहसील से लेकर फोर लेन तक सड़कों की कनेक्टिविटी की गई है. सिस्टम वही है, सब कुछ वही है बस सरकार में कुछ चेहरे बदले हैं और उन्हीं बदले चेहरों ने प्रदेश में ये बदलाव किया है.
यूपी में निवेश को लेकर सीएम योगी ने कहा कि जब पहली इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा हुई थी तब हमारी टीम को भी भरोसा नहीं था कि तीन लाख करोड़ से अधिक का निजी निवेश होगा. आज हर कोई प्रदेश में निवेश करने को तैयार है. यहां एक सुरक्षा का माहौल है. कोरोना नियंत्रण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 16 महीनों से देश दुनिया कोरोना महामारी की आपदा झेल रही है, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने बहुत ही मजबूती के साथ कोरोना का मुकाबला किया. जब कोरोना आया था तब हमारे पास टेस्टिंग क्षमता नहीं थी. आज हमारे पास चार लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता है. उत्तर प्रदेश 6 करोड़ कोविड टेस्ट करने वाला देश का पहला राज्य बना है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की बनाई रणनीति ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट पर काम करके ही हमने कोरोना जैसी महामारी को काबू करने में सफलता पाई है. साथ ही हमारी निगरानी समितियां भी लगातार कोविड लक्षण वाले लोगों की जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था कर रही थी. पहली बार भारत में हुआ है कि विश्व की सबसे बड़ी महामारी आने के 9 माह के अंदर ही दो-दो वैक्सीन बनी हैं. साथ ही लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाना ये ऐतिहासिक कदम है. कोरोना का असर कम नहीं हुआ है. हमें लापरवाह नहीं होना है. कोविड प्रोटोकाल का पालन करना है. जीवन भी बचाना है और जीविका भी बचाना है.
आगे सीएम योगी ने कहा कि ई पॉस मशीन ने खाद्यान्न व्यवस्था को पारदर्शी बनाने का काम किया है. घटतौली न के बराबर हुई है. बावजूद इसके लापरवाह होने की जरूरत नहीं है. इसकी सतत निगरानी जरूरी है. बाण सागर परियोजना, सरयू परियोजना, अर्जुन सहायक नजर परियोजना दशकों से लंबित थीं, जिन्हें आज पूरा कर किसानों के जीवन को खुशहाल किया गया. आज सिंचाई क्षमता को कई गुना बढ़ाया गया है. हर घर नल योजना के माध्यम से हर घर को शुद्ध जल पहुंचाने का काम किया गया ताकि बुंदेलखंड समेत अन्य जगहों पर गंदे पानी से होने वाली बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सके.