लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वर्चुअल (virtual meeting) माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की 'ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट' की नीति से प्रदेश में कोविड नियंत्रण में प्रभावी सफलता मिल रही है. कोविड संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में कमी और रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड वैक्सीनेशन व मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि जून, जुलाई और अगस्त में 10 करोड़ प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखकर कार्य किया जाए.
लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ और सहारनपुर में अनलॉक पर 8 जून को निर्णय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वाराणसी, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और मुजफ्फरनगर में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 600 से कम हो गई है. इसलिए सोमवार से बरेली व बुलंदशहर सहित इन चारों जनपदों में सप्ताह के 5 दिन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू में छूट दी जाए. रात्रिकालीन एवं साप्ताहिक बंदी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जनपदों में प्रभावी रहेंगे. उन्होंने कहा कि लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ और सहारनपुर में कोरोना संक्रमण के मामले अभी भी 600 से अधिक हैं. इन जनपदों के सम्बन्ध में मंगलवार को विचार किया जाएगा.
अनलॉक होने के बाद कानपुर में बढ़ा संक्रमण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. संक्रमण के प्रत्येक मामले में कम से कम 12 से 15 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए. जनपद कानपुर नगर में कोरोना संक्रमण के 100 से अधिक मामले प्रकाश में आए हैं. इसके दृष्टिगत जिला प्रशासन पूरी सावधानी और सतर्कता बरतते हुए कार्यवाही करे.
सुदृढ़ हो रहे हैं प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण कार्य की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक मेडिकल उपकरण क्रियाशील अवस्था में रहने चाहिए. उपकरणों का बेहतर रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए. सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टॉक रजिस्टर अनिवार्य रूप से होना चाहिए. इनमें सभी उपकरणों की इंट्री भी अवश्य हो. अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों को उपलब्ध कराए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का समुचित रख-रखाव हो, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उनको इस्तेमाल में लाया जा सके. उन्होंने कहा कि संबंधित अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केंद्र के स्टॉक रजिस्टर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की इंट्री भी होनी चाहिए.
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मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण कार्य की नियमित समीक्षा की जा रही है. पूरे प्रदेश को 5 जोन में विभाजित कर स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण कार्य की प्रगति की निगरानी की जा रही है. जनपद स्तर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई है. मुख्यमंत्री को बताया गया कि कोविड बेड की संख्या में निरंतर वृद्धि की जा रही है. विगत दिवस विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 70 बेड की वृद्धि हुई है. मानव संसाधन में आवश्यकतानुसार बढ़ोत्तरी के लिए भर्ती की कार्यवाही भी संचालित है. पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) और नियोनेटल आईसीयू (नीकू) स्थापना की कार्यवाही भी संचालित है. ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए भारत सरकार से प्राप्त दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही उपचार से संबंधित वैकल्पिक दवाइयों की व्यवस्था भी की जा रही है.
स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनकी तैनाती व्यावहारिक ढंग से की जाए. उन्होंने कहा कि कार्यालय प्रबंधन कार्य से जुड़े चिकित्सकों को कार्यमुक्त कर फील्ड में तैनात किया जाए. सीएमओ, एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ द्वारा भी ओपीडी में मरीजों को देखा जाए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में एक-दो घंटे मरीजों को देखें. इससे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं और बेहतर तथा कारगर बनेंगी. अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर उपस्थित सभी चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ और पैरामेडिकल स्टॉफ आवश्यक रूप से एप्रन व नेम प्लेट धारण करें.
जून से अगस्त तक लगेगी 10 करोड़ लोगों को वैक्सीन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में 2 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर की जा चुकी है. 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के आयुवर्ग के अंतर्गत भी 30 लाख से अधिक युवाओं को वैक्सीन की डोज एडमिनिस्टर की जा चुकी है. प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही को और बड़े पैमाने पर तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जून, जुलाई और अगस्त में 10 करोड़ प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखकर कार्य किया जाए. कुछ जनपदों को चिह्नित कर अभियान चलाकर 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखकर कार्य किया जाए. आवश्यकता होने पर वैक्सीनेशन का कार्य दो शिफ्ट में भी कराया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन कार्य को अभियान के रूप में संचालित करने के लिए व्यापक और प्रभावी तैयारी की जाए. वैक्सीन की सप्लाई चेन को सुदृढ़ और प्रभावी बनाए जाने के साथ ही उपलब्ध वैक्सीन डोज को यथाशीघ्र लगाने पर फोकस किया जाए. इसके लिए बड़ी संख्या में वैक्सीनेटर्स को प्रशिक्षित कराया जाए. वैक्सीनेटर के रूप में कार्य करने के लिए नर्सिंग के द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों तथा पैरामेडिकल के द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों का प्रशिक्षण कराया जाए. वैक्सीनेशन कार्य में लगाए जाने वाले कर्मियों को वैक्सीन का वेस्टेज न्यूनतम रखने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित और सुचारु ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. वैक्सीनेशन सेंटर पर अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो और न ही वैक्सीनेशन के लिए आने वाले लोगों को लाइन लगानी पड़े. वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की अवश्य व्यवस्था की जाए. उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेंटर पर बुलाया जाए, जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है. वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जाए.
साप्ताहिक बंदी के दिन किया जाए सैनिटाइजेशन का काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए. साप्ताहिक बंदी के दौरान शनिवार और रविवार को प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अभियान चलाकर व्यापक रूप से स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग की कार्यवाही की जाए. वर्षा काल में फैलने वाली विभिन्न वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम में यह कार्यवाही अत्यंत सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण मुक्त गांवों में मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यों को गति दी जाए. एक्सप्रेस-वे के किनारों पर व्यापक स्तर पर पौधारोपण के लिए तैयारी कर ली जाए.